AIN NEWS 1 : मुरादाबाद के दौलतबाग इलाके में स्थित प्राचीन गौरीशंकर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य अब शुरू हो गया है। यह मंदिर 1980 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद हो गया था, जब मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। मंदिर का पुनर्निर्माण प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाकर किया जा रहा है।
मंदिर के जीर्णोद्धार में मिली ऐतिहासिक धरोहर
मंदिर की खुदाई के दौरान पुरातात्विक महत्व की कुछ महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। इनमें 1954 का एक नक्शा और कई खंडित मूर्तियां शामिल हैं, जो मंदिर की प्राचीनता को साबित करती हैं। यह सामग्री इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए बहुत मायने रखती है, क्योंकि यह मंदिर की पुरानी संरचना और धार्मिक महत्व को उजागर करती है।
प्रशासन की पहल
मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य प्रशासन के सख्त प्रयासों से शुरू किया गया है। पहले मंदिर के आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण था, जिसे प्रशासन ने हटवाया और अब मंदिर की पुरानी स्थिति को बहाल करने के लिए पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर है। इस पहल से इलाके में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है, और स्थानीय लोग इस ऐतिहासिक मंदिर के फिर से खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
स्थानीय जनता का उत्साह
गौरीशंकर मंदिर का जीर्णोद्धार स्थानीय समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मंदिर के पुनर्निर्माण से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित किया जाएगा, बल्कि यह क्षेत्रीय पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। मंदिर का ऐतिहासिक महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांप्रदायिक सद्भावना की दृष्टि से भी अहम है।
आगे का रास्ता
मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य धीरे-धीरे पूरा हो रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोला जाएगा। इसके साथ ही, प्रशासन ने यह भी कहा है कि भविष्य में मंदिर के आसपास की साफ-सफाई और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर का सही तरीके से संरक्षण किया जा सके।
गौरीशंकर मंदिर का जीर्णोद्धार मुरादाबाद के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक नई उम्मीद का प्रतीक है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए गौरव का विषय बन गई है।