AIN NEWS 1: प्रयागराज के संगम नोज घाट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरती की। यह अवसर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से भरा हुआ था, जहां संगम के पवित्र जल के बीच आस्था और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। मुख्यमंत्री का यह दौरा आगामी महाकुंभ मेला 2025 की तैयारियों की समीक्षा के लिए था।
महाकुंभ मेला 2025: तिथियां और महत्व
महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। यह आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने आते हैं। महाकुंभ मेले का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी है।
तैयारियों पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर महाकुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं सुचारू और व्यवस्थित हों। खासतौर पर साफ-सफाई, यातायात प्रबंधन, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा इंतजाम पर जोर दिया गया है।
सीएम ने यह भी कहा कि महाकुंभ मेला केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारत और विश्व के लिए गौरव का विषय है। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
भक्तिमय माहौल में की आरती
संगम घाट पर आरती के दौरान सीएम योगी ने पवित्र मंत्रोच्चार के बीच दीप जलाए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग मौजूद थे। संगम घाट पर गंगा आरती के माध्यम से उन्होंने श्रद्धालुओं को स्वच्छता और आस्था का संदेश दिया।
महाकुंभ के विशेष आकर्षण
महाकुंभ मेले में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, आध्यात्मिक प्रवचन और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, मेले में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके आयोजन को बेहतर और यादगार बनाने की योजना है।
प्रयागराज तैयार महाकुंभ 2025 के लिए
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के लिए विशेष बजट आवंटित किया है और व्यवस्थाओं को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की तैयारी की जा रही है। संगम तट पर आरती के इस शुभ अवसर ने यह संदेश दिया कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है।
महाकुंभ मेला न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकता का प्रतीक भी है।