AIN NEWS 1 | केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने सुप्रीम कोर्ट और संसद के संबंधों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का सभी को आदर करना चाहिए और उसके द्वारा दिए गए निर्णयों का पालन भी जरूरी है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संसद सर्वोच्च है, और कानून बनाना संसद का अधिकार है, जबकि न्यायपालिका का कार्य उन कानूनों के अनुसार न्याय देना है।
🏛 “सुप्रीम कोर्ट को भी संसद का सम्मान करना चाहिए”
रामदास अठावले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हर बार संसद द्वारा बनाए गए कानूनों पर टिप्पणी करना सही नहीं है। उन्होंने दोहराया कि जैसा हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, वैसा ही सुप्रीम कोर्ट को भी संसद का सम्मान करना चाहिए।
🔥 पृष्ठभूमि: निशिकांत दुबे का विवादित बयान
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दुबे ने कहा था कि “देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं, उसके लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं।” उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी लिखा कि, “अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए।”
🙅♂️ बीजेपी ने बनाई दूरी
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया कि निशिकांत दुबे का यह बयान पार्टी की राय नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है। नड्डा ने कहा कि भाजपा न्यायपालिका का सम्मान करती है और उसकी गरिमा बनाए रखने के पक्ष में है।
⚖ विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने मांग की है कि दुबे को तुरंत लोकसभा से बर्खास्त किया जाए। वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि दुबे मंत्री बनने की चाह में समाज में धार्मिक विभाजन फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
Union Minister Ramdas Athawale made a significant statement on the ongoing Parliament vs Supreme Court debate, emphasizing that while the judiciary must be respected, the Parliament is supreme in making laws. His comments came amid controversy surrounding BJP MP Nishikant Dubey, who accused the Chief Justice of India of internal unrest. The BJP distanced itself from Dubey’s remarks, but the opposition demanded strict action. This political storm reflects the ongoing Supreme Court vs Parliament tension in India.