नमस्कार,
कल की बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर हुई दूसरे दिन की सुनवाई से जुड़ी रही। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। दूसरी बड़ी खबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की सुप्रीम कोर्ट से नाराजगी को लेकर रही। हम आपको ह्यूमन चेन की ताकत के बारे में भी बताएंगे।
⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स:
- भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बेंगलुरु में शुरू होगी। इसमें नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है।
- पश्चिम बंगाल के गर्वनर सीवी आनंद बोस मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।
- दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों पर किताब ‘संस्कृति का पांचवां अध्याय’ लॉन्च होगी।
📰 कल की बड़ी खबरें:
वक्फ बोर्ड की नई नियुक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, केंद्र सरकार से 7 दिन में जवाब मांगा
मुख्य बिंदु:
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को वक्फ संशोधन कानून पर 7 दिन में जवाब देने का निर्देश दिया।
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अगली सुनवाई 5 मई को होगी, तब तक वक्फ बोर्ड की नई नियुक्तियों पर रोक लागू रहेगी।
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कोर्ट ने सभी याचिकाओं को समाहित करते हुए केवल 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई का आदेश दिया।
संपूर्ण समाचार (संविधानबद्ध और सरल भाषा में):
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दूसरे दिन करीब एक घंटे तक सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 7 दिन का समय दिया है। जब तक सरकार अपना जवाब दाखिल नहीं करती, तब तक वक्फ बोर्ड में किसी भी नई नियुक्ति पर रोक रहेगी।
सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को भी 5 दिन के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलेगा। इसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीन महत्वपूर्ण आदेश दिए:
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वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अब तक करीब 70 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन सभी की जगह अब केवल 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाएगी।
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केंद्र सरकार को 7 दिनों में जवाब देना होगा।
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वक्फ बोर्ड की नई नियुक्तियों पर तब तक रोक लागू रहेगी।
यह मामला देशभर में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन से जुड़ा है, जिस पर अनेक पक्षों ने आपत्ति जताई है।
उपराष्ट्रपति का सुप्रीम कोर्ट पर निशाना: जज ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे, राष्ट्रपति को आदेश नहीं दिए जा सकते
मुख्य बिंदु:
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उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिल पास करने की समय-सीमा तय करने की बात कही गई थी।
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उन्होंने अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट के अधिकारों को लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरनाक बताया।
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8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की वीटो पावर को नकारते हुए बिलों को रोके जाने को अवैध ठहराया था।
संपूर्ण समाचार (संगठित और सरल भाषा में):
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की उस सलाह पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें अदालत ने राष्ट्रपति और राज्यपालों से कहा था कि वे विधेयकों को मंजूरी देने में देरी न करें और समय-सीमा तय की जाए। उपराष्ट्रपति ने इसे न्यायपालिका की सीमा से बाहर की बात बताया।
उन्होंने कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं, और मौजूदा हालात में न्यायपालिका ‘सुपर संसद’ की तरह व्यवहार कर रही है।
धनखड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को जो विशेष अधिकार दिए गए हैं, वह अब लोकतंत्र के लिए 24×7 न्यूक्लियर मिसाइल जैसे बन गए हैं।
पृष्ठभूमि:
सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच चल रहे विवाद में फैसला देते हुए कहा था कि राज्यपाल के पास किसी विधेयक को रोकने या वीटो करने का अधिकार नहीं है।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह भी कहा था कि तमिलनाडु सरकार के 10 महत्वपूर्ण बिलों को राज्यपाल द्वारा रोका जाना अवैध था।
धनखड़ की यह टिप्पणी न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अधिकारों की सीमा को लेकर चल रही बहस को और तीखा कर सकती है।
भारत का सख्त जवाब: पाकिस्तान खाली करे PoK, टू-नेशन थ्योरी तो 1971 में ही खत्म हो चुकी
मुख्य बिंदु:
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने PoK पर अवैध कब्जा कर रखा है और उसे हर हाल में खाली करना होगा।
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टू-नेशन थ्योरी की असल विफलता 1971 में बांग्लादेश बनने के साथ ही सामने आ गई थी।
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यह बयान पाकिस्तान आर्मी चीफ के विवादित बयान के जवाब में दिया गया।
संपूर्ण समाचार (संगठित और सरल भाषा में):
भारत ने पाकिस्तान को दो-टूक जवाब देते हुए कहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान को इसे हर हाल में खाली करना होगा। यह बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की तथाकथित टू-नेशन थ्योरी (दो राष्ट्र सिद्धांत) पहले ही फेल हो चुकी है। उन्होंने कहा, “यह सिद्धांत 1971 में ही खत्म हो गया था जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र देश के रूप में जन्म लिया।”
पाकिस्तान आर्मी चीफ का बयान:
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कुछ दिन पहले कहा था कि पाकिस्तान की नींव “कलमा” पर रखी गई है और वह हर मायने में हिंदुओं से अलग है।
उन्होंने कहा था, “हमारा धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाज और सोच हिंदुओं से अलग है, और यही टू-नेशन थ्योरी की बुनियाद थी। यह बात पाकिस्तान के हर बच्चे को बताई जानी चाहिए।”
इस बयान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कर दिया कि पाकिस्तान का ऐसा नजरिया न केवल गलत है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सच्चाई के भी खिलाफ है।
तमिलनाडु के मंत्री के तिलक पर विवादित बयान पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- ये जुबान फिसलना नहीं लगती
मुख्य बिंदु:
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मद्रास हाईकोर्ट ने मंत्री पोनमुडी के बयान को जानबूझकर दिया गया बताया, कहा सिर्फ माफी से मामला खत्म नहीं होगा।
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कोर्ट ने पुलिस से कार्रवाई का ब्योरा मांगा, FIR नहीं दर्ज करने पर अवमानना की चेतावनी दी।
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मंत्री ने हिंदू तिलक पर अश्लील टिप्पणी करते हुए शैव और वैष्णव पर अपमानजनक बातें कहीं थीं।
संपूर्ण समाचार (संगठित और सरल भाषा में):
तमिलनाडु के मंत्री पोनमुडी के हिंदू तिलक और महिलाओं को लेकर दिए गए आपत्तिजनक और अश्लील बयान पर मद्रास हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि मंत्री का यह बयान जानबूझकर दिया गया लगता है, इसे सिर्फ ‘जुबान फिसलना’ कहकर नहीं टाला जा सकता।
कोर्ट ने यह भी कहा कि माफ़ी मांगने मात्र से मामला खत्म नहीं हो सकता।
जजों ने सवाल उठाया कि अब तक पुलिस ने क्या कार्रवाई की है, और यदि एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, तो पुलिस अवमानना की कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहे।
मंत्री का विवादित बयान:
एक वीडियो में पोनमुडी कहते हुए दिखते हैं,
“एक आदमी एक सेक्स वर्कर के पास गया। महिला ने पूछा – शैव हो या वैष्णव?
आदमी ने नहीं समझा, तो महिला ने पूछा – तुम पट्टई लगाते हो या नामम?
फिर महिला बोली – अगर शैव हो, तो स्थिति लेटी हुई है। अगर वैष्णव हो, तो खड़ी हुई है।”
इस बयान को लेकर हिंदू संगठनों और आम जनता में भारी रोष है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया है कि मंत्री की टिप्पणी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है और इस पर गंभीर कार्रवाई होनी चाहिए।
सोना पहली बार ₹95 हजार के करीब, मंदी और शादी सीजन ने बढ़ाई चमक
मुख्य बिंदु:
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10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹94,910 पर पहुंचा, इस साल अब तक ₹18,748 की बढ़त।
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शादी का सीजन और वैश्विक मंदी की आशंका से मांग तेज।
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गोल्डमैन सैक्स का अनुमान: साल के अंत तक सोना ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
संपूर्ण समाचार (संगठित और आसान भाषा में):
सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। गुरुवार को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹331 की बढ़त के साथ ₹94,910 पर पहुंच गया। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इस साल 1 जनवरी से अब तक सोना ₹18,748 महंगा हो चुका है।
चांदी की कीमत में गिरावट:
वहीं एक किलो चांदी ₹1,424 गिरकर ₹95,151 पर आ गई है।
कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
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दुनियाभर में आर्थिक मंदी की आशंका से निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने में निवेश कर रहे हैं।
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अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड तनाव ने भी वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ाई है।
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भारत में शादियों का सीजन चल रहा है, जिससे घरेलू मांग भी बढ़ रही है।
आगे क्या अनुमान है?
गोल्डमैन सैक्स, जो एक प्रमुख विदेशी निवेश बैंक है, का मानना है कि अगर वैश्विक हालात ऐसे ही रहे तो इस साल के अंत तक सोना $3,700 प्रति औंस तक जा सकता है।
इसका मतलब है कि भारत में 10 ग्राम सोना ₹1.10 लाख तक पहुंच सकता है।
विशेषज्ञों की राय है कि अगर आप निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो यह समय सोच-समझकर कदम उठाने का है।
टाइम की 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में पहली बार कोई भारतीय नहीं, मोहम्मद यूनुस को मिली जगह
मुख्य बिंदु:
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साल 2025 की सूची में बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस को किया गया शामिल।
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हिलेरी क्लिंटन ने यूनुस की तारीफ में लिखा लेख।
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21 साल में पहली बार कोई भी भारतीय इस सूची में नहीं।
संपूर्ण समाचार (संगठित और आसान भाषा में):
टाइम मैगजीन ने साल 2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी कर दी है। इस बार की लिस्ट में बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस को शामिल किया गया है, लेकिन कोई भी भारतीय इस लिस्ट में जगह नहीं बना पाया। यह पिछले 21 वर्षों में पहली बार हुआ है।
हिलेरी क्लिंटन ने की यूनुस की तारीफ:
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने टाइम मैगजीन के लिए यूनुस पर लेख लिखा। उन्होंने कहा कि यूनुस बांग्लादेश को संकट से उबार रहे हैं, मानवाधिकारों की रक्षा कर रहे हैं और एक स्वतंत्र समाज की नींव रख रहे हैं।
अन्य प्रमुख नाम:
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उद्योगपति इलॉन मस्क भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
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ट्रम्प प्रशासन के छह सदस्य इस सूची में जगह बनाने में सफल रहे हैं।
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डोनाल्ड ट्रम्प को टाइम मैगजीन पहले 2016 और 2024 में ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ भी घोषित कर चुकी है।
भारतीयों की गैर-मौजूदगी क्यों मायने रखती है?
भारत जैसे बड़े लोकतंत्र और विश्व अर्थव्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभाने वाले देश का कोई प्रतिनिधि इस लिस्ट में न होना एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। यह देश की वैश्विक प्रभावशीलता और छवि पर भी सवाल खड़ा करता है।
AAP नेता दुर्गेश पाठक के घर CBI का छापा, विदेशी फंडिंग को लेकर जांच तेज
मुख्य बिंदु:
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FCRA उल्लंघन के आरोप में CBI ने की छापेमारी।
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आरोप: फर्जी पासपोर्ट नंबर से मिला 1.02 करोड़ का चंदा।
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AAP ने कहा— सभी डोनेशन पारदर्शी, हमारे पास रिकॉर्ड मौजूद।
संपूर्ण समाचार (संगठित और आसान भाषा में):
CBI ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता दुर्गेश पाठक के घर बुधवार को छापेमारी की। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़ी शिकायतों के बाद की गई। CBI ने AAP के खिलाफ FCRA (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है।
CBI का आरोप:
CBI की FIR के अनुसार, 155 विदेशी नागरिकों ने 55 अलग-अलग पासपोर्ट नंबरों के जरिए 404 बार में ₹1.02 करोड़ का डोनेशन AAP को दिया। कई मामलों में एक ही पासपोर्ट नंबर का बार-बार इस्तेमाल किया गया, जिससे फर्जीवाड़े का संदेह है।
AAP का बचाव:
पार्टी का दावा है कि 201 विदेशी नागरिकों ने 51 ईमेल आईडी के जरिए कुल ₹2.65 करोड़ का डोनेशन दिया है।
AAP का कहना है कि—
“हमारे पास हर डोनेशन का पूरा रिकॉर्ड है और सभी लेन-देन पारदर्शिता के साथ किए गए हैं।”
सियासी बयानबाज़ी:
इस कार्रवाई को लेकर मनीष सिसोदिया ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि,
“यह पूरी तरह से राजनीतिक साजिश है। केंद्र सरकार AAP की लोकप्रियता से डरी हुई है।”
इस मामले की जांच अभी जारी है और CBI ने आगे भी पूछताछ और छापेमारी के संकेत दिए हैं।