यूपी BJP की खींचतान दिल्ली पहुंची: प्रदेश अध्यक्ष ने मोदी-शाह को सौंपी रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव के नतीजे और असंतोष
लोकसभा चुनाव में कम सीटें मिलने के बाद यूपी सरकार के कामकाज पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने सवाल उठाए हैं। इस बीच, यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सरकार और संगठन के बीच मौजूदा खींचतान और लोकसभा चुनाव की रिपोर्ट सौंपी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल की मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की, हालांकि इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया है।
केशव मौर्य की नाराजगी के कारण
- 2017 विधानसभा चुनाव: केशव मौर्य उस समय यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। भाजपा को बहुमत मिला, लेकिन योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने।
- 2022 चुनाव: केशव मौर्य अपनी सीट हार गए, जिससे उनकी पार्टी में स्थिति कमजोर मानी गई।
- वर्तमान स्थिति: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद योगी आदित्यनाथ की स्थिति कमजोर मानी जा रही है, जिससे योगी और केशव मौर्य के बीच मतभेद की खबरें फिर सामने आई हैं।
हालिया बयान और संगठन का महत्व
केशव मौर्य ने 14 जुलाई को प्रदेश कार्य समिति की बैठक में यह कहकर सियासी हलचल बढ़ा दी कि “सरकार से बड़ा संगठन है।”
हरियाणा में अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण, बिना ब्याज 5 लाख तक का लोन
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण देने का ऐलान किया है। इसके तहत, अग्निवीरों को पुलिस कॉन्स्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, और SPO की सीधी भर्ती में 10% आरक्षण मिलेगा।
अन्य लाभ
- ग्रुप C और D की भर्तियां: अग्निवीरों को 3 साल की छूट मिलेगी और ग्रुप C की भर्तियों में 5% आरक्षण भी मिलेगा।
- बिना ब्याज लोन: अग्निवीरों को 5 लाख तक का लोन बिना ब्याज के मिलेगा।
इससे पहले, 12 जुलाई को CISF और BSF ने भी पूर्व अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने का ऐलान किया था।
अग्निवीर स्कीम क्या है?
केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसके तहत अग्निवीरों को 4 साल के लिए भर्ती किया जाएगा। 4 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अग्निवीर सेना में स्थायी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। सेना के अधिकारी अग्निवीरों को उनकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर स्थायी करने पर विचार करेंगे। 25% अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती किया जाएगा।
कर्नाटक में निजी नौकरियों में 100% आरक्षण पर विवाद: सरकार ने स्थानीय लोगों को रिजर्वेशन देने का बिल रोका
कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के फैसले पर अस्थाई रोक लगा दी है। 15 जुलाई को सिद्धारमैया कैबिनेट ने एक बिल को मंजूरी दी थी, जिसमें प्राइवेट कंपनियों में ग्रुप सी और डी की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 100% आरक्षण देने का प्रावधान था।
बिल के प्रावधान
- नॉन-मैनेजमेंट पोस्ट: 75% आरक्षण
- मैनेजमेंट लेवल स्टाफ: 50% आरक्षण
इस बिल को 18 जुलाई को विधानसभा में पेश करने की योजना थी, लेकिन बड़ी इंडस्ट्रीज के विरोध के चलते सरकार ने इसे रोक दिया।
स्थानीय की परिभाषा
कर्नाटक सरकार के बिल के अनुसार, स्थानीय व्यक्ति वो है:
- जो कर्नाटक में जन्मा हो
- 15 वर्षों से राज्य में रह रहा हो
- स्पष्ट रूप से कन्नड़ बोलने, पढ़ने और लिखने में सक्षम हो
कर्नाटक में 20% गैर-कन्नड़ आबादी काम करती है, जबकि बेंगलुरु की कंपनियों में गैर-कन्नड़ कर्मचारियों की संख्या 35% है।
अन्य राज्यों के प्रयास
कर्नाटक से पहले हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र ने भी निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% तक आरक्षण देने का ऐलान किया था। हालांकि, ये घोषणाएं कोर्ट में अटक गईं या इन पर काम नहीं हो सका।
शुभेंदु अधिकारी बोले- BJP को अल्पसंख्यक मोर्चा बंद कर देना चाहिए
पश्चिम बंगाल के BJP विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा, “भाजपा को अल्पसंख्यक मोर्चे की जरूरत नहीं है। हम जीतेंगे, हम हिंदुओं को बचाएंगे और संविधान को भी बचाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि हमें ‘सबका साथ, सबका विकास’ की जरूरत नहीं।
बयान की सफाई
अपने बयान के कुछ घंटे बाद, शुभेंदु अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री का यह नारा अभी भी कायम है।”
शुभेंदु के बयान का कारण
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, बीजेपी को लोकसभा चुनाव में मुस्लिम और हिंदू महिलाओं का पर्याप्त वोट नहीं मिला। शुभेंदु का मानना है कि “सबका साथ, सबका विकास” नारा बेकार है। उन्होंने कहा, “जो हमारे साथ है, हम उनके साथ हैं। राज्य में मुस्लिम वोट TMC को मिल रहा है। ऐसे में अल्पसंख्यक मोर्चे की क्या जरूरत है।”
शुभेंदु अधिकारी का यह बयान भाजपा के रणनीतिकारों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर आगामी चुनावों के संदर्भ में।
डॉक्टर बोले- ट्रेनी IAS पूजा को 7% विकलांगता, कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी जरूरी
UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आया है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी इस सर्टिफिकेट में उन्हें 7% विकलांग बताया गया है। UPSC के नियम के मुताबिक, विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% विकलांगता होना जरूरी है।
पूजा ने गलत जानकारी दी
पुणे के विकलांगता आयुक्त कार्यालय ने पुलिस को पूजा खेडकर की ओर से पेश किए गए सर्टिफिकेट की जांच करने के आदेश दिए हैं। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस भी गलत बताया था।
अन्य आरोप
पूजा पर UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव करने के भी आरोप हैं। उन्होंने UPSC को दिए हलफनामे में दावा किया है कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है।
पूजा खेडकर का मामला अब जांच के घेरे में है, और इस पर उचित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट में ढाई घंटे बहस, 29 जुलाई को फैसला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में ढाई घंटे तक बहस चली। इस दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया और कहा कि जमानत याचिका पर सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
केजरीवाल के खिलाफ ED और CBI के मामले
- मनी लॉन्ड्रिंग केस (ED): इस मामले में ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।
- शराब नीति में भ्रष्टाचार (CBI): इस मामले में CBI ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है।
केजरीवाल के खिलाफ इन दोनों मामलों में जांच चल रही है और उनकी जमानत याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।