AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसके मास्टरमाइंड छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी लंबे समय से चल रही जांच के बाद हुई है, जिसमें पता चला है कि किस तरह से एक संगठित गैंग गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर उनका धर्मांतरण करवा रहा था।
कौन है छांगुर बाबा?
छांगुर बाबा उर्फ छांगुर यादव मूल रूप से गाजीपुर जिले के मरदह थाना क्षेत्र का रहने वाला है। वह खुद को एक ‘बाबा’ के रूप में प्रचारित करता था और भोले-भाले लोगों के बीच ‘धार्मिक चमत्कार’ दिखाने के नाम पर अपना प्रभाव बनाता था। इस तरीके से वह उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित करता और बाद में धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था।
ATS की जांच और खुलासे
उत्तर प्रदेश एटीएस ने जब इस मामले की गहन जांच की तो सामने आया कि छांगुर बाबा का संबंध एक बड़े अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट से है। इसमें न केवल देशभर के लोग शामिल हैं बल्कि विदेशों से फंडिंग भी की जा रही थी।
इस गैंग में सोशल मीडिया, वॉट्सऐप ग्रुप, फर्जी दस्तावेज और हवाला नेटवर्क के जरिए गतिविधियां चलाई जाती थीं। एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि छांगुर बाबा ने कई लोगों के नाम, पते और धर्म को बदलने के लिए फर्जी आधार कार्ड, पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनवाए थे।
विदेशी फंडिंग और हवाला कनेक्शन
जांच में सामने आया है कि इस गैंग को कई एनजीओ और विदेशों से आर्थिक सहायता मिल रही थी। यह पैसा हवाला के जरिए भारत में लाया जाता था और इसका इस्तेमाल धर्मांतरण, प्रचार सामग्री, और स्थानीय एजेंटों को भुगतान करने में होता था।
इस नेटवर्क के कई अन्य सदस्य भी निगरानी में हैं और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं।
पीड़ितों की कहानी
जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया, उनमें ज़्यादातर गरीब, दलित, या मानसिक रूप से असहाय लोग थे। उन्हें लालच देकर – जैसे कि इलाज, नौकरी, शिक्षा या आर्थिक सहायता – धर्म बदलने के लिए राज़ी किया जाता था।
कुछ मामलों में मानसिक दबाव और डर का भी इस्तेमाल किया गया, जिससे लोग विरोध न कर पाएं।
कानूनी कार्रवाई और सुरक्षा एजेंसियों का रुख
छांगुर बाबा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूपी धर्मांतरण निषेध अधिनियम की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह कोई साधारण गिरोह नहीं, बल्कि एक संगठित अभियान है जो देश की धार्मिक-सामाजिक संरचना को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।
धर्मांतरण का मनोवैज्ञानिक असर
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के धर्मांतरण सिर्फ एक धार्मिक मुद्दा नहीं बल्कि एक गहरी मानसिक और सामाजिक योजना का हिस्सा होते हैं। छांगुर बाबा जैसे लोग लोगों की भावनाओं और परिस्थितियों का शोषण करते हैं और फिर उन्हें अपनी योजना का हिस्सा बना लेते हैं।
समाज की भूमिका
इस तरह के मामलों से निपटने के लिए समाज को भी जागरूक होना होगा। पंचायतों, मोहल्ला समितियों और सामाजिक संस्थाओं को सतर्क रहना चाहिए और यदि कहीं कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत प्रशासन को जानकारी देनी चाहिए।
छांगुर बाबा की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि एक ऐसे जाल का पर्दाफाश है जो गुपचुप तरीके से समाज को बांटने और प्रभावित करने में लगा हुआ था।
उत्तर प्रदेश एटीएस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि राज्य सरकार और जांच एजेंसियां इस तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
Chhangur Baba, the mastermind behind a major religious conversion gang in Uttar Pradesh, has been arrested by the UP ATS. This conversion racket involved fake documents, illegal funding from abroad, and forced conversions. The arrest of Chhangur Baba highlights the growing network of organized religious conversion in India and the significant role of sleeper cells, hawala operators, and local agents involved in this conspiracy.