High Court Stops Deportation of CRPF Jawan’s Pakistani Wife Minal Khan
CRPF जवान की पाकिस्तानी पत्नी को राहत, कोर्ट ने रोका डिपोर्ट करने का फैसला
AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ जवान मोहम्मद मुनीर की पाकिस्तानी पत्नी मीनाल खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश दिए हैं।
ऑनलाइन शादी से शुरू हुई कहानी
सीआरपीएफ जवान मोहम्मद मुनीर खान ने पाकिस्तान की रहने वाली मीनाल खान से ऑनलाइन बातचीत के बाद शादी की थी। यह शादी ऑनलाइन हुई थी, जिसके बाद मीनाल खान वीजा पर भारत आई थीं और अपने पति के साथ रह रही थीं। उनका वीजा कुछ समय पहले समाप्त हो चुका था, लेकिन वह भारत में ही रह रही थीं।
सरकारी आदेश के बाद शुरू हुई कार्रवाई
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का आदेश दिया। इसी आदेश के तहत मीनाल खान को भी भारत छोड़ने का नोटिस जारी किया गया।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, मीनाल को बॉर्डर तक पहुंचा दिया गया था ताकि उन्हें पाकिस्तान वापस भेजा जा सके। लेकिन इसी बीच उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर दी और तत्काल राहत की मांग की।
हाईकोर्ट से राहत
मीनाल खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने सरकार के डिपोर्टेशन आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि मीनाल को किस आधार पर वापस भेजा जा रहा है, जबकि वह एक भारतीय सीआरपीएफ जवान की पत्नी हैं।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण से विचार करना जरूरी है। जब तक मामला पूरी तरह से नहीं सुलझता, तब तक मीनाल को पाकिस्तान नहीं भेजा जा सकता।
सरकारी पक्ष का तर्क
सरकार का कहना है कि मीनाल खान का वीजा समाप्त हो चुका है और अब वह अवैध रूप से भारत में रह रही हैं। साथ ही, मौजूदा हालात को देखते हुए किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, चाहे उनकी शादी किसी भारतीय से क्यों न हुई हो।
मानवाधिकारों का सवाल
मीनाल खान के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ वीजा या नागरिकता का नहीं है, बल्कि एक महिला के अधिकारों और उसकी सुरक्षा का भी है। उन्होंने यह भी कहा कि मीनाल अब गर्भवती हैं और उनके पति एक सुरक्षाकर्मी हैं, जो देश की सेवा कर रहे हैं।
समाज में बहस तेज
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद समाज में भी बहस तेज हो गई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, और वीजा खत्म होने के बाद किसी को भी देश में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। वहीं, कुछ लोग इसे मानवीय मुद्दा बता रहे हैं और कह रहे हैं कि मीनाल की स्थिति पर विशेष सहानुभूति से विचार किया जाना चाहिए।
अगली सुनवाई का इंतजार
कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है और तब तक मीनाल खान भारत में रह सकती हैं। इस बीच सरकार और संबंधित विभागों को कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
The Jammu and Kashmir High Court has stayed the deportation of Minal Khan, the Pakistani wife of a CRPF jawan, after her visa expired. The case gained attention following the government’s order to send back Pakistani citizens post the Pahalgam terror attack. The court emphasized humanitarian concerns, marking a significant moment in the CRPF jawan Pakistani wife deportation debate. Minal Khan’s marriage to Mohammad Munir, a serving soldier, has sparked discussions on legal rights, Indo-Pak tensions, and cross-border relationships amidst rising national security concerns.