कपिल सिब्बल का केंद्र पर तीखा वार: “लोकतंत्र की जननी नहीं, तानाशाही के जनक हैं आप”!

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Kapil Sibal Slams ED Notice on National Herald, Calls Modi Govt Anti-Democratic

कपिल सिब्बल का केंद्र पर हमला: “लोकतंत्र की जननी नहीं, तानाशाही के जनक हैं आप”

AIN NEWS 1: राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर तीखा हमला बोला है। नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़ी 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने के ईडी के नोटिस के बाद उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

सिब्बल का आरोप है कि सरकार ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर विपक्ष को पंगु बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है और सरकार की तानाशाही सोच को उजागर करता है।

क्या है मामला?

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की कई संपत्तियों को जब्त करने का नोटिस चिपकाया है। इनमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा की संपत्तियां और लखनऊ की एजेएल बिल्डिंग शामिल हैं।

ईडी ने नोटिस में इन संपत्तियों को खाली करने का निर्देश दिया है। इन संपत्तियों में से कुछ कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के रूप में उपयोग की जा रही थीं।

सिब्बल की प्रतिक्रिया:

कपिल सिब्बल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा,

 “आपने 13 साल तक इंतजार क्यों किया? क्योंकि आप संपत्तियां हड़पना चाहते हैं। कांग्रेस को पंगु बनाना चाहते हैं ताकि वह एक राजनीतिक दल के रूप में काम न कर सके।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के पास इतनी आर्थिक क्षमता नहीं है कि वह नई संपत्तियां खरीद सके। ऐसे में पार्टी को कार्य करने से रोकना लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है।

“तानाशाही के जनक हैं आप” – सिब्बल का बयान

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिब्बल ने कहा,

“हम दिखावटी तौर पर खुद को लोकतंत्र की जननी बताते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आप तानाशाही के जनक हैं।”

उन्होंने भाजपा पर हिंदू-मुस्लिम एजेंडा चलाने और विपक्ष को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया। उनका मानना है कि सरकार का लक्ष्य न केवल कांग्रेस, बल्कि समूचे विपक्ष को कमजोर करना है।

संपत्ति कब्ज़े की मंशा पर सवाल

सिब्बल का कहना है कि नोटिस का असली उद्देश्य नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को कब्जे में लेकर कांग्रेस पार्टी की गतिविधियों को रोकना है। उन्होंने इसे सोची-समझी रणनीति करार दिया, जिसके जरिए सरकार पार्टी मुख्यालयों को जब्त कर उसे निष्क्रिय करना चाहती है।

लोकतंत्र पर खतरा

उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव पर चोट है। जब सत्ताधारी दल विपक्ष को काम नहीं करने देगा, उसकी आर्थिक और भौतिक संरचना पर हमला करेगा, तो लोकतंत्र कैसे जीवित रह सकता है?

एजेंसियों का दुरुपयोग

कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि यह सरकार विपक्ष को खत्म करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार की यह सोच नहीं बदलेगी, तब तक देश में निष्पक्ष लोकतंत्र की कल्पना अधूरी ही रहेगी।

Kapil Sibal has strongly criticized the ED notice on National Herald, calling it a politically motivated move by the Modi government to weaken the Congress party. The notice targets AJL properties linked to the party, raising concerns about the use of investigative agencies to suppress democracy in India. Sibal accused the BJP of trying to paralyze the opposition and damage democratic institutions under the guise of law enforcement. This incident has intensified the ongoing debate on political misuse of ED and CBI against opposition parties.

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