Pathankot Drone Attack: Army and Police Launch Search Operation After Pakistani-Origin Drone Threat
पठानकोट सैन्य स्टेशन पर ड्रोन हमला, सेना और पुलिस ने चलाया सर्च ऑपरेशन
AIN NEWS 1: पंजाब के पठानकोट क्षेत्र में बीती रात एक बड़ा सुरक्षा खतरा उत्पन्न हो गया, जब पाकिस्तानी मूल के ड्रोन ने भारतीय सैन्य स्टेशन को निशाना बनाया। इस घटना के तुरंत बाद सेना और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
ड्रोन हमले के तुरंत बाद हरकत में आई सुरक्षा एजेंसियां
घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना और पंजाब पुलिस की टीमें सक्रिय हो गईं। रातभर इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। सैन्य सूत्रों के अनुसार, हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन पाकिस्तान की ओर से भेजे गए थे, जो कि भारत की सैन्य तैयारियों को परखने का एक प्रयास हो सकता है।
रक्षा मंत्रालय का बयान
रक्षा मंत्रालय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी खतरों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया गया है। मंत्रालय के मुताबिक, “खतरों को ‘किनेटिक’ (भौतिक हथियारों के माध्यम से) और ‘नॉन-किनेटिक’ (तकनीकी और साइबर आधारित उपायों से) तरीकों से खत्म किया गया।”
क्या होता है किनेटिक और नॉन-किनेटिक उपाय?
किनेटिक उपायों में फिजिकल हथियारों या गोलाबारी से हमले को रोका जाता है, जैसे कि बंदूक, मिसाइल या ड्रोन-जैसे डिवाइसेज को शूट करना। वहीं नॉन-किनेटिक तरीकों में इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग, साइबर टेक्नोलॉजी और ड्रोन के कम्युनिकेशन सिस्टम को डिस्रप्ट करना शामिल होता है।
पठानकोट: पहले भी रह चुका है निशाने पर
यह पहली बार नहीं है जब पठानकोट सैन्य स्टेशन को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले 2016 में भी आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर बड़ा हमला किया था, जिसमें कई जवान शहीद हो गए थे। उस समय भी हमले की योजना पाकिस्तान से बनी थी। यही कारण है कि यह इलाका लगातार सतर्कता की मांग करता है।
स्थानीय लोगों में डर और चौकसी
ड्रोन की आवाज सुनते ही कई स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिससे सुरक्षा बलों को तुरंत हरकत में आने में मदद मिली। घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।
ड्रोन हमलों की बढ़ती घटनाएं – एक नया खतरा
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से हथियार, नकदी और मादक पदार्थों की तस्करी की घटनाएं बढ़ी हैं। अब यह खतरा सीधे सैन्य ठिकानों तक पहुंच रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ड्रोन अब आतंकवाद का नया जरिया बनते जा रहे हैं।
भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना और पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ड्रोन खतरे के बाद जिस तरह से सर्च ऑपरेशन चलाया गया, वह सुरक्षा बलों की दक्षता को दर्शाता है।
भविष्य की रणनीति क्या होगी?
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भारत को ड्रोन रोधी तकनीकों में और निवेश करने की आवश्यकता है। अत्याधुनिक रडार सिस्टम, जैमिंग टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे हमलों को और प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।
पठानकोट सैन्य स्टेशन पर हुआ यह ड्रोन हमला निश्चित तौर पर एक बड़ा अलार्म है, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क और सक्षम हैं। देश की सुरक्षा में लगे जवानों की सजगता ने एक बड़े खतरे को समय रहते टाल दिया।
Pakistani-origin drones attacked the Pathankot military station, prompting a swift response from the Indian Army and local police. A joint search operation was launched across the Pathankot area, following alerts from the Defence Ministry. The drone threat was neutralised using both kinetic and non-kinetic capabilities, showcasing India’s preparedness against cross-border drone attacks. This incident highlights the growing challenges of drone warfare and the vigilance of Indian security forces in safeguarding critical military infrastructure.