अप्रैल में फिर से साग सब्जी खाना हुआ महंगा, चिकन के दाम घटने से पिछले महीने नॉन वेज थाली की कीमतों में आई कमी!

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AIN NEWS 1:बीते कुछ समय से खाने पीने के सामानों की महंगाई ने आम लोगों की रसोई के बजट को हिलाकर रख दिया है. हैरानी की बात ये है कि इस महंगाई से नॉन वेज की जगह वेज थाली खाने वाले ज्यादा परेशान हैं. हर महीने वेज और नॉन वेज थाली की कीमतों में बदलाव पर रिसर्च एजेंसी क्रिसिल रिपोर्ट जारी करती है. अप्रैल में थाली की कीमतों में हुए बदलाव के आधार पर क्रिसिल ने दावा किया है कि बीते महीने वेज थाली के दाम फिर से बढ़े जबकि नॉन वेज थाली सस्ती हो गई है. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों के असर से अप्रैल में शाकाहारी थाली 8 फीसदी महंगी हो गई. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस की मंथली ‘रोटी-चावल दर’ रिपोर्ट के मुताबिक ब्रायलर की कीमत में गिरावट ने नॉन वेज भोजन की लागत में कमी लाने का काम किया है.

टमाटर-प्याज-आलू ने महंगी की वेज थाली!

वेज थाली में रोटी, सब्‍ज‍ियां, चावल, दाल, दही और सलाद शामिल हैं. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी कीमतें अप्रैल में बढ़कर 27 रुपये 40 पैसे प्रति प्लेट हो गई जबकि पिछले साल अप्रैल में इस थाली की कीमत 25 रुपए 40 पैसे थी. वहीं अगर महीने के आधार पर तुलना करें तो मार्च 2024 में शाकाहारी थाली की कीमत 27 रुपये 30 पैसे थी यानी एक महीने में ये 10 पैसे महंगी हुई है. अगर 1 साल में शाकाहारी थाली की कीमतों में हुई कुल बढ़ोतरी में अलग अलग सामानों को देखें तो प्याज के दाम 41 फीसदी, टमाटर की कीमत 40 फीसदी, आलू का प्राइस 38 फीसदी, चावल की कीमत का 14 फीसदी और दालों के दाम का 20 परसेंट योगदान है. रिपोर्ट में महंगे होने वाले सामानों के अलावा सस्ते होने वाले आइटम्स का भी जिक्र है जिसके मुताबिक जीरा की कीमतों में 40 फीसदी, मिर्च के दाम में 31 परसेंट और वनस्पति तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है. इससे थाली की कुल लागत में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है.

चिकन के दाम घटने से नॉन वेज थाली सस्ती हुई

वहीं अगर बात करें नॉन वेज थाली की तो इसकी कीमत अप्रैल में घटकर 56 रुपए 30 पैसे हो गई जबकि अप्रैल 2023 में ये 58 रुपए 9 0 पैसे की थी. हालांकि इस साल मार्च के 54 रुपये 9 0 पैसे के मुकाबले ये अप्रैल में 1 रुपए 40 पैसे महंगी हुई है. नॉन वेज थाली में वैसे तो सभी कुछ वेज थाली की तरह ही होता है लेकिन इसमें दाल की जगह चिकन होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रायलर की कीमत में 12 फीसदी गिरावट की वजह से नॉन वेज थाली सस्ती हुई है. इसके कुल मूल्य में 50 परसेंट योगदान चिकन का होता है. वहीं मार्च के मुकाबले ब्रायलर की कीमत में चार फीसदी का इजाफा होने से नॉन वेज थाली मंथली आधार पर तीन फीसदी महंगी हुई है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि मानसून के आने के बाद ही थाली महंगाई से आम लोगों को राहत मिल पाएगी.

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