Encroachment Removed Near Mazar in Ghaziabad After Mayor Sunita Dayal’s Strict Action
गाजियाबाद में मजार के पास से हटाया गया अतिक्रमण, मेयर सुनीता दयाल की सख्ती के बाद प्रशासन एक्शन में
AIN NEWS 1: गाजियाबाद नगर निगम ने एक बार फिर अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए GT रोड स्थित शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन के पास एक मजार के चारों ओर बने अवैध निर्माण को हटा दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब नगर निगम की मेयर सुनीता दयाल ने मौके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और सख्त नाराजगी जाहिर की।
मेयर सुनीता दयाल ने जताई नाराजगी
बुधवार को मेयर सुनीता दयाल खुद नगर निगम और कैमरों की टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। वहां उन्होंने मजार के पास बैठे एक व्यक्ति को जमकर फटकार लगाई। इतना ही नहीं, जब एक श्रद्धालु चादर और प्रसाद लेकर मजार पर पहुंचा, तो मेयर ने उसे भी टोका और समझाया कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान जरूरी है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस दौरान मेयर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वे मजार के पास लोगों से सख्त लहजे में बात करती नजर आ रही हैं। वीडियो में साफ दिख रहा था कि मेयर ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी तरह के अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए।
ग्रीन बेल्ट पर हो रहा था अवैध निर्माण
मेयर ने जानकारी दी कि मजार के ठीक पीछे रक्षा मंत्रालय का एक उपक्रम स्थित है। उन्हें सूचना मिली थी कि इस क्षेत्र में लगी ग्रिल को काटकर जमीन को बढ़ाया जा रहा था, जो कि सुरक्षा और सार्वजनिक हित दोनों के लिए खतरा था। जांच में यह भी पाया गया कि मजार के चारों ओर टीनशेड, फट्टे और अन्य अस्थायी ढांचे बनाकर ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कब्जा किया गया था।
मेयर ने साफ कर दिया कि प्रशासन का मकसद किसी धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि सरकारी जमीन और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना है।
सफाई और पौधरोपण के आदेश
अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन ने उस पूरे क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया और वहां पौधरोपण भी किया गया। मेयर ने कहा कि यह स्थान ग्रीन बेल्ट के रूप में चिन्हित है और यहां पर पेड़-पौधे लगाकर इसे हराभरा बनाए जाने की योजना है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे मंदिर हो, मस्जिद हो या मजार — धार्मिक आस्था का सम्मान है, लेकिन यह नहीं हो सकता कि कोई भी सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर ले और उसे निजी संपत्ति में बदल दे।
मजार को लेकर इतिहास और विवाद
इस मजार की ऐतिहासिकता को लेकर भी कई सवाल उठे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां कोई मजार नहीं थी और पिछले कुछ वर्षों में यह निर्माण सामने आया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता वीरेश्वर त्यागी ने भी इस विषय में बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद में “गाजीउद्दीन” नामक किसी ऐतिहासिक व्यक्ति की मजार नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गाजीउद्दीन नामक तीन अलग-अलग व्यक्तियों का जिक्र इतिहास में आता है।
1. पहले गाजीउद्दीन — दिल्ली के अजमेरी गेट पर मदरसा बनवाया और वहीं दफन किए गए।
2. दूसरे गाजीउद्दीन — जिनकी मजार अफगानिस्तान में है।
3. तीसरे गाजीउद्दीन — जिनकी मजार हैदराबाद में है।
वंशजों का दावा – यह मजार गाजीउद्दीन की मां की है
हालांकि, गाजीउद्दीन के वंशजों का दावा है कि गाजियाबाद में स्थित यह मजार गाजीउद्दीन की मां की है। उनका कहना है कि उनके परिवार के कुछ लोग आज भी गाजियाबाद में रहते हैं और नवाब गाजीउद्दीन ने न केवल गाजियाबाद की नींव रखी थी, बल्कि रामलीला मैदान, जीटी रोड स्थित कोतवाली और एमएमएच कॉलेज की जमीन भी दान की थी।
वायरल वीडियो और जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके वीडियो में लोग मेयर की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। कई लोगों ने इसे “जरूरी और साहसिक कदम” बताया है, वहीं कुछ वर्गों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ने की भी कोशिश की है। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल अतिक्रमण हटाने को लेकर थी और इसका धार्मिक आस्था से कोई संबंध नहीं है।
गाजियाबाद प्रशासन ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि शहर की सार्वजनिक और ग्रीन बेल्ट जमीन पर किसी भी प्रकार का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी धार्मिक पहचान से जुड़ा हो। मेयर सुनीता दयाल की सख्ती और प्रशासनिक एक्शन ने साफ कर दिया है कि गाजियाबाद में कानून का राज सर्वोपरि रहेगा और हर नागरिक से यही अपेक्षा की जाएगी कि वे कानून का सम्मान करें।
In Ghaziabad, a major anti-encroachment action was taken near a mazar located close to the GT Road metro station after Mayor Sunita Dayal expressed her displeasure. The area, allegedly being extended by cutting grills and encroaching on green belt land, was cleared following her strong intervention. A viral video showed the Mayor rebuking people near the religious site. This action gained attention due to its connection with urban planning, illegal encroachments, and local heritage debates in Ghaziabad.