Bahraich Madrasa Attendance Scam: Teachers Marked Present But Absent During Surprise Inspection
बहराइच के मदरसे में फर्जी हाजिरी और अव्यवस्था का खुलासा, निरीक्षण में कई शिक्षक मिले गैरहाज़िर
AIN NEWS 1 बहराइच (उत्तर प्रदेश) — जिले के एक प्रतिष्ठित मदरसे में बड़ी लापरवाही और अनियमितता का खुलासा हुआ है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने जब अचानक मदरसा जामिया अशरफिया मसऊदुल उलूम, छोटी तकिया का निरीक्षण किया, तो उन्हें ऐसी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं जिससे वह चौंक गए।
फर्जी हाजिरी का मामला उजागर
निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजिका (अटेंडेंस रजिस्टर) में प्रधानाचार्य मोहम्मद शमीम आलम, आलिया शिक्षक गुल मोहम्मद खान, तथा तहतानिया शिक्षक अब्दुल अजीज नईमी के हस्ताक्षर दर्ज थे। लेकिन सच्चाई यह थी कि ये सभी शिक्षक मदरसे में मौजूद ही नहीं थे। यही नहीं, एक अन्य अध्यापक मोहम्मद जियाउद्दीन हसन भी निरीक्षण के समय गैरहाज़िर पाए गए।
यह स्पष्ट संकेत है कि मदरसे में शिक्षक बिना उपस्थित हुए ही अपनी फर्जी हाजिरी दर्ज कर रहे थे। अधिकारी ने मौके पर ही शिक्षकों को इस लापरवाही के लिए फटकार लगाई और स्थिति को गंभीरता से लिया।
शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह ठप
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कक्षा 9 और 10 (मौलवी कोर्स) और कक्षा 11 व 12 (आलिम कोर्स) की पढ़ाई पूरी तरह बंद थी। यानी उच्च कक्षाओं के छात्र उस समय कोई भी शिक्षा नहीं प्राप्त कर रहे थे। यह बात न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी प्रभावित करती है।
मिड-डे मील योजना में भी अनियमितता
मदरसे में मिड-डे मील (दोपहर का भोजन) योजना भी निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं चलाई जा रही थी। सोमवार के मीनू के अनुसार बच्चों को रोटी और सब्जी (जिसमें दाल बड़ी या सोयाबीन होनी चाहिए थी) तथा ताजे मौसमी फल मिलना चाहिए था। लेकिन वास्तविकता में बच्चों को केवल चावल और आलू-परवल की सब्जी परोसी गई।
यह भोजन न केवल पोषण की दृष्टि से अधूरा था, बल्कि सरकारी योजनाओं की अवहेलना का भी प्रतीक है।
बच्चों की उपस्थिति बेहद कम
कक्षा 2 में कुल 28 छात्रों में से केवल 4 छात्र ही उपस्थित पाए गए। अन्य कक्षाओं में भी छात्रों की उपस्थिति काफी कम थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मदरसे में पढ़ाई के प्रति न शिक्षक गंभीर हैं और न ही बच्चों की उपस्थिति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
साफ-सफाई की स्थिति भी दयनीय
निरीक्षण के दौरान मदरसे की सफाई व्यवस्था भी काफी खराब पाई गई। शौचालय, कक्षाएं और आसपास का परिसर गंदगी से भरा हुआ था। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।
जिला अधिकारी का सख्त रुख
इन सभी अनियमितताओं को देखकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने संबंधित स्टाफ को मौके पर ही फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाहियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शीघ्र ही सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने सुधार की समय-सीमा भी तय करने के निर्देश दिए।
समाज में बढ़ा आक्रोश
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी का माहौल है। अभिभावकों ने मांग की है कि संबंधित जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
A shocking case of negligence was uncovered during a surprise inspection at Jamia Ashrafia Masoodul Uloom Madrasa in Bahraich, Uttar Pradesh. The district minority welfare officer found that the principal and several teachers had marked fake attendance while being absent. Classes for Maulvi and Aalim levels were completely halted, the mid-day meal scheme was not followed as per norms, and student presence was alarmingly low. The inspection revealed severe mismanagement, raising concerns over the quality of education and accountability in minority institutions.