AIN NEWS 1 कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य पर सकारात्मकता जताई है। ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि पिछले पाँच अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों में निरंतर प्रगति हुई है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल भी शामिल है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार के अमेरिकी चुनाव में जो भी नतीजा होगा, भारत और अमेरिका के संबंध आगे बढ़ते रहेंगे।
जयशंकर ने अमेरिका के साथ भारत की गहरी होती साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ती मित्रता का यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी चुनाव परिणाम के प्रति आश्वस्त है और इस चुनावी फैसले का भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव ही पड़ेगा।
जयशंकर ने कहा, “हमने पिछले पाँच राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में अमेरिका के साथ अपने संबंधों में निरंतर प्रगति देखी है, जिसमें ट्रम्प का पूर्ववर्ती कार्यकाल भी शामिल है। जब हम अमेरिकी चुनावों की ओर देखते हैं तो हमें पूरा विश्वास है कि जो भी परिणाम होगा, हमारे संबंधों में प्रगाढ़ता ही आएगी।”
क्वाड (QUAD) पर विचार
क्वाड समूह की भूमिका पर भी जयशंकर ने विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि क्वाड, जो अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया का सामरिक गठबंधन है, का पुनरुद्धार ट्रम्प के कार्यकाल में ही हुआ था। जयशंकर ने कहा कि क्वाड एक मजबूत और स्थिर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और इसके पुनरुद्धार ने चारों देशों के बीच बेहतर सहयोग का रास्ता खोला है।
जयशंकर ने कहा, “क्वाड का पुनरुद्धार ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान हुआ, और तब से हमने इसके तहत बेहतर रणनीतिक सहयोग और भागीदारी देखी है।”
भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती साझेदारी पर भरोसा
जयशंकर के अनुसार, पिछले कई दशकों में भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी में गहरा सुधार देखा गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस साझेदारी में न केवल आर्थिक और व्यापारिक संबंध शामिल हैं, बल्कि सामरिक और वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है। जयशंकर ने कहा कि यह प्रगति केवल किसी एक प्रशासन की देन नहीं है, बल्कि अमेरिका की नीति में भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार मानने की दिशा में निरंतरता दिखाई देती है।
उनके अनुसार, भारत-अमेरिका संबंधों की यह स्थिरता यह दर्शाती है कि किसी भी अमेरिकी सरकार में भारत के साथ साझेदारी को महत्व दिया जाएगा। उनका मानना है कि इस बार के चुनाव में जो भी प्रशासन सत्ता में आएगा, वह भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक मज़बूत बनाने में प्रयासरत रहेगा।
निष्कर्ष
जयशंकर के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत-अमेरिका संबंध किसी भी राजनीतिक परिवर्तन पर निर्भर नहीं हैं। अमेरिकी चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हों, दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होते रहेंगे और वैश्विक स्तर पर इनके सहयोग में वृद्धि होती रहेगी।