Court Orders Bike Owner to Pay Rs 27.49 Lakh Compensation in Motor Accident Case
मोटर दुर्घटना मुआवजा मामला: अदालत ने बाइक स्वामी को 27.49 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया
AIN NEWS 1 काशीपुर: अपर जिला जज प्रथम विनोद कुमार की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए मोटर दुर्घटना से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के बाद बाइक स्वामी को 27,49,638 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है। यह मामला वर्ष 2019 में हुए एक सड़क हादसे से जुड़ा है, जिसमें पवन सूरी नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
घटना का विवरण
12 अक्टूबर 2019 की रात लगभग 9:30 बजे पवन सूरी, जो कि बाजपुर के सूरी फार्म, बेरिया रोड चकरपुर के निवासी थे, एचएमटी ट्रैक्टर की एजेंसी के सामने खड़े थे। इसी दौरान शेर अली नामक युवक, जो ग्राम बाजपुर दोराहा का निवासी है, तेज गति और लापरवाही से बाइक चलाते हुए गलत दिशा में आया और पवन सूरी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पवन गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के तुरंत बाद उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) ले जाया गया और वहां से उन्हें हल्द्वानी रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। यह हादसा न सिर्फ परिवार के लिए भावनात्मक रूप से बहुत बड़ा आघात था, बल्कि आर्थिक रूप से भी अत्यधिक नुकसानदायक साबित हुआ।
अदालत में दायर याचिका
पवन सूरी की पत्नी मीनाक्षी सूरी, बेटी हिमानी और बेटे कृपाशंकर सूरी ने अदालत में संयुक्त रूप से याचिका दाखिल की। याचिका में उन्होंने बाइक चालक शेर अली, बाइक के मालिक प्रभलीन सिंह, और दो अन्य गुलफाम और गुड्डू के खिलाफ वाद दायर किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से यह दलील दी गई कि यदि पवन सूरी की मृत्यु न होती तो वे 70 वर्ष की आयु तक जीवित रहते और 60 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित करते। उनके असामयिक निधन से परिवार की आजीविका पर बड़ा असर पड़ा है।
कोर्ट की सुनवाई और फैसला
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने बाइक स्वामी प्रभलीन सिंह को मुख्य रूप से जिम्मेदार मानते हुए आदेश दिया कि वे 27,49,638 रुपये की राशि मुआवजे के रूप में कोर्ट में जमा करें। इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश गया कि वाहन स्वामी की जिम्मेदारी सिर्फ वाहन बेच देने से समाप्त नहीं होती, जब तक कि आरटीओ में औपचारिक रूप से नामांतरण नहीं हो जाता।
वाहन स्वामियों के लिए अहम बातें
इस फैसले के आलोक में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझना जरूरी है:
वाहन बेचने के बाद तुरंत RTO में नामांतरण कराना अनिवार्य है।
यदि कोई अन्य व्यक्ति आपके वाहन का उपयोग करता है और उससे दुर्घटना होती है, तो कानूनी जिम्मेदारी वाहन स्वामी की बनती है।
यदि आपने वाहन चलाना बंद कर दिया है या उसे किसी अन्य को सौंप दिया है, तो इसकी जानकारी भी RTO को देनी जरूरी है।
पवन सूरी की मौत एक दर्दनाक घटना थी, लेकिन अदालत का यह फैसला अन्य मामलों के लिए एक मिसाल बन सकता है। यह न केवल पीड़ित परिवार को आर्थिक राहत देगा, बल्कि वाहन स्वामियों को भी सतर्क करेगा कि वे नियमों का पालन करें और वाहन के स्वामित्व से संबंधित सभी दस्तावेजों को अद्यतन रखें। यह फैसला न केवल न्यायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक चेतना के लिहाज से भी एक मजबूत संदेश देता है।
In a significant motor accident compensation case, the district court in Kashipur has directed the bike owner to deposit Rs 27.49 lakh as compensation for the death of Pawan Suri, who was fatally injured in a road accident in 2019. This judgment reinforces the importance of legal responsibility for vehicle owners in India, even if the vehicle is used by someone else. It also emphasizes the need for timely registration transfer at the RTO to avoid future liabilities. The case serves as a precedent for future road accident claims across India.