AIN NEWS 1: वाराणसी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होकर तैयार है। यहां जून 2025 से 500 महिला सिपाहियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण केंद्र हैदराबाद के प्रसिद्ध ट्रेनिंग सेंटर की तर्ज पर विकसित किया गया है, जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, विशाल परेड ग्राउंड, घुड़सवारी प्रशिक्षण, जंगल प्रशिक्षण और अन्य आवश्यक पुलिसिंग स्किल्स सिखाई जाएंगी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल स्वयं कर रहे हैं।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और योजना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में आयोजित की गई 60 हजार पुलिस भर्ती परीक्षा में सफल हुई महिला अभ्यर्थियों में से 500 को वाराणसी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। जून माह से शुरू हो रहे इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उन्हें हर स्थिति में निपुण बनाना है। यह प्रशिक्षण न केवल शारीरिक रूप से सक्षम बनाने पर केंद्रित है, बल्कि मानसिक और रणनीतिक क्षमताओं को भी विकसित करने का प्रयास है।
हाईटेक सुविधाओं से युक्त ट्रेनिंग सेंटर
पुलिस ट्रेनिंग सेंटर को अत्याधुनिक रूप दिया गया है। यहां स्मार्ट क्लासरूम की व्यवस्था की गई है, जिसमें डिजिटल उपकरण, प्रोजेक्टर, ऑडियो-विजुअल सामग्री और इंटरेक्टिव लर्निंग के सभी साधन मौजूद हैं। प्रशिक्षण के दौरान महिला सिपाहियों को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, आपातकालीन परिस्थितियों से निपटना, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, और सामुदायिक पुलिसिंग जैसे विषयों की शिक्षा दी जाएगी।
परेड ग्राउंड और आवासीय सुविधा
ट्रेनिंग सेंटर में एक बड़ा और व्यवस्थित परेड ग्राउंड बनाया गया है जहां महिला सिपाही नियमित परेड, मार्च पास्ट, ड्रिल्स और शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। इसके अलावा उनके रहने के लिए बहुमंजिली आवासीय इमारत का निर्माण किया गया है। इस भवन में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे साफ-सुथरे कमरे, शौचालय, पीने का पानी, भोजनालय, और मनोरंजन की व्यवस्था की गई है।
विशेष प्रशिक्षण – घुड़सवारी और जंगल ट्रेनिंग
सामान्य प्रशिक्षण के अतिरिक्त महिला सिपाहियों को घुड़सवारी की भी विशेष शिक्षा दी जाएगी। यह प्रशिक्षण उन्हें VIP सुरक्षा, दंगे नियंत्रण और विशेष अभियान में शामिल होने के लिए तैयार करेगा। साथ ही जंगल ट्रेनिंग के माध्यम से उन्हें प्राकृतिक परिस्थितियों में जीवित रहने, दिशा ज्ञान, गुप्त कार्यवाही और आत्मरक्षा की तकनीकों का प्रशिक्षण मिलेगा। यह प्रशिक्षण विशेष रूप से उन महिला सिपाहियों के लिए उपयोगी होगा जिन्हें वन क्षेत्रों, नक्सल प्रभावित या सीमावर्ती इलाकों में तैनात किया जाएगा।
विषय आधारित प्रशिक्षण और अधिकारियों की भागीदारी
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ट्रेनिंग को और भी व्यावहारिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए शहर के वरिष्ठ अधिकारियों को अलग-अलग विषयों की जिम्मेदारी सौंपी है। हर अधिकारी महिला सिपाहियों को अपने विशेषज्ञ विषय पर व्याख्यान देंगे और उन्हें मौजूदा चुनौतियों से कैसे निपटना है, इसकी जानकारी देंगे। इससे महिला सिपाहियों को अनुभवजन्य शिक्षा और प्रैक्टिकल नॉलेज दोनों का लाभ मिलेगा।
निरंतर मूल्यांकन और टेस्टिंग सिस्टम
प्रशिक्षण की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर महिला सिपाहियों का टेस्ट भी लिया जाएगा। यह टेस्ट थ्योरी, प्रैक्टिकल और शारीरिक दक्षता तीनों आधार पर होंगे। इससे यह आकलन किया जाएगा कि हर सिपाही ने कितनी दक्षता हासिल की है और कौन-कौन से क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है।
भोजन और दैनिक आवश्यकताओं की व्यवस्था
महिला सिपाहियों के दैनिक जीवन की सभी आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा गया है। उनके भोजन के लिए संतुलित और पौष्टिक डाइट मेन्यू तैयार किया गया है। प्रत्येक सिपाही के लिए जरूरी वस्तुएं जैसे कपड़े, किट, बैग, बूट्स, स्टेशनरी आदि पहले ही खरीद कर रखी जा चुकी हैं।
सुरक्षा और अनुशासन
ट्रेनिंग सेंटर के पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि सुरक्षा और अनुशासन का पालन सुनिश्चित किया जा सके। महिला सिपाहियों के लिए अलग से महिला अधिकारी भी नियुक्त की गई हैं जो उनके प्रशिक्षण, सुरक्षा और सुविधा से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेंगी।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। एक समय था जब पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब उन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर हर भूमिका के लिए तैयार किया जा रहा है। चाहे वो कानून व्यवस्था संभालनी हो, दंगा नियंत्रण करना हो या साइबर क्राइम का पता लगाना हो—हर क्षेत्र में महिला सिपाही अब आत्मनिर्भर और सक्षम बन रही हैं।
पुलिस कमिश्नर की पहल और विज़न
मोहित अग्रवाल ने बताया कि यह ट्रेनिंग सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक मिशन है जिसमें हर महिला सिपाही को न केवल एक सशक्त पुलिसकर्मी बल्कि समाज की जागरूक रक्षक भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि देश को सुरक्षित रखना है तो महिला पुलिस की भूमिका को और मजबूत करना जरूरी है।
वाराणसी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में जून 2025 से शुरू होने वाला यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और आधुनिक पुलिसिंग की दिशा में एक ठोस कदम है। हाईटेक सुविधाओं, अनुभवी अधिकारियों के मार्गदर्शन और विविध प्रशिक्षण मॉड्यूल के साथ यह ट्रेनिंग भविष्य की महिला पुलिस बल को और अधिक सशक्त, संवेदनशील और सतर्क बनाएगा।
The Varanasi Police Training Centre is set to commence high-tech training for 500 women constables starting in June 2025. Equipped with modern smart classrooms, a parade ground, and residential facilities, the centre mirrors the advanced standards of Hyderabad’s police academy. The training will cover horse riding, jungle training, and foot patrolling. Led by Police Commissioner Mohit Agarwal, the program ensures holistic development through lectures by senior officers and periodic assessments. This initiative is part of Uttar Pradesh’s large-scale police recruitment and modernization strategy.