AIN NEWS 1: 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, जो कज़ान, रूस में आयोजित किया गया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न बिंदुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने विशेष रूप से BRICS देशों में बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक सहयोग पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने के लिए ‘गतिशक्ति’ पोर्टल का निर्माण किया गया है। यह पोर्टल विकास की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन में सहायता कर रहा है और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद कर रहा है। मोदी ने अपने अनुभवों को साझा करने की इच्छा व्यक्त की और BRICS देशों के बीच वित्तीय एकीकरण बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत किया।
उन्होंने स्थानीय मुद्रा में व्यापार और सरल सीमा पार भुगतान की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कहा, जिससे BRICS देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ेगा। मोदी ने भारत के द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली कई देशों में अपनाई जा चुकी है। पिछले साल, इसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शेख मोहम्मद के सहयोग से लॉन्च किया गया था।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अन्य विदेशी देशों के साथ भी इस प्रकार की सहयोग की संभावनाएं मौजूद हैं।
इस प्रकार, मोदी ने ब्रिक्स देशों के बीच बुनियादी ढांचे और वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों का सुझाव दिया। उनका उद्देश्य BRICS देशों की आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाना है, ताकि सभी देशों के लिए विकास और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह BRICS देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग के नए रास्ते खोजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
BRICS देशों के लिए यह समय है कि वे एकजुट होकर काम करें और साझा विकास के लक्ष्य को प्राप्त करें। प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश न केवल भारत के लिए, बल्कि सभी BRICS देशों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है।
सारांश में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुनियादी ढांचे, वित्तीय सहयोग और तकनीकी नवाचार के माध्यम से BRICS देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे भविष्य में वैश्विक आर्थिक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं।