Delhi-NCR Property Prices Surge 30% in 2024, Sales Drop Across Cities
दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी के दामों में 30% तक उछाल, लेकिन बिक्री में गिरावट: जानिए कारण और भविष्य की स्थिति
AIN NEWS 1: भारत का रियल एस्टेट बाजार एक दिलचस्प मोड़ पर है। हाल के समय में खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में मकानों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। दूसरी ओर, कुछ शहरों में प्रॉपर्टी की बिक्री में गिरावट भी देखने को मिली है। यह स्थिति बाजार के कई कारकों के कारण उत्पन्न हुई है, जैसे सप्लाई की कमी, अप्रूवल में देरी, और ब्याज दरों में वृद्धि।
दिल्ली-एनसीआर में 30% तक कीमतों की बढ़ोतरी
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मकानों की कीमतों में 31% तक की वृद्धि दर्ज की गई है। अब यहां प्रॉपर्टी की औसत कीमत करीब 11,993 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई है। यह वृद्धि पिछले एक साल में देखने को मिली है। इसी तरह अहमदाबाद जैसे शहर में भी घरों की कीमतों में 15% की सालाना बढ़ोतरी हुई है।
बिक्री में आई गिरावट
बाजार में कीमतें बढ़ने के साथ-साथ बिक्री में गिरावट भी दर्ज की गई है। इस गिरावट के पीछे कुछ खास कारण हैं – जैसे कि कंस्ट्रक्शन के लिए जरूरी अप्रूवल में देरी, प्रोजेक्ट्स की सप्लाई में कमी और लगातार बढ़ती महंगाई। खरीदार अब पहले से ज्यादा सोच-समझकर निवेश कर रहे हैं, जिससे बिक्री की गति धीमी हो गई है।
नए प्रोजेक्ट्स की बढ़ती मांग
कोविड-19 महामारी के बाद लोगों की प्राथमिकताएं बदली हैं। अब वे पुराने बने-बनाए फ्लैट्स की बजाय नए लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स में नई टेक्नोलॉजी, बेहतर डिज़ाइन और आधुनिक सुविधाएं होती हैं, जो ग्राहकों को आकर्षित कर रही हैं।
बिल्डर्स के ऑफर्स और त्योहारों का समय
त्योहारी सीज़न के दौरान बिल्डर्स नए-नए ऑफर और स्कीम्स लेकर आ रहे हैं ताकि बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके। जैसे कि नो प्री-EMI स्कीम, फ्री में पार्किंग या फर्नीचर, और बुकिंग पर डिस्काउंट। इससे कुछ हद तक बिक्री में सुधार देखा गया है, लेकिन कीमतें बढ़ने की वजह से मिडिल क्लास पर असर अब भी बना हुआ है।
2025 में स्थिरता की संभावना
एनरॉक (Anarock) जैसे प्रतिष्ठित रियल एस्टेट रिसर्च संगठनों के अनुसार, 2024 में जो प्रॉपर्टी मार्केट में तेजी थी, वह 2025 में स्थिर हो सकती है। इसका मुख्य कारण है कि कीमतें अब एक सीमा तक पहुंच चुकी हैं और मांग में भी गिरावट आई है।
मध्यम वर्ग पर ब्याज दरों का प्रभाव
बढ़ती ब्याज दरों और महंगाई का सबसे ज्यादा असर मध्यम आय वर्ग के खरीदारों पर पड़ा है। EMI बढ़ने से उनकी खरीद क्षमता पर असर पड़ा है, जिससे वे या तो छोटे घरों की तरफ झुक रहे हैं या फिर अपनी खरीद टाल रहे हैं।
3BHK और बड़े मकानों की बिक्री में सुस्ती
विशेष रूप से 3BHK और उससे बड़े अपार्टमेंट्स की बिक्री में गिरावट आई है। बढ़ती कीमतों और कम होती क्रेडिट योग्यता के कारण लोग अब छोटे और सस्ते विकल्पों को देख रहे हैं।
जेवर एयरपोर्ट के पास प्लॉट्स की भारी मांग
जेवर एयरपोर्ट के आसपास की जमीनें निवेशकों के लिए हॉट केक बन चुकी हैं। हाल ही में वहां 400 प्लॉट्स की स्कीम लॉन्च हुई थी, जिन्हें खरीदने के लिए लोगों में छीना-झपटी मच गई। इसका कारण है आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र का तेज़ विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की उम्मीद।
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर वर्तमान में एक ट्रांज़िशनल फेज़ में है। जहां कुछ क्षेत्रों में कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं, वहीं खरीदारों की मांग बदलती प्राथमिकताओं और बजट की बाधाओं के चलते अलग दिशा में जा रही है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बाजार कैसे प्रतिक्रिया करता है – क्या कीमतें स्थिर होंगी, या फिर कोई नया ट्रेंड शुरू होगा?
The Indian real estate market, especially in Delhi-NCR, is witnessing a 30% surge in housing prices, with rates reaching up to ₹11,993 per sq ft in 2024. Despite the price hike, property sales have declined across several cities due to supply delays, high inflation, and rising interest rates. Buyers are now inclined toward new project launches, while 3BHK and larger homes face reduced demand. The Jevar Airport area has emerged as a property hotspot. These real estate trends are expected to stabilize in 2025, shaping the future of India’s housing market.