AIN NEWS 1 गाजियाबाद: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है जो अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। यह गैंग महिलाओं को वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिए बुलाता था और एक फ्लैट में सेंटर खोलकर परीक्षण कराता था, ताकि किसी को शक न हो। पकड़े गए आरोपी महिलाओं से 5,000 से 10,000 रुपये तक वसूलते थे।
सीएमओ के आदेश पर छापेमारी
गाजियाबाद के थाना टीलामोड़ क्षेत्र में स्थित इंद्रप्रस्थ आवास योजना के एक फ्लैट में यह अवैध सेंटर चलाया जा रहा था। इस बारे में जानकारी मिलने पर सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की। टीम ने इस मामले में मुख्य आरोपी कपिल और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया।
गैंग का modus operandi
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को पता चला कि यह गैंग महिलाओं को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर उनके संपर्क में आता था और उन्हें फ्लैट में बुलाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। इस कार्य के लिए आरोपी 5,000 से 10,000 रुपये तक वसूलते थे।
मुख्य आरोपी कपिल पर पहले भी कई थानों में भ्रूण लिंग परीक्षण से जुड़े मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा, आरोपी सोनू दलाल महिलाओं को इस अवैध सेंटर पर लाता था। पुलिस ने कपिल, वरुण, संदीप, प्रमोद और सुमित के खिलाफ केस दर्ज किया है।
अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद
छापेमारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आरोपी के पास से अवैध पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन भी बरामद की। यह गैंग एक फ्लैट में इस सेंटर को चलाता था, जिससे बाहर से कोई भी व्यक्ति संदेह न कर सके।
कपिल के पिता थे रेडियोलॉजिस्ट
आरोपी कपिल के पिता रेडियोलॉजिस्ट रहे हैं, जो इस गैंग के गतिविधियों में शामिल थे। हालांकि, अब पुलिस सोनू दलाल की तलाश कर रही है, जो महिलाओं को इस सेंटर पर लाने का काम करता था।
पुलिस की कार्रवाई और मामले की जांच
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें जांच में जुटी हैं।
यह गैंग पहले भी पुलिस के रडार पर आ चुका था, लेकिन अब फिर से उनकी गतिविधियों को पकड़ लिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ ने सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।