AIN NEWS 1: प्रयागराज, जिसे संगम नगरी भी कहा जाता है, आध्यात्मिकता और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। मंगलवार को, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और पूरे माहौल में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संगम स्नान
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ 2025 की पूर्व संध्या पर संगम में स्नान कर आध्यात्मिकता का संदेश दिया। संगम में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है।
शास्त्री जी ने स्नान के बाद कहा, “संगम में स्नान मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है।” उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे धर्म और आध्यात्मिकता को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाएं।
महाकुंभ 2025 की झलक
महाकुंभ 2025 अभी दूर है, लेकिन प्रयागराज में आध्यात्मिक माहौल बनना शुरू हो गया है। संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है और भजन-कीर्तन की ध्वनि गूंज रही है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की उपस्थिति ने भक्तों में नई ऊर्जा भर दी। उनके आगमन से संगम क्षेत्र में भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
धर्म और आस्था का संगम
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की महान विरासत का प्रतीक है।” इस आयोजन के माध्यम से सनातन संस्कृति की गहरी जड़ों को समझा जा सकता है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने “हर-हर गंगे” और “जय श्री राम” के जयकारे लगाए। उनके समर्थकों ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए जगह-जगह फूल बरसाए।
महाकुंभ में भाग लेने वाले संतों और श्रद्धालुओं का कहना है कि इस आयोजन से अध्यात्म और संस्कृति को बल मिलता है।
महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी शिविर बनाए जा रहे हैं और संगम क्षेत्र की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संगम स्नान न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सनातन परंपराओं की भव्यता को भी दर्शाता है। महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालु जुटेंगे और यह आयोजन एक बार फिर भारतीय संस्कृति की अद्भुत झलक पेश करेगा।
Dhirendra Krishna Shastri, the Peethadhishwar of Bageshwar Dham, took a holy dip in Sangam at Prayagraj ahead of Mahakumbh 2025. The spiritual leader emphasized the significance of the Triveni Sangam, where Ganga, Yamuna, and Saraswati rivers merge. Devotees gathered in large numbers, chanting spiritual hymns and experiencing divine energy. The preparations for Kumbh Mela 2025 are in full swing, ensuring a grand and sacred experience for millions of pilgrims. Stay tuned for more updates on Mahakumbh Prayagraj 2025.