संभल नेजा मेला विवाद: एएसपी श्रीश चंद्र ने बताई पाबंदी की वजह?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इस साल नेजा मेले के आयोजन को प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह मेला वर्षों से आयोजित होता आ रहा था, लेकिन इस बार पुलिस प्रशासन ने इसे रोकने का फैसला किया है। एएसपी संभल श्रीश चंद्र ने इस संबंध में बड़ा बयान दिया है।

नेजा मेले का ऐतिहासिक संदर्भ

नेजा मेला एक पारंपरिक आयोजन है, जिसे संभल में कई वर्षों से मनाया जाता रहा है। यह मेला गाज़ी सैय्यद सालार मसूद की याद में आयोजित किया जाता है। प्रशासनिक जांच में पाया गया कि सालार मसूद का इतिहास विवादास्पद रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह एक लुटेरा और हत्यारा था, जिसने कई मंदिरों को ध्वस्त किया था, जिनमें प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी शामिल है। इस ऐतिहासिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने इस मेले के आयोजन को अवैध घोषित कर दिया है।

पुलिस प्रशासन का कड़ा रुख

एएसपी श्रीश चंद्र ने स्पष्ट किया कि नेजा मेले की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल की तैनाती कर दी है, ताकि कोई अवैध गतिविधि न हो। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह से यह मेला आयोजित न होने दिया जाए।

कानूनी और सुरक्षा कारणों से पाबंदी

ऐतिहासिक विवाद: सालार मसूद को लेकर कई ऐतिहासिक संदर्भ मौजूद हैं, जो विवाद उत्पन्न कर सकते हैं।

सांप्रदायिक सौहार्द: प्रशासन नहीं चाहता कि किसी भी धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो।

कानूनी प्रतिबंध: बिना अनुमति के किसी भी सार्वजनिक आयोजन को अवैध माना जाता है, और प्रशासन इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।

सुरक्षा व्यवस्था: कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

नेजा मेले को प्रतिबंधित करने के फैसले पर स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ लोग प्रशासन के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे परंपरा के खिलाफ बता रहे हैं।

सरकार और प्रशासन का संदेश

सरकार और पुलिस प्रशासन का कहना है कि वे किसी भी तरह की गैर-कानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई व्यक्ति मेले को जबरन आयोजित करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

संभल का नेजा मेला अब एक बड़ा विवाद बन चुका है। प्रशासन का रुख स्पष्ट है – अवैध और विवादित गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में स्थानीय लोग और अन्य संगठन इस फैसले को कैसे लेते हैं।

The Sambhal Neja Mela has been banned due to its historical association with Ghazi Saiyyad Salar Masud, who is alleged to have been a robber, murderer, and destroyer of temples, including the Somnath Temple. ASP Shrish Chandra has stated that no permission will be granted for this controversial fair, and police forces have been deployed to prevent any illegal activities. The Uttar Pradesh police are ensuring strict law and order measures to maintain peace in the region. This decision has sparked mixed reactions among locals, with some supporting the move while others view it as an attack on tradition.

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