AIN NEWS 1: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (SI) राहुल मलिक को ₹2.5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रिश्वत एक नवी मुंबई के टूर ऑपरेटर का नाम एक साइबर अपराध मामले से हटाने के बदले मांगी गई थी।
मलिक ने पहले ₹50 लाख की मांग की थी लेकिन बातचीत के बाद ₹14 लाख पर समझौता हुआ। इस रिश्वत की पहली किस्त ₹2.5 लाख वह हवाला नेटवर्क के जरिए मुंबई में स्वीकार कर रहा था, तभी सीबीआई ने उसे पकड़ लिया।
कैसे सामने आया रिश्वत का मामला?
नवी मुंबई के टूर ऑपरेटर ने सीबीआई को शिकायत दी थी कि रोहिणी साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक केस में उसका नाम फंसाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता की एक कैश मैनेजमेंट कंपनी से व्यावसायिक संबंध थे। उसे एक वर्चुअल वॉलेट दिया गया था, जिसके लॉगिन क्रेडेंशियल फर्जी पाए गए। जब मामला दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में पहुंचा, तो SI राहुल मलिक ने शिकायतकर्ता के साले को नोटिस भेजा और उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी।
रिश्वत की मांग और सौदेबाजी
7 मार्च 2025 को राहुल मलिक नवी मुंबई पहुंचे और शिकायतकर्ता से मिले। उन्होंने धमकी दी कि अगर ₹50 लाख की रिश्वत नहीं दी गई तो उसे और उसके साले को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अगले दिन, एक होटल में हुई बैठक में SI मलिक ने ₹16 लाख टाइप कर दिखाया और कहा कि पैसा न देने पर नतीजे भुगतने होंगे। शिकायतकर्ता ने जब अपने वकील के साथ रोहिणी पुलिस स्टेशन में संपर्क किया, तो बातचीत के बाद मलिक ₹14 लाख की रिश्वत लेने पर तैयार हुआ।
हवाला नेटवर्क के जरिए रिश्वत की पहली किश्त
मलिक ने रिश्वत की रकम लेने के लिए मुंबई के एक हवाला ऑपरेटर का नंबर और हवाला टोकन नंबर दिया। तय हुआ कि पहली किस्त के रूप में ₹2.5 लाख मुंबई में हवाला नेटवर्क के जरिए दिए जाएंगे।
सीबीआई को इस पूरी योजना की जानकारी थी, इसलिए 19 मार्च 2025 को ट्रैप लगाया गया। जैसे ही हवाला ऑपरेटर ने ₹2.5 लाख की रिश्वत स्वीकार की, सीबीआई ने छापा मारकर SI राहुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई की कार्रवाई और आगे की जांच
गिरफ्तारी के बाद मलिक को आगे की जांच के लिए मुंबई ले जाया गया। सीबीआई अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस पूरे हवाला नेटवर्क में कौन-कौन शामिल हैं और इस तरह के भ्रष्टाचार के कितने और मामले इससे जुड़े हो सकते हैं।
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार का यह मामला दिखाता है कि कैसे कुछ अधिकारी कानून का दुरुपयोग कर रिश्वतखोरी में लिप्त हो जाते हैं। लेकिन सीबीआई की कार्रवाई यह साबित करती है कि ऐसे मामलों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
The CBI arrested Delhi Police SI Rahul Malik for accepting a ₹2.5 lakh bribe through hawala operators in Mumbai. He had initially demanded ₹50 lakh to remove a tour operator’s name from a cyber crime case, later settling for ₹14 lakh. The hawala transaction was exposed in a CBI trap, leading to his arrest. Malik had also threatened the victim’s brother-in-law with arrest. This case highlights corruption in the police force, the use of hawala networks for bribery, and the crucial role of CBI in fighting corruption.