यति नरसिंहानंद और समर्थक हाउस अरेस्ट, जंतर-मंतर प्रदर्शन से पहले पुलिस की बड़ी कार्रवाई ,पुलिस ने यति नरसिंहानंद और उनके समर्थकों को किया नजरबंद?

spot_img

Date:

AIN NEWS 1: डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद और उनके समर्थकों को पुलिस ने सोमवार को हाउस अरेस्ट कर लिया। उन्होंने मौलाना अरशद मदनी के वक्फ बिल के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने की घोषणा की थी। लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को मंदिर से बाहर निकलने नहीं दिया।

पुलिस ने डासना देवी मंदिर को छावनी में तब्दील कर दिया और मंदिर के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया। इसके अलावा, यति के प्रमुख समर्थकों को भी उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया।

यति नरसिंहानंद को क्यों किया गया नजरबंद?

यति नरसिंहानंद ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि वह मौलाना अरशद मदनी के वक्फ बिल के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड को मिलने वाले विशेष अधिकार हिंदुओं के धार्मिक स्थलों के लिए खतरा हैं।

यति समर्थकों का कहना है कि अगर पुलिस मौलाना अरशद मदनी को प्रदर्शन करने से रोकती तो वे भी रुक जाते। लेकिन पुलिस ने मदनी को जाने दिया और यति नरसिंहानंद व उनके समर्थकों को रोक दिया।

मंदिर में हवन-यज्ञ करने की घोषणा

पुलिस की कार्रवाई के बाद यति नरसिंहानंद ने जंतर-मंतर जाने के बजाय मंदिर में हवन-यज्ञ करने की घोषणा की। उनका कहना है कि यह विरोध का एक नया तरीका होगा और वह इसी तरह अपना संदेश देंगे।

यति के समर्थकों अनिल चौधरी और सचिन सिरोही जंतर-मंतर पहुंचे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहीं गिरफ्तार कर लिया। इससे उनके अन्य समर्थकों में नाराजगी फैल गई।

मंदिर पर पुलिस का कड़ा पहरा

यति नरसिंहानंद की प्रवक्ता उदिता त्यागी ने बताया कि सोमवार सुबह से ही पुलिस मंदिर के बाहर तैनात थी। जब यति नरसिंहानंद ने बाहर जाने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

इसके अलावा, उदिता त्यागी के आवास पर भी भारी पुलिस बल तैनात रहा और उनके बाहर जाने पर रोक लगा दी गई। इसी तरह, अन्य समर्थकों को भी घरों में नजरबंद कर दिया गया।

समर्थकों में नाराजगी, पुलिस पर भेदभाव का आरोप

यति समर्थकों का आरोप है कि पुलिस का यह कदम एकतरफा और भेदभावपूर्ण है। उनके अनुसार, अगर मौलाना अरशद मदनी को प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, तो यति नरसिंहानंद को भी मिलनी चाहिए थी।

यति नरसिंहानंद ने कहा कि वह कानूनी तरीके से इस कार्रवाई के खिलाफ लड़ेंगे और अपने समर्थकों के साथ लगातार सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

क्या है वक्फ बिल विवाद?

वक्फ बिल को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। यति नरसिंहानंद और उनके समर्थकों का मानना है कि यह बिल हिंदुओं के धार्मिक स्थलों के लिए खतरा है।

उनका दावा है कि वक्फ बोर्ड को बहुत अधिक कानूनी अधिकार दिए जा रहे हैं, जिससे हिंदू धार्मिक स्थलों की संपत्तियों पर भी कब्जा हो सकता है। इसी कारण यति नरसिंहानंद इस बिल के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना देने की तैयारी में थे।

पुलिस द्वारा यति नरसिंहानंद और उनके समर्थकों को हाउस अरेस्ट करने की कार्रवाई ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। समर्थकों का कहना है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है, जबकि प्रशासन का तर्क है कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर कानूनी और राजनीतिक बहस तेज हो सकती है।

Yati Narsinghanand, the head priest of Dasna Devi Temple, was placed under house arrest by the Ghaziabad police along with his supporters. He had planned to protest against the Waqf Bill at Jantar Mantar, Delhi, but was stopped by heavy police deployment. His supporters claim that Arshad Madani was allowed to hold a protest, while Yati Narsinghanand was restricted. The temple premises were turned into a high-security zone, and key supporters were also detained at their homes. This police action has sparked controversy, with allegations of discrimination and suppression of Hindu voices.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

spot_img

More like this
Related