AIN NEWS 1 | भारत सरकार जल्द ही चीन और अन्य देशों से होने वाले सस्ते स्टील के आयात पर 12% का अस्थायी टैरिफ (सुरक्षा शुल्क) लगाने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य घरेलू स्टील उद्योग को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना है। यह टैरिफ 200 दिनों तक लागू रह सकता है और इसे व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिश पर लागू किया जाएगा।
📊 भारत बना स्टील का नेट इम्पोर्टर
भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रूड स्टील उत्पादक देश है, 2024-25 में लगातार दूसरे साल तैयार स्टील का नेट इम्पोर्टर बना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष भारत ने 9.5 मिलियन मीट्रिक टन तैयार स्टील आयात किया, जो पिछले 9 वर्षों में सबसे अधिक है।
🌏 आयात में चीन, जापान और कोरिया का बड़ा हिस्सा
भारत के कुल स्टील आयात में चीन, दक्षिण कोरिया और जापान का योगदान 78% है। सस्ते आयात की वजह से देश की कई छोटी स्टील कंपनियों को उत्पादन घटाने और नौकरियों में कटौती जैसे कठोर कदम उठाने पड़े हैं।
🔍 DGTR की जांच और टैरिफ की सिफारिश
DGTR ने दिसंबर 2023 में जांच शुरू की थी, जिसमें यह पाया गया कि विदेशी सस्ते स्टील से घरेलू उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है। मार्च 2024 में DGTR ने 12% टैरिफ लगाने की सिफारिश की, जिसे अब वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।
🏭 बड़ी स्टील कंपनियों को राहत की उम्मीद
JSW Steel, Tata Steel, SAIL और ArcelorMittal Nippon Steel India जैसी बड़ी कंपनियां लंबे समय से सरकार से सस्ते आयात पर नियंत्रण की मांग कर रही थीं। इन कंपनियों का कहना है कि अगर सरकार टैरिफ नहीं लगाती, तो घरेलू स्टील उद्योग संकट में आ जाता और लाखों नौकरियों पर खतरा मंडराने लगता।
India is planning to impose a 12% temporary tariff on cheap steel imports mainly from China, South Korea, and Japan. This move comes after the Directorate General of Trade Remedies (DGTR) recommended the safeguard duty to protect India’s domestic steel industry, which has been under pressure due to rising imports. Leading Indian steel producers like Tata Steel, JSW Steel, SAIL, and ArcelorMittal Nippon Steel India have supported this move to ensure job security and industrial growth.