J&K LG Manoj Sinha Performs Pratham Puja at Amarnath Cave to Begin Annual Yatra
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बाबा बर्फानी की गुफा में की प्रथम पूजा, अमरनाथ यात्रा का विधिवत शुभारंभ
AIN NEWS 1: श्री अमरनाथ यात्रा 2025 का शुभारंभ विधिवत रूप से हो चुका है। इस धार्मिक यात्रा की शुरुआत हर साल की तरह इस बार भी प्रथम पूजा से की गई, जो कि परंपरा अनुसार पवित्र अमरनाथ गुफा में होती है। इस बार जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वयं गुफा में जाकर बाबा बर्फानी की पूजा की और यात्रा की औपचारिक शुरुआत की।
🔱 “हर हर महादेव” के जयघोष के साथ हुई पूजा
मनोज सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा,
“हर हर महादेव! बाबा बर्फानी के चरणों में नमन कर पवित्र गुफा में प्रथम पूजा की। इस पूजा के साथ ही श्री अमरनाथ जी यात्रा 2025 की विधिवत शुरुआत हो गई है। बाबा अमरनाथ जी हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें।”
यह संदेश केवल एक ट्वीट नहीं था, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक सन्देश था कि अमरनाथ यात्रा अब शुरू हो गई है और बाबा बर्फानी भक्तों का आह्वान कर रहे हैं।
🧘♂️ अमरनाथ यात्रा का महत्व
अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की प्रमुख तीर्थ यात्राओं में से एक है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु 13,000 फीट ऊंची अमरनाथ गुफा की कठिन चढ़ाई करते हैं ताकि बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें। यह गुफा हिमालय की गोद में स्थित है और वहां पर बनने वाला प्राकृतिक बर्फ का शिवलिंग शिवभक्तों के लिए अद्भुत चमत्कार माना जाता है।
📅 यात्रा की परंपरा और शुरुआत
अमरनाथ यात्रा की परंपरा के अनुसार यात्रा की शुरुआत से पहले गुफा में “प्रथम पूजा” की जाती है। यह पूजा यात्रा की सफलता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए की जाती है। इस बार यह पूजा 11 जून 2025 को की गई और पूजा करने के लिए स्वयं उपराज्यपाल गुफा में पहुंचे।
🛡️ प्रशासनिक तैयारियां
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस यात्रा को लेकर सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्ग पर CRPF, पुलिस, सेना और ITBP को तैनात किया गया है। इसके अलावा, चिकित्सा शिविर, मोबाइल टॉयलेट, हेलीकॉप्टर सेवा और इंटरनेट की सुविधा भी प्रदान की गई है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा की तैयारियों का खुद निरीक्षण किया और कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा उनकी प्राथमिकता है।
📍 यात्रा मार्ग
अमरनाथ यात्रा दो मुख्य मार्गों से होती है:
1. पहलगाम मार्ग (करीब 46 किलोमीटर)
2. बालटाल मार्ग (करीब 14 किलोमीटर)
पहलगाम मार्ग लंबा है लेकिन अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है। वहीं बालटाल मार्ग थोड़ा कठिन है लेकिन तेज है। अधिकतर युवा यात्री बालटाल से जाना पसंद करते हैं।
🕉️ आस्था और विश्वास का प्रतीक
अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, यह आस्था, विश्वास और साहस का प्रतीक है। अनेक श्रद्धालु कठिन परिस्थितियों के बावजूद हर साल इस यात्रा को पूरा करते हैं। यह यात्रा उन्हें आंतरिक शांति और अध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है।
🙏 मनोज सिन्हा की भूमिका
मनोज सिन्हा न केवल जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं, बल्कि उन्होंने इस यात्रा के सफल संचालन में एक आस्थावान सेवक की भूमिका निभाई है। उनकी गुफा में मौजूदगी और पूजा से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस यात्रा को पूरी गंभीरता से ले रहा है।
उनका यह कदम एक सांस्कृतिक नेतृत्व का उदाहरण भी है जो धार्मिक परंपराओं को सरकारी स्तर पर भी पूरा सम्मान देता है।
🌐 सोशल मीडिया में उत्साह
LG मनोज सिन्हा के पूजा करने का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इस यात्रा को लेकर अत्यधिक उत्साहित हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर “Baba Barfani”, “Amarnath Yatra 2025”, “Har Har Mahadev” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
श्री अमरनाथ यात्रा 2025 का शुभारंभ एक दिव्य और पवित्र वातावरण में हुआ। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा की गई “प्रथम पूजा” ने इस यात्रा की आध्यात्मिक ऊर्जा को और भी बढ़ा दिया है। यात्रा को लेकर सुरक्षा और सुविधाओं की व्यापक व्यवस्था की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुगम यात्रा अनुभव मिलेगा।
बाबा बर्फानी के दरबार में हर साल की तरह इस बार भी करोड़ों श्रद्धालु पहुंचेंगे और अपने श्रद्धा भाव से बाबा को नमन करेंगे। यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।
Jammu and Kashmir LG Manoj Sinha performed the sacred Pratham Puja at the holy Amarnath Cave, officially marking the beginning of the Shri Amarnath Ji Yatra 2025. With chants of “Har Har Mahadev”, LG Sinha paid obeisance to Baba Barfani and prayed for the well-being of all devotees. This annual Hindu pilgrimage attracts lakhs of yatris from across India. The event was widely covered and signifies the spiritual and cultural importance of the Amarnath Yatra.