Sunday, May 5, 2024

NOTA के दौर से पहले हुआ एक चुनाव ऐसा, जब प्रत्‍याशी को मिले 0 वोट!

मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव सोमवार, 05 दिसंबर को हो गए. ये लोकसभा क्षेत्र पहले से ही काफ़ी हाई प्रोफाइल रहा है. समाजवादी पार्टी से...

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AIN NEWS 1 : बता दें मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव सोमवार, 05 दिसंबर को हो गए. ये लोकसभा क्षेत्र पहले से ही काफ़ी हाई प्रोफाइल रहा है. समाजवादी पार्टी से मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद थे. उनके निधन के बाद समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को अब उम्‍मीदवार बनाया है. अब 8 नवंबर को चुनावी परिणाम भी आ जाएंगे, जान ले इस लोकसभा क्षेत्र में कई रिकॉर्ड बने हैं. ऐसा ही एक किस्‍सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं. ये किस्‍सा है सन 1957 का है. आपको बता दें ये एक ऐसा अनोखा लोकसभा क्षेत्र है, जहां उम्मीदवार को एक भी वोट न मिलने का रिकॉर्ड बन चुका है यानी उम्मीदवार को दोस्त, रिश्तेदार और परिवार वालों ने तो वोट दिया ही नहीं, बल्कि उन्‍हें खुद अपना वोट भी नहीं मिल पाया. जानते हैं पूरी कहानी.

जब उम्‍मीदवार को खुद का वोट भी नहीं मिला 

ये बात 1957 की है, उस समय मैनपुरी लोकसभा में भी एक अलग ही इतिहास रचा गया. आपको बता दें कि उस समय नोटा जैसी कुछ चीज तो नहीं थी, फिर भी यहां के एक उम्‍मीदवार को जीरो वोट मिले मतलब उसे खुद खुद का वोट नही मिला. उस समय लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बादशाह गुप्ता को अपना उम्‍मीदवार बनाया था, वहीं प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने बंशीधर धनगर को चुनावी मैदान में उस समय उतारा था. इसके अलावा कई निर्दलीय भी अपना भाग्‍य वहा आजमा रहे थे. जिनमें मनीराम, पुत्तू सिंह और शंकरलाल थे. इसके अलावा बीजेएस से जगदीश सिंह भी चुनाव लड़ रहे थे.

जाने जब लोकसभा चुनाव में मिले जीरो वोट 

इस चुनाव में जीत के लिए कड़ा मुकाबला हुआ और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्‍मीदवार बंशीधर धनहर को ही जीत मिली. 1957 का ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्‍प बन गया क्‍योंकि यहां एक उम्‍मीदवार को उनके दोस्‍त, रिश्‍तेदार ने तो वोट किया ही नहीं, उनकी किस्‍मत इतनी खराब थी कि उन्‍हें खुद का वोट भी हासिल नहीं हो पाया. उन्‍होंने जो वोट डाला था उसे चुनाव अधिकारी ने ही निरस्‍त कर दिया था.

और इस बार डिंपलय यादव चुनावी मैदान में

भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 1957 में इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 3 लाख 93 हजार से ज्‍यादा मतदाता थे, जिनमें से लगभग 50 फीसदी मतदाता ने अपने वोट का अधिकार किया था. अब एक बार फिर मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर दोबारा चुनाव हुए हैं. इस उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में हैं. 8 दिसंबर को इस चुनाव के परिणाम आने वाले हैं.

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