AIN NEWS 1: करतारपुर साहिब कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण धार्मिक मार्ग है जो भारत के श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के नारोवाल स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारे तक वीजा-मुक्त पहुंच की सुविधा प्रदान करता है। यह कॉरिडोर 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत स्थापित किया गया था।
समझौते का इतिहास:
24 अक्टूबर 2019 को इस कॉरिडोर के लिए मूल समझौता साइन किया गया था। इस समझौते के अंतर्गत भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए सरल प्रक्रिया का लाभ मिला। करतारपुर साहिब सिख समुदाय के लिए एक विशेष धार्मिक स्थान है, जहां गुरु नानक देव जी ने अंतिम समय बिताया था।
एग्रीमेंट का विस्तार:
हाल ही में, इस कॉरिडोर के एग्रीमेंट को 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय सिख श्रद्धालुओं के लिए एक सकारात्मक कदम है, जो नियमित रूप से इस पवित्र स्थल की यात्रा करते हैं।
महत्व:
करतारपुर साहिब कॉरिडोर ने हजारों श्रद्धालुओं के लिए एक अहम कड़ी का काम किया है। यह मार्ग न केवल धार्मिक यात्रा को आसान बनाता है, बल्कि दोनों देशों के बीच सिख समुदाय के लिए एक पुल का भी काम करता है।
भविष्य की दिशा:
इस कॉरिडोर के विस्तार से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। यह सिख श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी प्रकट करता है और उन्हें अपने धर्म की जड़ों से जुड़े रहने का एक नया अवसर प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
करतारपुर साहिब कॉरिडोर का एग्रीमेंट बढ़ाना, सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल तीर्थयात्रियों की धार्मिक आस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी समझ और भाईचारे को भी मजबूत करेगा।