Massacre of 62,000 Christians by Islamic Extremists in Nigeria: Media and UN Silent
नाइजीरिया में इस्लामिक आतंकियों द्वारा ईसाइयों का नरसंहार: 62,000 से ज्यादा की हत्या
AIN NEWS 1: नाइजीरिया में इस्लामिक आतंकी संगठन मुस्लिम फुलानी समूह द्वारा ईसाइयों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा और नरसंहार जारी है। वर्ष 2000 से अब तक लगभग 62,000 ईसाइयों की हत्या हो चुकी है। हाल के महीनों में, विशेष रूप से मार्च और अप्रैल 2025 में, अत्याचार और हत्याओं के कई भयावह मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद मुख्यधारा मीडिया और संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी ने लोगों को हैरान कर दिया है।
हालिया घटनाएं: मार्च-अप्रैल 2025
जीनोसाइड वाच की रिपोर्ट के अनुसार, 27 मार्च से 13 अप्रैल 2025 के बीच कम से कम 126 ईसाइयों की हत्या कर दी गई है। इन हमलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि रुवि गाँव में एक अंतिम यात्रा के दौरान 12 शोकाकुलों की हत्या कर दी गई और एक 19 वर्षीय युवती का सामूहिक बलात्कार हुआ।
Plateau State में सेना की मौजूदगी के बावजूद ईसाई समुदायों के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। क्रिश्चियन सालिडैरीटी इंटरनेशनल के अध्यक्ष डॉ. जॉन ऐबनेर ने कहा कि नाइजीरिया की सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत होने के बावजूद कोई प्रभावी हस्तक्षेप नहीं हो पाया है। न तो हमलावरों को पकड़ा गया है और न ही कोई ठोस कार्रवाई हुई है।
बर्बर हत्याएं: कुल्हाड़ी से सिर काटना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर हत्याएं बेहद क्रूर तरीके से, कुल्हाड़ी से सिर काटकर की गई हैं। एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया जहां 7 वर्षीय नेनचे स्टीवेन पर भी कुल्हाड़ी से हमला किया गया। उसके पिता की हत्या कर दी गई, माँ के हाथ काट दिए गए और भाई-बहनों को भी मार डाला गया। स्टीवेन किसी तरह जीवित बच गया, लेकिन वह आज भी दर्द से कराहता है।
लंबे समय से जारी हिंसा
मुस्लिम फुलानी चरवाहों का ईसाई किसानों पर हमला कोई नई बात नहीं है। 2018 से यह सिलसिला लगातार जारी है। फुलानी चरवाहे जबरन भूमि पर कब्जा करने के लिए ईसाई किसानों को मारते और भगाते रहे हैं। भूमि विवाद ने धीरे-धीरे मजहबी संघर्ष का रूप ले लिया है।
फ्रांस 24 के अनुसार, हाल ही में बेनुए राज्य में कम से कम 56 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह क्षेत्र चरवाहों और किसानों के बीच संघर्ष के लिए पहले से ही संवेदनशील रहा है।
जीनोसाइड वाच की सूची के कुछ प्रमुख घटनाक्रम
24 मार्च 2025: फुलानी चरमपंथियों ने 19 वर्षीय महिला का अपहरण कर 4 दिन तक सामूहिक बलात्कार किया।
2 अप्रैल: हुरती समुदाय के 15 गांवों पर हमला, 56 लोगों की मौत, 5000 से अधिक लोग विस्थापित।
6 अप्रैल: डबवाम और फविल समुदायों में हमले, कई लोग घायल और हत्या।
10-13 अप्रैल: तंजोल, वेरेंग और बायेई समुदायों पर लगातार हमले, दर्जनों की हत्या और फसलें नष्ट।
भयावह आंकड़े
जीनोसाइड वाच की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2000 से अब तक लगभग 62,000 ईसाइयों की हत्या हो चुकी है। यह संख्या नाइजीरिया के भीतर ईसाई समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर खतरे और संकट को उजागर करती है।
मीडिया और संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी पर सवाल
इन घटनाओं के बावजूद न तो संयुक्त राष्ट्र ने कोई निंदा प्रस्ताव पारित किया और न ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस नरसंहार को प्रमुखता से कवर किया। मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन लगातार इस चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या वैश्विक संस्थान केवल चुनिंदा हत्याओं पर प्रतिक्रिया देना पसंद करते हैं?
नाइजीरिया में इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा ईसाई समुदाय पर किया जा रहा अत्याचार मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध है। इन घटनाओं को अनदेखा करना और पीड़ितों की आवाज़ को दबाना वैश्विक संस्थाओं की निष्क्रियता को दर्शाता है। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मसले पर गंभीरता से ध्यान दे और न्याय सुनिश्चित करे।
The massacre of Christians in Nigeria by Muslim Fulani extremists has claimed over 62,000 lives since 2000, with horrific incidents continuing into March and April 2025. Despite widespread killings, rapes, and mass displacements in Plateau State and Benue State, there has been a deafening silence from global media and the United Nations. The Christian genocide in Nigeria highlights a severe humanitarian crisis that remains largely ignored on the international stage.