Sambhal Violence: SIT Questions SP MP Ziyaurrahman Bark for 3 Hours over WhatsApp Groups and Phone Calls
संभल हिंसा: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से 3 घंटे पूछताछ, 100 व्हाट्सएप ग्रुप, 3 कॉल और कई अनसुलझे सवाल
AIN NEWS 1: संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच अब गहराती जा रही है। इस मामले में एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क से करीब 3 घंटे तक पूछताछ की। इस पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
मस्जिद सदर से बातचीत बनी जांच का केंद्र
एसआईटी को सूत्रों से जानकारी मिली थी कि हिंसा से एक दिन पहले यानी 23 फरवरी को सांसद बर्क और जामा मस्जिद सदर जफर अली के बीच तीन बार बातचीत हुई थी। यही वजह है कि एसआईटी यह जानने की कोशिश कर रही थी कि इन कॉल्स में क्या बातचीत हुई थी।
जब सांसद से इस बारे में सवाल किए गए, तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने केवल इतना कहा कि उन्हें 24 फरवरी को होने वाले सर्वे की जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी जफर से सामान्य बातचीत हुई थी, लेकिन उसका हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।
100 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप में सदस्य
जांच में यह भी सामने आया कि हिंसा से पहले कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे, जिनमें सपा सांसद खुद भी शामिल थे। जब एसआईटी ने इस बारे में पूछा, तो बर्क ने स्वीकार किया कि वे 100 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हैं।
टीम ने उनसे उनके सोशल मीडिया ग्रुप्स की जानकारी मांगी है, जिसे वे जल्द उपलब्ध कराएंगे। यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि इन ग्रुप्स के जरिए हिंसा भड़काने की आशंका जताई जा रही है।
साइंटिफिक सबूतों पर आधारित पूछताछ
एसआईटी ने सांसद से साइंटिफिक एविडेंस (डिजिटल और कॉल रिकॉर्ड्स) के आधार पर भी कई सवाल किए। मगर सांसद कई बार सवालों से बचते नजर आए। उन्होंने बार-बार यही दोहराया कि उन्हें किसी साजिश की जानकारी नहीं थी और वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
सांसद का जवाब: जांच में कर रहा हूं सहयोग
पूछताछ के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं और जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह कानून, संविधान और न्यायपालिका पर भरोसा रखते हैं।
हिंसा की पृष्ठभूमि
आपको बता दें कि 24 फरवरी को संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया जाना था, लेकिन इससे पहले ही इलाके में तनाव फैल गया। इस दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 से 5 लोगों की मौत हो गई और पुलिस पर भी फायरिंग और पथराव किया गया।
इसके बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया, जो अब हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है, जिसमें राजनेताओं की भूमिका भी शामिल है।
In a major development related to the Sambhal violence, the SIT questioned Samajwadi Party MP Ziyaurrahman Bark for nearly three hours. The interrogation focused on WhatsApp group involvement, phone calls with mosque leader Zafar Ali, and the timeline leading up to the Sambhal mosque survey violence. With over 100 WhatsApp groups under scrutiny and scientific evidence being used, the SIT investigation is expected to play a crucial role in unraveling the truth behind this Uttar Pradesh communal incident.