नमस्कार,
कल की बड़ी खबर सैन्य अफसरों पर नेताओं के आपत्तिजनक बयान से जुड़ी रही। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ीं कर्नल सोफिया के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर विवादित टिप्पणी की गई। एक खबर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों की रही।
⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर:
- गंगटोक में सिक्किम की स्थापना का स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जाएगा, इसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल हो सकते हैं।
- आज दोहा डायमंड लीग होगी। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, किशोर जेना समेत 4 भारतीय एथलीट पार्टिसिपेट करेंगे।
📰 कल की बड़ी खबरें:
भारत-PAK सीजफायर पर ट्रम्प का यू-टर्न, बोले- मैंने सिर्फ मदद की, मध्यस्थता नहीं की
ट्रम्प ने पहले दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया
अब दोहा में कहा- मैंने सिर्फ हल निकालने में मदद की, औपचारिक मध्यस्थता नहीं की
एपल को भारत में प्रोडक्शन न बढ़ाने की सलाह, बोले- अमेरिका में बनाएं प्रोडक्ट्स
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कतर की राजधानी दोहा में एक बिजनेस कार्यक्रम के दौरान भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अपने पुराने बयान से पलटी मार ली। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच औपचारिक रूप से कोई मध्यस्थता नहीं की, बल्कि सिर्फ मदद की।
उन्होंने कहा,
“मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सेटल करने में मदद की। ये लोग लगभग 1000 साल से लड़ते आ रहे हैं, ये बात सच है। तो मैंने कहा, देखो, मैं इस मामले को सुलझा सकता हूं।”
ट्रम्प ने 10 मई को दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक सीजफायर में अहम भूमिका निभाई है और लगातार दो दिन तक इसी संबंध में बयान दिए। 13 मई को उन्होंने कहा था कि उन्होंने बिजनेस के ज़रिये युद्धविराम में योगदान दिया। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के दावों को खारिज कर दिया था।
दोहा में ही ट्रम्प ने एक और बयान देकर चर्चा बढ़ा दी। उन्होंने बताया कि एपल के CEO टिम कुक से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में फैक्ट्रियां लगाने की ज़रूरत नहीं है।
“मैं नहीं चाहता कि एपल के प्रोडक्ट्स भारत में बनें। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एपल को अब अमेरिका में ही उत्पादन बढ़ाना होगा।”
हालांकि, हाल ही में एक इंटरव्यू में टिम कुक ने कहा था कि अमेरिका में बिकने वाले 50% आईफोन अब भारत में बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही से भारत, अमेरिका में बिकने वाले आईफोन्स का प्रमुख निर्माण केंद्र बन जाएगा। इसके अलावा, एयरपॉड्स और एपल वॉच जैसे अन्य प्रोडक्ट्स वियतनाम में बनाए जा रहे हैं।
रामगोपाल यादव का विवादित बयान: बोले– PDA ने लड़ा युद्ध, BJP सिर्फ श्रेय ले रही है
विंग कमांडर व्योमिका को BJP ने राजपूत समझकर नहीं किया विरोध, सोफिया मुस्लिम हैं इसलिए की टिप्पणी
रामगोपाल ने जातिसूचक शब्दों के साथ कहा– एयर ऑपरेशन चलाने वाले अधिकारी पिछड़े, दलित और मुस्लिम वर्ग से हैं
BJP पर आरोप लगाया कि वह PDA का योगदान नजरअंदाज कर सिर्फ राजनीतिक लाभ लेना चाहती है
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव ने सेना के अधिकारियों की जाति और धर्म पर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह को इसलिए नहीं घेरा क्योंकि उन्हें राजपूत समझा गया, जबकि कर्नल सोफिया कुरैशी पर इसलिए टिप्पणी की गई क्योंकि वह मुस्लिम हैं।
रामगोपाल ने कहा,
“व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं, लेकिन भाजपा ने उन्हें राजपूत समझा इसलिए कुछ नहीं कहा। वहीं, एक मुस्लिम अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को मध्य प्रदेश के मंत्री ने गालियां दीं, जो हम यहां दोहरा भी नहीं सकते।”
रामगोपाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तीन अधिकारी – एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती (यादव), एक जाटव और एक मुस्लिम – सभी PDA यानी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।
“पूरा युद्ध तो PDA ने ही लड़ा। भाजपा किस आधार पर इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है?”
रामगोपाल के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। सेना से जुड़े मामलों में जाति और धर्म घसीटे जाने को लेकर कई लोगों ने उनकी आलोचना की है।
MP मंत्री विजय शाह की FIR पर भड़का हाईकोर्ट, कहा- अब जांच कोर्ट की निगरानी में होगी
हाईकोर्ट ने FIR को खानापूर्ति बताया, पुलिस की जांच पर जताया अविश्वास
मंत्री विजय शाह ने महिला सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने भी मंत्री के बयान पर जताई नाराजगी, कहा– जिम्मेदारी से बोलें
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज FIR की भाषा पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इसे सिर्फ औपचारिकता निभाने जैसा बताया और कहा कि अब पुलिस जांच की निगरानी खुद हाईकोर्ट करेगा। मंत्री शाह पर आरोप है कि उन्होंने महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी मंत्री के बयान पर सख्त टिप्पणी की और कहा कि उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। वहीं विजय शाह ने FIR को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर आज सुनवाई होनी है।
हाईकोर्ट और सरकार की दलीलें
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बताया कि कोर्ट के निर्देश के बाद 15 मई को शाम 7:55 बजे इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज कर दी गई है और पुलिस जांच कर रही है।
इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन ने कहा,
“यह कोई हत्या की जांच नहीं है, बल्कि एक आपत्तिजनक भाषण से जुड़ा मामला है। इसमें लंबी जांच की आवश्यकता नहीं है।”
अब हाईकोर्ट की निगरानी में यह जांच आगे बढ़ेगी, जिससे निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
जम्मू-कश्मीर के त्राल में 3 आतंकी ढेर, एनकाउंटर से पहले मां ने बेटे से कहा– सरेंडर कर दो
त्राल में मारे गए तीन आतंकी, तीन दिन में दूसरा बड़ा एनकाउंटर
एक आतंकी की मां ने फोन पर बेटे से आत्मसमर्पण की अपील की, लेकिन वह नहीं माना
सरकार ने पहलगाम हमले के बाद जारी की थी 14 लोकल आतंकियों की लिस्ट, अब तक 6 मारे गए
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ पिछले तीन दिनों में दूसरा बड़ा एनकाउंटर है। इससे पहले 13 मई को शोपियां जिले में लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकी मारे गए थे।
सूत्रों के अनुसार, एनकाउंटर से पहले एक आतंकी की मां ने उसे कॉल करके आत्मसमर्पण करने को कहा था। उसने भावुक अपील की, लेकिन आतंकी ने सरेंडर नहीं किया और एनकाउंटर में मारा गया।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने 14 लोकल आतंकियों की एक सूची जारी की थी, जिनमें से अब तक 6 को मारा जा चुका है।
राहुल गांधी बोले: मोदी ने डरकर जाति जनगणना का ऐलान किया, मेरे खिलाफ FIR मेडल जैसी
दरभंगा के अंबेडकर छात्रावास में छात्रों से बोले राहुल: जाति जनगणना जरूरी
बिना अनुमति हॉस्टल में जाने पर राहुल पर FIR, बोले – ये FIR मेरे लिए मेडल
बोले- शिक्षा और न्याय के लिए करेंगे तीन काम: जाति जनगणना, आरक्षण और SC-ST सब-प्लान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार के दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास पहुंचे और छात्रों को संबोधित किया। 12 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दबाव में आकर जातीय जनगणना का ऐलान किया।
राहुल ने छात्रों से कहा कि जाति आधारित गणना पारदर्शी और प्रभावी ढंग से होनी चाहिए ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके। उन्होंने शिक्षा और समानता के लिए 3 प्रमुख कदमों की बात कही:
प्रभावी और पारदर्शी जाति जनगणना
प्राइवेट संस्थानों में भी आरक्षण लागू करना
SC-ST सब-प्लान को सख्ती से लागू करना
FIR मेरे लिए मेडल जैसी है:
राहुल गांधी पर बिना अनुमति हॉस्टल में जाने को लेकर FIR दर्ज की गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ पहले ही 30-32 केस हैं, ये सभी मेरे लिए मेडल जैसे हैं।”
बाद में राहुल पटना पहुंचे और वहां 400 सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ‘फुले’ फिल्म देखी। गौरतलब है कि बिहार में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, और राहुल के इस दौरे को उसी की तैयारी माना जा रहा है।
डेडलाइन तय करने पर राष्ट्रपति मुर्मू ने उठाए सवाल: सुप्रीम कोर्ट कैसे दे सकता है ऐसा फैसला?
राष्ट्रपति ने बिलों पर मंजूरी की समय-सीमा तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई आपत्ति
कहा- संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं, फिर कोर्ट कैसे तय कर सकता है डेडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने में फैसला देने की समय-सीमा तय की थी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधेयकों पर समय-सीमा के भीतर फैसला लेने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि संविधान में राष्ट्रपति या राज्यपाल के लिए किसी भी बिल को पास या रिजेक्ट करने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है, ऐसे में कोर्ट यह कैसे तय कर सकता है?
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने:
8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि गवर्नर के पास कोई वीटो पावर नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर गवर्नर कोई बिल राष्ट्रपति को भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर उस पर फैसला लेना होगा।
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस पर 14 अहम सवाल उठाए हैं, जिनमें न्यायपालिका की सीमाएं, कार्यपालिका की स्वतंत्रता और राष्ट्रपति की भूमिका जैसे मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने इस पर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या न्यायपालिका इस तरह की समय-सीमा तय करने की हकदार है, जब संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है।
यह मामला अब संविधान के विभिन्न अंगों – कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका – के बीच संतुलन और उनकी सीमाओं को लेकर एक बड़ी बहस का हिस्सा बन चुका है।