AIN NEWS 1: हाल ही में कनाडा में हिंदू भक्तों पर हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले के बारे में कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने अपनी चिंता और आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने इस हमले को “भयानक” बताते हुए कहा कि यह एक नए स्तर पर पहुंच गया है और यह कनाडा में हिंदू भक्तों पर किया गया पहला व्यापक दिन के उजाले में हमला है।
हमला और उसकी गंभीरता
बोर्डमैन ने इस हमले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह घटना न केवल हिंदू समुदाय के लिए बल्कि पूरे कनाडाई समाज के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हमलों का बढ़ना एक खतरनाक संकेत है और इससे धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठता है। उनका मानना है कि यह घटना सिर्फ एक हमला नहीं है, बल्कि यह एक प्रणालीगत समस्या की ओर इशारा करती है।
पुलिस की प्रतिक्रिया पर सवाल
पत्रकार ने कनाडाई पुलिस की प्रतिक्रिया को “घृणित” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला पूरी तरह से रोका जा सकता था। उनके अनुसार, कनाडा में अक्सर देखा जाता है कि पुलिस कानून को उन लोगों पर लागू करने का निर्णय लेती है जो सबसे अधिक कानून का पालन करेंगे। यह स्थिति अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अत्यंत चिंताजनक है, जो अक्सर अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस पर निर्भर होते हैं।
सरकार की चुप्पी
बोर्डमैन ने यह भी कहा कि कनाडा सरकार का कोई भी हिस्सा इस मुद्दे पर हिंदू समुदाय के पक्ष में नहीं आया है। यह स्थिति एक बुनियादी समस्या को उजागर करती है, जहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि आखिरकार जब हिंदू समुदाय के खिलाफ इस तरह के हमले होते हैं, तो सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया इतनी निष्क्रिय क्यों होती है।
निष्कर्ष
इस प्रकार के हमलों के बढ़ते मामलों ने कनाडा में धार्मिक सहिष्णुता और विविधता के लिए एक गंभीर चुनौती पेश की है। बोर्डमैन के बयान से स्पष्ट है कि न केवल हिंदू समुदाय को बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों को इस दिशा में जागरूक होने की आवश्यकता है। कनाडा को एक ऐसा देश बनाना चाहिए जहां सभी धार्मिक समुदायों को समान सुरक्षा और सम्मान मिले।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि हम सभी को एकजुट होकर इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ खड़ा होना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सरकारें और कानून प्रवर्तन एजेंसियां सभी नागरिकों की सुरक्षा का समान ध्यान रखें। ऐसे हमलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सरकारी समर्थन की आवश्यकता है ताकि सभी धार्मिक समुदायों को अपनी आस्था के अनुसार जीने का अधिकार मिल सके।