Bullet Train from Delhi to Varanasi to Cover 840 Km in Just 3.5 Hours by 2029
दिल्ली से वाराणसी तक सिर्फ 3.5 घंटे में बुलेट ट्रेन, जानें रूट और स्टेशनों की पूरी जानकारी
AIN NEWS 1: भारत सरकार देश के दो प्रमुख शहरों, दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। यह हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट “दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर” (DVHSRC) के तहत विकसित किया जा रहा है। इस बुलेट ट्रेन से दिल्ली से वाराणसी की 840 किलोमीटर की दूरी महज 3.5 घंटे में तय की जा सकेगी, जो अभी की तुलना में काफी तेज़ और सुविधाजनक होगा।
क्यों जरूरी है यह बुलेट ट्रेन?
वाराणसी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण शहर है। लेकिन दिल्ली से वाराणसी की यात्रा मौजूदा साधनों से काफी थकाऊ और समय लेने वाली होती है। सामान्य ट्रेनों से इस दूरी को तय करने में लगभग 12 घंटे लगते हैं, जबकि फ्लाइट के किराए अधिक होने के कारण वह हर किसी के बजट में नहीं होता। ऐसे में बुलेट ट्रेन इस दूरी को महज साढ़े तीन घंटे में तय करके यात्रा को न केवल तेज़, बल्कि आरामदायक भी बनाएगी।
बुलेट ट्रेन का रूट और स्टेशन
इस बुलेट ट्रेन परियोजना में कुल 12 स्टेशन होंगे, जो दिल्ली से वाराणसी के बीच बनाए जाएंगे। यह ट्रेन दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से चलकर निम्नलिखित स्टेशनों पर रुकेगी:
1. नोएडा सेक्टर-146
2. जेवर एयरपोर्ट
3. मथुरा
4. आगरा
5. इटावा
6. कन्नौज
7. लखनऊ
8. रायबरेली
9. प्रतापगढ़
10. प्रयागराज
11. भदोही
12. वाराणसी (मंडुवाडीह स्टेशन)
इस तरह उत्तर प्रदेश के कई बड़े और महत्वपूर्ण शहर इस बुलेट ट्रेन रूट से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे न केवल आम लोगों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन और कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।
लागत और निर्माण कार्य
इस बुलेट ट्रेन परियोजना की कुल लागत लगभग 43,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। परियोजना को वर्ष 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह भारत में सबसे तेज़ और अत्याधुनिक रेलवे कॉरिडोर में से एक होगा।
दिल्ली में इस बुलेट ट्रेन के लिए सराय काले खां इलाके में एक नया अंडरग्राउंड स्टेशन बनाया जा रहा है। इसके लिए करीब 15 किलोमीटर लंबी सुरंग तैयार की जा रही है। वहीं, लखनऊ में बुलेट ट्रेन का स्टेशन अवध क्रॉसिंग के पास बनाया जाएगा, जो अमौसी एयरपोर्ट और चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच में स्थित होगा।
ट्रेन की रफ्तार और संचालन
बुलेट ट्रेन की औसत गति 250 से 320 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होगी। इस रूट पर हर दिन 18 ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक संचालित होंगी। हर 47 मिनट में एक ट्रेन उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को बार-बार इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
लोगों को क्या होंगे फायदे?
यात्रा का समय घटकर 3.5 घंटे रह जाएगा।
ट्रेनों और बसों की तुलना में अधिक आरामदायक सफर।
फ्लाइट के मुकाबले कम खर्चीला विकल्प।
यूपी के कई शहरों से दिल्ली की कनेक्टिविटी में सुधार।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
बुलेट ट्रेन सिर्फ एक यातायात साधन नहीं, बल्कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक बड़ी छलांग है। दिल्ली से वाराणसी तक की यह हाई-स्पीड ट्रेन न केवल यात्रियों को राहत देगी, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक गति को भी तेज़ करेगी। साल 2029 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है और आने वाले समय में यह भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक हो सकती है।
India’s upcoming bullet train from Delhi to Varanasi will revolutionize travel by reducing the journey time to just 3.5 hours across 840 kilometers with 12 strategic stations along the route. Expected to be completed by 2029, this high-speed rail project, known as the Delhi-Varanasi High Speed Rail Corridor (DVHSRC), is estimated to cost ₹43,000 crore. The bullet train will connect major cities like Noida, Agra, Lucknow, and Prayagraj, and operate 18 trains daily, bringing convenience, speed, and comfort to millions of passengers.