UP Police Constable Caught Drunk and Half-Naked Driving in Hapur, Car Seized by Traffic Police
शराब के नशे में अर्धनग्न होकर कार चला रहा था यूपी पुलिस का सिपाही, हापुड़ में पकड़ा गया, कार सीज
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। हापुड़ जिले में मंगलवार को यातायात पुलिस ने एक अजीबोगरीब स्थिति में एक सिपाही को पकड़ा। वह शराब के नशे में धुत था और अर्धनग्न अवस्था में अपनी कार चला रहा था। कार को रोका गया तो उसमें से शराब की बोतलें भी बरामद हुईं। यह घटना न केवल कानून के उल्लंघन का उदाहरण है, बल्कि पुलिस विभाग की छवि पर भी गहरा दाग छोड़ती है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना हापुड़ जिले के थाना देहात क्षेत्र में स्थित ततारपुर तिराहे की है, जहां यातायात पुलिस रोजाना की तरह वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक सफेद रंग की कार को आते देखा गया जिसकी गति असामान्य थी और ड्राइवर की स्थिति पर भी संदेह हुआ। जैसे ही कार नजदीक आई, पुलिसकर्मियों ने देखा कि चालक अर्धनग्न अवस्था में है।
कार को तुरंत रोक लिया गया और चालक से पूछताछ की गई। पूछताछ में पता चला कि चालक बंटी शर्मा है, जो बुलंदशहर का निवासी है और फिलहाल मुज़फ्फरनगर जिले में बतौर सिपाही तैनात है.
शराब की बोतलें और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद
पुलिस ने जब कार की तलाशी ली, तो उसमें से शराब की बोतलें और अन्य नशे से संबंधित सामान बरामद हुए। यह स्पष्ट हो गया कि सिपाही ने ड्यूटी के बाद शराब का सेवन किया और फिर उसी अवस्था में वाहन चलाने लगा।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद यातायात प्रभारी छविराम ने तत्काल कार को सीज करने के आदेश दिए। इसके साथ ही सिपाही को हिरासत में लेने की बजाय उसे चेतावनी देकर सार्वजनिक वाहन से घर भेज दिया गया। उसके परिजनों को भी इस घटना की सूचना दे दी गई।
विभागीय जांच और संभावित सजा
यूपी पुलिस के नियमों के अनुसार, कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी समय के दौरान या ड्यूटी के प्रभाव क्षेत्र में शराब का सेवन नहीं कर सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और इसके लिए सस्पेंशन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है।
इस मामले में विभागीय जांच शुरू हो गई है और जल्द ही संबंधित उच्चाधिकारी इस पर निर्णय लेंगे। बंटी शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
कानूनी पक्ष
अगर यह कोई आम नागरिक होता, तो उसके खिलाफ धारा 185 (नशे की हालत में वाहन चलाना), 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), और सार्वजनिक अश्लीलता जैसे अपराधों में मामला दर्ज होता। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पुलिसकर्मी के लिए कानून अलग है?
हालांकि पुलिस ने कार सीज कर दी है और उच्चाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है, लेकिन अगर इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह विभागीय पक्षपात का संकेत देगा।
जनता में नाराजगी
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों के बीच नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि जब पुलिसकर्मी ही कानून तोड़ेंगे, तो आम नागरिकों से क्या उम्मीद की जाए? कुछ लोगों ने मांग की है कि बंटी शर्मा को सस्पेंड कर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मंगवाई जाए।
पुलिस की छवि पर असर
उत्तर प्रदेश पुलिस पहले ही कई मामलों में आलोचना का शिकार हो चुकी है। ऐसे में एक और सिपाही का इस तरह सार्वजनिक रूप से अनुशासनहीनता दिखाना, पूरे विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाता है। पुलिसकर्मी आम जनता के लिए आदर्श होते हैं और जब वही गलत उदाहरण पेश करें, तो लोगों का कानून पर भरोसा कमजोर होता है।
इससे पहले भी आए हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब किसी पुलिसकर्मी को शराब के नशे में पकड़ा गया हो। पहले भी कई बार सिपाही या दरोगा स्तर के अधिकारियों को ड्यूटी पर शराब पीते या लापरवाही करते हुए पकड़ा गया है। लेकिन अधिकतर मामलों में या तो उन्हें चेतावनी दी जाती है या मामूली कार्रवाई कर छोड़ दिया जाता है।
हापुड़ की यह घटना न केवल व्यक्तिगत अनुशासनहीनता है, बल्कि यह पूरे पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाती है। बंटी शर्मा को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि अन्य पुलिसकर्मियों को यह स्पष्ट संदेश जाए कि कानून सभी के लिए बराबर है, चाहे वह आम नागरिक हो या वर्दीधारी।
पुलिस विभाग को इस घटना को उदाहरण बनाकर पेश करना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आंतरिक निगरानी और कठोर नियमों को लागू करना चाहिए।
A UP Police constable posted in Muzaffarnagar was caught drunk and half-naked while driving a private car through Hapur. Traffic police seized the vehicle after finding liquor bottles inside. Identified as Bunti Sharma from Bulandshahr, the constable was immediately relieved from his vehicle and sent home in a public transport. This incident of police misconduct, drunk driving, and disciplinary failure has raised serious questions about internal accountability within the UP Police department.