Chandrashekhar Azad Accused in Rohani Case: Brij Bhushan Reacts, UP Politics Shaken
“रोहानी के आरोपों से काँप उठा सियासी मंच: चंद्रशेखर आज़ाद पर सवालों की बौछार”
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक और बड़ा विवाद सामने आया है। नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर एक दलित युवती रोहानी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले ने न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी उथल-पुथल मचा दी है।
🔹 रोहानी के आरोप क्या हैं?
रोहानी ने सार्वजनिक तौर पर एक वीडियो में अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद ने उनका शोषण किया और फिर जब वह न्याय के लिए आगे बढ़ीं तो उन्हें धमकाया गया और चुप रहने का दबाव डाला गया। उनका कहना है कि वह एक कमज़ोर तबके से आती हैं और उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है।
🔹 चंद्रशेखर आज़ाद की चुप्पी पर सवाल
अब तक चंद्रशेखर आज़ाद की तरफ से इस मामले पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उन्होंने इस आरोप को लेकर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस या सार्वजनिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है। इससे कई राजनीतिक विशेषज्ञ यह सवाल कर रहे हैं कि क्या वह राजनीतिक ढाल के पीछे छिप रहे हैं?
🔹 बृजभूषण शरण सिंह का तीखा बयान
पूर्व WFI अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने चंद्रशेखर पर सीधा हमला बोलते हुए कहा:
“अगर इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो तूफान खड़ा कर देंगे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब हम पर आरोप लगे थे, तो इन्हीं लोगों ने हमें गांव से घसीटकर ले जाने की धमकी दी थी। अब जब इन पर सवाल उठे हैं, तो ये लोग चुप क्यों हैं?
🔹 विपक्ष की खामोशी पर चर्चा
इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) जैसे विपक्षी दल अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं।
यह चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है:
क्या यह राजनीतिक मजबूरी है?
क्या दलित मुद्दे पर बोलना सिर्फ तब तक सीमित रहता है जब सामने वाला विरोधी हो?
क्या आजाद समाज पार्टी की जातीय पकड़ के कारण बाकी दल चुप हैं?
🔹 जातीय जनगणना से जुड़ता साज़िश का शक?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला जातीय जनगणना के मुद्दे से भी जुड़ा हो सकता है। चंद्रशेखर आज़ाद हाल ही में इस विषय पर मुखर थे। ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि यह सारा विवाद कहीं किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं?
🔹 FIR दर्ज हुई या नहीं?
अब तक की जानकारी के मुताबिक इस मामले में FIR दर्ज नहीं की गई है।
यह बात भी आम लोगों के बीच चिंता का विषय बनी हुई है कि जब कोई आम नागरिक ऐसा आरोप लगाता है तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन राजनीतिक रसूखदारों पर ऐसा क्यों नहीं?
🔹 सोशल मीडिया पर हंगामा
जैसे ही रोहानी का वीडियो सामने आया, #JusticeForRohani ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। लोग सरकार, विपक्ष, और पुलिस प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं:
क्या न्याय सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है?
क्या दलित महिलाओं की आवाज़ तब तक ही सुनी जाती है जब वह राजनीतिक लाभ दे?
🔹 लोकतंत्र की अग्निपरीक्षा
यह मामला केवल चंद्रशेखर आज़ाद तक सीमित नहीं है, यह पूरे लोकतंत्र, न्याय व्यवस्था और राजनीतिक नैतिकता की परीक्षा है।
क्या सत्ताधारी और विपक्ष दोनों एक ही तराजू पर तौले जाएंगे?
क्या एक आम दलित बेटी की चीखें सत्ता के गलियारों तक पहुंच पाएंगी?
Chandrashekhar Azad, the Nagina MP and head of Azad Samaj Party, faces serious allegations from a Dalit girl named Rohani. She has accused him of harassment and using political power to suppress her voice. BJP leader Brij Bhushan Singh has demanded an FIR, while the silence of opposition parties like Congress and AAP is raising questions. The Rohani case has now become a symbol of the larger political, social, and caste-based crisis in Uttar Pradesh. Keywords like Chandrashekhar Azad, Rohani Case, Dalit Justice, Rape Allegation, and UP Politics are central to this breaking controversy.
रोहानी के आरोपों ने यह साफ कर दिया है कि चाहे कोई भी हो — सत्ता में या विपक्ष में — अगर न्याय नहीं होगा तो जनता सवाल पूछेगी।
अब बारी कानून की है।
क्या वह भी राजनीति के दबाव में चुप रहेगा या एक दलित बेटी को इंसाफ मिलेगा?
अगर आप मानते हैं कि सच सामने आना चाहिए —
तो इस रिपोर्ट को ज़रूर शेयर करें।
#JusticeForRohani #ChandrashekharAzad