ब्रैम्पटन में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने मंदिर में घुसकर किया हिन्दू समुदाय पर हमला
AIN NEWS 1: कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में रविवार को खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने एक मंदिर में घुसकर वहां मौजूद हिन्दू समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया। यह घटना तब हुई जब खालिस्तानी समर्थक हिन्दू समुदाय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान हिंसा पर उतारू हो गए।
घटना की पृष्ठभूमि
रविवार के दिन, ब्रैम्पटन के मंदिर परिसर के बाहर खालिस्तानी समर्थक एकत्रित हुए थे। ये लोग हिन्दू समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और उनका विरोध काफी उग्र रूप ले चुका था। विरोध के दौरान उन्होंने मंदिर के बाहर बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया। हालात तेजी से बिगड़ते गए और कट्टरपंथियों ने मंदिर के अंदर घुसकर हिंसा शुरू कर दी।
मंदिर के अंदर तोड़फोड़ और श्रद्धालुओं पर हमला
जैसे ही खालिस्तानी समर्थक मंदिर के अंदर घुसे, उन्होंने वहां मौजूद हिन्दू श्रद्धालुओं पर हमला करना शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने न केवल शारीरिक हिंसा की बल्कि मंदिर में तोड़फोड़ भी की, जिससे श्रद्धालुओं में भय और असुरक्षा की भावना फैल गई।
पुलिस और सुरक्षा बलों का हस्तक्षेप
घटना के बाद, स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कुछ देर तक संघर्ष किया और कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। इस बीच, कनाडा में रहने वाले हिन्दू समुदाय ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है और खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
समुदाय में बढ़ती असुरक्षा और तनाव
कनाडा में हिन्दू समुदाय के लोगों के बीच इस घटना के बाद असुरक्षा की भावना और तनाव बढ़ गया है। कई लोग इस घटना को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि हाल के दिनों में खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। हिन्दू समुदाय ने कनाडाई सरकार से अपील की है कि वह इस प्रकार के हिंसक प्रदर्शनों को रोके और समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
सरकारी प्रतिक्रिया
कनाडाई सरकार ने इस घटना पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की हिंसा और धार्मिक असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। इसके साथ ही, कनाडा में शांति और भाईचारे को बनाए रखने की अपील भी की गई है।
निष्कर्ष
ब्रैम्पटन की इस घटना ने कनाडा में हिन्दू समुदाय के प्रति हो रहे हमलों और असहिष्णुता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समुदाय के लोग अब इस मुद्दे पर न्याय और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। सरकार से यह अपेक्षा है कि वह न केवल दोषियों को दंडित करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को भी रोकेगी।
कुल मिलाकर, ब्रैम्पटन में हुआ यह हमला सिर्फ एक धार्मिक स्थल पर हमला नहीं है, बल्कि एक पूरे समुदाय की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा करता है।