AIN NEWS 1: संभल में जामा मस्जिद के पास बन रही पुलिस चौकी पर एक विवाद खड़ा हो गया है। AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि यह चौकी वक्फ की जमीन पर बनाई जा रही है। उन्होंने मंगलवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर दस्तावेज शेयर करते हुए कहा कि यह भूमि वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद की है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस निर्माण के जरिए एक खतरनाक माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही है, और पीएम मोदी तथा सीएम योगी आदित्यनाथ इसके लिए जिम्मेदार हैं।
ओवैसी ने कहा, “प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर प्रतिबंध है, और यह पुलिस चौकी उसी नियम का उल्लंघन है।” उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम इलाकों में स्कूल और अस्पताल बनाने की आवश्यकता है, न कि पुलिस चौकी और शराब की दुकानें, जो पहले से बहुत सारी खुल चुकी हैं।
बीजेपी प्रवक्ता का पलटवार
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने ओवैसी के आरोपों का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि क्या संभल में पुलिस चौकी न बनाए जाने पर आतंकियों का अड्डा बनाया जाएगा? शुक्ला ने ओवैसी से सवाल किया कि उनके पास कौन सी दूरबीन है जो यह पता लगा रहे हैं कि कौन सी जमीन वक्फ की है और कौन सी नहीं। उन्होंने कहा, “यदि यह वक्फ की जमीन है, तो ओवैसी को वक्फ ट्रिब्यूनल में जाना चाहिए, न कि बिना तथ्यों के आरोप लगाना चाहिए।”
संभल में बावड़ी की खुदाई जारी
इस बीच, संभल में बावड़ी की खुदाई का काम 11वें दिन भी जारी है। मंगलवार को प्राचीन फूटा हुआ घड़ा और बावड़ी की दूसरी मंजिल का रास्ता सामने आया। इससे पहले दूसरी मंजिल और उसके सभी गेट दिखाई दे चुके थे। माना जा रहा है कि बावड़ी अपने समय में बहुत भव्य और विशाल रही होगी। पुलिस और पीएसी ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और बाहरी लोगों के बावड़ी परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
संभल में पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। ओवैसी ने इसे अवैध करार दिया है, जबकि बीजेपी ने इसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक बताया है। यह मामला न सिर्फ कानून के उल्लंघन से जुड़ा है, बल्कि स्थानीय राजनीतिक दलों के बीच भी तनाव का कारण बन चुका है। अब देखना यह है कि इस विवाद का क्या हल निकलता है।