AIN NEWS 1 नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आवास कोविड के दौरान बने थे और दोनों सरकारी आवास हैं, जो जनता के पैसों से बनाए गए हैं। इस बयान में सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि दोनों आवास सरकारी हैं तो मीडिया की उपस्थिति पर बीजेपी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।
मंत्री का बयान:
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “पीएम और सीएम दोनों के आवास कोविड के दौरान बनाए गए थे। ये दोनों सरकारी आवास हैं और व्यक्तिगत आवास नहीं हैं। इन आवासों का निर्माण जनता के करदाता पैसों से हुआ है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि बीजेपी को मीडिया के प्रधानमंत्री के आवास में जाने पर कोई आपत्ति क्यों होनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि ये आवास किसी एक व्यक्ति के निजी संपत्ति नहीं हैं, बल्कि यह सार्वजनिक संपत्ति है और मीडिया को वहां जाने का पूरा अधिकार है। उनके अनुसार, अगर बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास करती है, तो उसे मीडिया की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
बीजेपी पर आरोप:
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह जनता के पैसों का गलत इस्तेमाल कर रही है और पारदर्शिता को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने जो आरोप लगाए हैं, वे केवल राजनीतिक विरोधाभास पैदा करने के लिए हैं। उनका कहना था कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में मीडिया को किसी भी सरकारी संस्थान की निगरानी का अधिकार होता है।
इस बयान से स्पष्ट है कि सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और मीडिया के स्वतंत्र रूप से काम करने के अधिकार की रक्षा की है। अब यह देखना होगा कि बीजेपी इस मुद्दे पर किस तरह की प्रतिक्रिया देती है और क्या वे सौरभ भारद्वाज के आरोपों का जवाब देती हैं।
सम्पूर्ण बयान का संदेश यही है कि सरकारी धन से बने आवासों में मीडिया की उपस्थिति पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है।