Top 10 Things to Check Before Buying a Second-Hand Car in India – A Complete Guide
पुरानी कार खरीदने से पहले ज़रूर जांचें ये 10 ज़रूरी बातें – वरना पड़ सकते हैं पछताना
AIN NEWS 1: पुरानी यानी सेकंड हैंड कार खरीदना आपकी जेब और जरूरत दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अगर सावधानी न बरती गई तो यही फैसला परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए हम लाए हैं आपके लिए 10 बेहद ज़रूरी और आसान जांचें, जिन्हें अपनाकर आप एक भरोसेमंद गाड़ी खरीद सकते हैं।
1. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और दस्तावेज़ जांचें
गाड़ी का RC यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट असली और अपडेटेड हो। इसमें देखें:
किसके नाम पर गाड़ी रजिस्टर्ड है?
कितने लोगों ने पहले इस्तेमाल किया है (1st, 2nd, 3rd Owner)?
RC पर लिखा इंजन नंबर और चेसिस नंबर गाड़ी से मेल खाता है या नहीं?
इंश्योरेंस क्लेम की हिस्ट्री और नो क्लेम बोनस (NCB) भी जरूर देखें। इससे पता चलेगा कि गाड़ी दुर्घटना में तो नहीं रही।
2. सर्विस हिस्ट्री की मांग करें
गाड़ी की सर्विस नियमित रूप से हुई या नहीं – यह जानना ज़रूरी है।
अगर कंपनी मेंटेनेंस रिकॉर्ड मौजूद है (जैसे मारुति, हुंडई आदि), तो गाड़ी की देखरेख सही रही होगी।
सर्विस बुक या डिजिटल रिकॉर्ड मांगें और मिलाएं।
3. मैकेनिक से गाड़ी की पूरी जांच कराएं
किसी भरोसेमंद मैकेनिक को साथ लेकर जाएं।
टेस्ट ड्राइव करें – इंजन की आवाज़, ब्रेक, क्लच, सस्पेंशन की जांच करें।
अगर चलाते समय वाइब्रेशन, झटके या आवाज आ रही हो, तो सावधान रहें।
क्लच बहुत सख्त है या गियर स्मूद नहीं लग रहे, तो वो संकेत हो सकता है ज़्यादा घिसने का।
4. एक्सीडेंट या रीपेयर हिस्ट्री ज़रूर जानें
गाड़ी कहीं टकराई तो नहीं? ये जांचना बेहद जरूरी है।
पेंट में रंगों का फर्क दिखे तो सतर्क हो जाएं।
बोनट के अंदर वेल्डिंग, फ्रेम में डेंट या रिपेयरिंग का निशान एक्सीडेंट का सबूत हो सकता है।
5. इंजन और माइलेज की असलियत जानें
इंजन की आवाज़ स्मूद होनी चाहिए, अगर कड़क या धुएं वाली हो तो घबराएं।
इंजन से ब्लैक स्मोक निकलना, तेल का रिसाव होना, या बहुत नया इंजन होना – ये सब संकेत हैं कि कुछ छुपाया जा रहा है।
ओनर से माइलेज पूछें और खुद टेस्ट ड्राइव में उसका अंदाज़ा लगाएं।
6. टायर्स, बैटरी और ब्रेक की हालत जांचें
टायर बहुत घिस गए हैं क्या? बदलवाना पड़ेगा तो खर्चा बढ़ेगा।
बैटरी पुरानी है तो स्टार्ट में दिक्कत हो सकती है।
ब्रेक सॉफ्ट हैं या बहुत सख्त? ब्रेक पैड्स कितने पुराने हैं?
7. मॉडल ईयर और चलने का किलोमीटर मिलान करें
गाड़ी कितने साल पुरानी है और अब तक कितनी चली है?
अगर 10 साल पुरानी कार बहुत कम चली हो, तो ओडोमीटर (मीटर) के साथ छेड़छाड़ हो सकती है।
8. इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाण पत्र जांचें
गाड़ी का इंश्योरेंस वैध है या एक्सपायर हो चुका है?
ट्रांसफर करने पर खर्च और समय दोनों लगेंगे।
Pollution Under Control (PUC) सर्टिफिकेट भी वैध होना चाहिए, वरना चालान हो सकता है।
9. गाड़ी की कीमत – मार्केट रेट से तुलना करें
OLX, CarDekho, Spinny, Cars24 जैसी साइट्स पर जाकर उस मॉडल की गाड़ियों की रेटिंग और कीमतें चेक करें।
बहुत ज़्यादा मॉडिफाई की गई गाड़ी दिखे तो सतर्क हो जाएं – उसमें छुपे खर्चे आ सकते हैं।
10. सेल एग्रीमेंट और ट्रांसफर डॉक्युमेंट्स की तैयारी
फॉर्म 29 और 30, NOC (अगर लोन पर ली गई हो), सेल एग्रीमेंट – सब पहले से तैयार रखें।
RTO में ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करें, ताकि आगे किसी केस या चालान का खतरा न रहे।
बोनस टिप – गाड़ी की अंडरबॉडी जरूर चेक करें
कई बार गाड़ी ऊपर से चमकदार होती है लेकिन नीचे से जंग लगी हो सकती है। खासकर समुद्री या नमी वाले इलाकों की गाड़ियों में ये समस्या आम है।
पुरानी गाड़ी खरीदना तभी फायदे का सौदा बनता है जब आप हर पहलू को जांच-परख लें। सिर्फ गाड़ी की चमक-धमक पर न जाएं, उसकी असल हालत, कागज़ात और मालिक की ईमानदारी को पूरी तरह परखें। सही तरीके से खरीदी गई सेकंड हैंड कार आपके लिए सालों तक एक भरोसेमंद साथी बन सकती है।
अगर आप भी सेकंड हैंड कार लेने की सोच रहे हैं, तो इस चेकलिस्ट को ज़रूर फॉलो करें और दूसरों के साथ शेयर करें ताकि वो भी धोखा खाने से बच सकें।
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If you’re planning to buy a second-hand car in India, it’s crucial to inspect key elements like the RC document, service history, engine condition, insurance validity, and hidden damages. This complete used car buying checklist will help you avoid scams, make informed decisions, and secure the best deal. Learn how to verify documents, check accident history, assess tires and brakes, and transfer ownership smoothly.