नमस्कार,
कल की बड़ी खबर ऑपरेशन सिंदूर की रही, सेना ने इससे जुड़े नए वीडियो जारी किए हैं। वहीं ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से अब तक पंजाब-हरियाणा से 11 दिन में 7 जासूस पकड़े जा चुके हैं।
⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स:
- विदेश सचिव विक्रम मिसरी भारत-पाक सीजफायर के बाद के हालात पर संसदीय समिति को ब्रीफ करेंगे।
- विदेश मंत्री जयशंकर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह जयशंकर की पहली विदेश यात्रा होगी।
📰 कल की बड़ी खबरें:
ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने पाक चौकियों को किया तबाह, एयर डिफेंस ने ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम किया
• भारतीय सेना की वेस्टर्न कमांड ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े तीन नए वीडियो जारी किए
• सेना ने बताया कि सीजफायर तोड़ने वाली पाकिस्तानी चौकियों को जवाबी कार्रवाई में मिटा दिया गया
• DGMO ने राहुल गांधी के विदेश मंत्री पर लगाए आरोपों को निराधार बताया
भारतीय सेना की वेस्टर्न कमांड ने ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित तीन नए वीडियो जारी किए हैं। इन वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान की जिन चौकियों से 10 मई को गोलीबारी की गई थी, उन्हें सेना ने जवाबी कार्रवाई में पूरी तरह तबाह कर दिया।
दूसरे वीडियो में वेस्टर्न कमांड के कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार अग्रिम मोर्चे पर तैनात जवानों से मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। यह मुलाकात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने और स्थिति का जायज़ा लेने के उद्देश्य से की गई थी।
तीसरे वीडियो में भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम को पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करते हुए दिखाया गया है। यह भारतीय सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
इसी बीच DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने राहुल गांधी के उस आरोप को खारिज किया है जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री पर ऑपरेशन की जानकारी पाकिस्तान को देने का आरोप लगाया था। DGMO ने कहा कि ऑपरेशन शुरू होने के बाद भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर आतंक के अड्डे खत्म नहीं किए गए तो कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान ने बातचीत से इनकार कर दिया और धमकी दी, जिसके बाद भारत ने जवाबी कदम उठाया।
राहुल गांधी ने कहा था कि ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को जानकारी देना गलत था और इससे वायुसेना को नुकसान हुआ, लेकिन सेना ने इन दावों को बेबुनियाद बताया है।
पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान गई थी यूट्यूबर ज्योति, ओडिशा की यूट्यूबर से भी पूछताछ
• हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया
• पुलिस के मुताबिक, वह पाकिस्तान द्वारा “एसेट” के तौर पर तैयार की जा रही थी
• ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब तक 11 दिन में 7 पाकिस्तानी जासूस पकड़े जा चुके हैं
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि वह पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान गई थी और वहां वह स्पॉन्सर्ड ट्रिप के जरिए जाती थी। जांच एजेंसियों का दावा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां उसे एक एसेट के तौर पर डेवलप कर रही थीं।
हरियाणा पुलिस ने इस मामले में ओडिशा की यूट्यूबर प्रियंका सेनापति से भी पूछताछ की है, जो ज्योति से जुड़ी हुई पाई गई। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं प्रियंका भी किसी नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं थी।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद से खुफिया एजेंसियों ने चौकसी बढ़ा दी है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पंजाब और हरियाणा में 11 दिनों में 7 पाकिस्तानी जासूस पकड़े जा चुके हैं। इन सभी की उम्र 20 से 35 साल के बीच है।
अब तक की गिरफ्तारी का क्रम:
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8 मई: मालेरकोटला से 2 जासूस
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13 मई: पानीपत से नोमान इलाही
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इसके बाद हिसार, नूंह, कैथल और जालंधर से भी गिरफ्तारियां हुईं
जांच एजेंसियां अब सोशल मीडिया पर सक्रिय ऐसे संदिग्ध अकाउंट्स की गहन जांच कर रही हैं जो स्पॉन्सर्ड ट्रिप्स और पाकिस्तानी कनेक्शन से जुड़े हो सकते हैं।
मुंबई में CJI को रिसीव करने नहीं पहुंचे शीर्ष अधिकारी, जस्टिस गवई ने जताई नाराजगी
• चीफ जस्टिस बीआर गवई ने मुंबई में प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर असंतोष जताया
• चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और पुलिस कमिश्नर CJI को रिसीव करने नहीं पहुंचे
• CJI बोले – लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने मुंबई दौरे पर प्रोटोकॉल न मिलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जब किसी संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य में आ रहा हो, तो राज्य के बड़े अधिकारियों को खुद ही यह समझना चाहिए कि उन्हें कैसे व्यवहार करना है।
दरअसल, चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और मुंबई के पुलिस कमिश्नर उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट नहीं पहुंचे। इस पर CJI ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा:
“मैं इस बात से निराश हूं कि महाराष्ट्र के बड़े अफसर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं। इन सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।”
CJI गवई मुंबई में महाराष्ट्र-गोवा बार काउंसिल के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि वे स्वयं महाराष्ट्र से हैं और यह उनका पहला दौरा बतौर CJI था, ऐसे में अधिकारियों का यह व्यवहार अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है।
पाकिस्तान में लश्कर आतंकी सैफुल्लाह मारा गया, कई बड़े हमलों का था मास्टरमाइंड
• पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने सैफुल्लाह को गोली मार दी
• भारत में आतंकी घुसपैठ और आर्थिक मदद जुटाने में सक्रिय था
• RSS मुख्यालय और CRPF कैंप पर हमले की साजिशों में रहा शामिल
लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा से जुड़ा कुख्यात आतंकी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मारा गया। उसे अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। सैफुल्लाह लंबे समय से लश्कर के नेटवर्क का हिस्सा था और कई खतरनाक आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा।
सैफुल्लाह, लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का करीबी सहयोगी था। वह नेपाल में लश्कर के मॉड्यूल पर काम कर रहा था और भारत में आतंकियों की घुसपैठ और फंडिंग जैसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
बड़े आतंकी हमलों से रहा जुड़ाव:
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2006 में नागपुर स्थित RSS मुख्यालय पर हमले की साजिश में शामिल था
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2008 में रामपुर CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमले में भी उसकी भूमिका थी
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2005 में IISc बेंगलुरु पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड बताया गया
सैफुल्लाह की मौत को आतंकी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। भारतीय एजेंसियों को उसकी लंबे समय से तलाश थी।
रूस का यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला, 273 ड्रोन दागे
• यूक्रेन की वायुसेना का दावा – 3 साल में सबसे बड़ा रूसी ड्रोन अटैक
• हमले में एक महिला की मौत, एक बच्चा समेत तीन लोग घायल
• पुतिन बोले – हमारा मकसद है जंग की वजह को खत्म करना
रूस ने शनिवार रात यूक्रेन पर 273 ड्रोन दागे, जिसे यूक्रेन ने अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला बताया है। यूक्रेन की वायुसेना के मुताबिक, यह हमला बीते 3 वर्षों में रूस की सबसे बड़ी ड्रोन स्ट्राइक है। इस हमले में एक महिला की मौत हो गई और एक बच्चे समेत तीन लोग घायल हो गए।
बातचीत के बावजूद तनाव बरकरार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने हमले के दो दिन बाद बयान जारी कर कहा:
“हमारा मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह को खत्म करना है।”
पुतिन का यह बयान 16 मई को इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता के बाद आया, जहां रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने पर चर्चा हुई थी। हालांकि, दोनों देशों के बीच कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई।
इस हमले से साफ है कि वार्ता के बावजूद युद्ध अभी भी तेज और गंभीर बना हुआ है।
गाजा पर इजराइल का सबसे बड़ा हमला, एक दिन में 140 की मौत
• इजराइल ने गाजा में एयरस्ट्राइक कर 140 से ज्यादा लोगों को मारा
• बीते 4 दिनों में करीब 400 लोगों की मौत, हमले तेज हुए
• ‘गिदोन चैरियट्स’ ऑपरेशन के तहत इजराइल का अभियान जारी
रविवार को इजराइल ने गाजा पट्टी में जबरदस्त हवाई हमला किया, जिसमें 140 से अधिक लोगों की जान चली गई। यह हमला पिछले दो महीनों में सबसे बड़ा माना जा रहा है। इससे पहले 18 मार्च को हुए इजराइली हमले में 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
पिछले चार दिनों से इजराइली सेना ने गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं, जिनमें अब तक लगभग 400 लोग मारे जा चुके हैं।
‘गिदोन चैरियट्स’ ऑपरेशन के तहत हमला
इजराइल ने 5 मई को ‘गिदोन चैरियट्स’ नामक सैन्य ऑपरेशन शुरू किया था, जिसका उद्देश्य गाजा पर हमास के नियंत्रण को खत्म करना है।
इजराइल ने पहले ही गाजा में फूड और फ्यूल सप्लाई रोकने का फैसला किया था, जिससे हमास की ताकत कमजोर करने की रणनीति अपनाई जा रही है। इजराइली सरकार ने कहा है कि यह ऑपरेशन तब तक चलेगा, जब तक हमास को पूरी तरह खत्म नहीं कर दिया जाता।
न्यूयॉर्क में मेक्सिकन नेवी का शिप ब्रुकलिन ब्रिज से टकराया, 2 की मौत, 19 घायल
• मेक्सिकन ट्रेनिंग शिप ‘कुआउतेमोक’ ब्रुकलिन ब्रिज से टकराया
• हादसे में 2 लोगों की मौत, 19 घायल, 277 लोग थे सवार
• ऊंचाई का गलत अनुमान बना टक्कर की वजह
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शनिवार शाम एक बड़ा हादसा हुआ, जब मेक्सिको की नौसेना का ट्रेनिंग शिप ‘कुआउतेमोक’ ब्रुकलिन ब्रिज से टकरा गया। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए।
जहाज में कुल 277 क्रू मेंबर सवार थे। यह जहाज न्यूयॉर्क एक फ्रेंडली टूर पर आया था और इसे 254 दिन की यात्रा में से 170 दिन समुद्र में बिताने थे।
हादसे की वजह क्या थी?
इस दुर्घटना की मुख्य वजह ब्रिज और जहाज की ऊंचाई में अंतर बताया गया है।
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ब्रुकलिन ब्रिज के डेक की ऊंचाई 127 फीट थी
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जबकि जहाज के टावर (मस्तूल) की ऊंचाई 158 फीट थी
इस प्रकार लगभग 31 फीट की ऊंचाई का फर्क इस टक्कर की वजह बना।
शुरुआती जांच में यही कारण सामने आया है कि जहाज की ऊंचाई का सही आकलन नहीं किया गया था।