Delhi College Hostel Crisis: 3200 Students Forced to Stay in 1200 Capacity Hostel
दिल्ली के कॉलेज हॉस्टल में बदइंतजामी का खुलासा: 1200 सीटों पर 3200 छात्र, मुख्यमंत्री रेखा हैरान
AIN NEWS 1: दिल्ली के प्रतिष्ठित मौलाना आज़ाद कॉलेज से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। कॉलेज के छात्रावास में केवल 1200 छात्रों के रहने की व्यवस्था है, लेकिन 3200 से अधिक छात्र उसी हॉस्टल में ठूंसे गए हैं। यह हालात देखकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा शर्मा खुद दंग रह गईं।
मुख्यमंत्री रेखा जब कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंचीं, तो छात्रों ने बिना किसी हिचक के अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। उन्होंने बताया कि किस तरह से पिछली सरकारों ने लगातार नजरअंदाजी की और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी हो गई।
छात्रों ने बताया कि उन्हें एक कमरे में चार की बजाय आठ से दस लोगों के साथ रहना पड़ता है। न तो पर्याप्त वॉशरूम हैं और न ही भोजनालय में बैठने की व्यवस्था। गर्मी के मौसम में तो हालत और भी खराब हो जाती है।
मुख्यमंत्री रेखा ने इसे ‘शर्मनाक’ और ‘अकल्पनीय’ बताते हुए कहा —
“मैं पढ़ी-लिखी और तथाकथित प्रगतिशील पिछली सरकारों की कर्तव्यनिष्ठा देखकर हैरान हूं। यह हालात देश की राजधानी के एक प्रतिष्ठित संस्थान में हैं, सोचिए बाकी जगह क्या हाल होगा।”
उन्होंने तुरंत उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और वादा किया कि छात्रों के लिए एक नया और सुविधाजनक हॉस्टल कॉम्प्लेक्स जल्द बनाया जाएगा।
रेखा सरकार ने इस मामले को शिक्षा व्यवस्था की प्राथमिकता में सुधार की जरूरत से जोड़ा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब दिल्ली में ‘संख्या से नहीं, सुविधा से होगी शिक्षा’।
छात्रों का यह भी कहना था कि सालों से प्रशासन को ज्ञापन दिए जाते रहे, लेकिन हर बार फाइलें दबा दी जाती थीं।
इस घटना ने ना केवल दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी बताया है कि छात्रों के रहन-सहन की गुणवत्ता पर ध्यान देना कितना जरूरी है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री रेखा के नेतृत्व में कितनी जल्दी और कैसे बदलाव आते हैं।
A shocking case of hostel overcrowding has emerged from Maulana Azad College in Delhi, where over 3200 students are crammed into a facility meant for just 1200. Delhi Chief Minister Rekha Sharma, during a surprise inspection, expressed deep concern over the deteriorating student housing conditions and immediately ordered a high-level inquiry. This hostel crisis in Delhi highlights the urgent need for infrastructure reform in Indian colleges and better student welfare facilities.