AIN NEWS 1: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामी आतंकी संगठन हमास को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर हमास ने गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों को जल्द रिहा नहीं किया, तो मध्य पूर्व में तबाही मचा दी जाएगी।
ट्रंप ने यह धमकी अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने लिखा, “इतिहास में अब तक जितना बड़ा हमला किसी पर नहीं हुआ होगा, उससे भी भयंकर हमला होगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायली बंधकों को जल्द से जल्द रिहा करना होगा, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
हमास पर ट्रंप का आक्रोश
हमास द्वारा इजरायल पर अक्टूबर में किए गए हमले और गाजा पट्टी में इजरायली नागरिकों को बंधक बनाए जाने के बाद से स्थिति गंभीर बनी हुई है। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में इसे बर्दाश्त से बाहर बताया। उन्होंने कहा, “हमास को यह समझना चाहिए कि बंधक बनाए रखना केवल इजरायल ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौती है।”
अमेरिका की भूमिका पर जोर
ट्रंप ने अमेरिका की जिम्मेदारी पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि वह राष्ट्रपति होते, तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती। उनका इशारा बाइडेन प्रशासन की नीतियों की ओर था, जिसे उन्होंने कमजोर बताया। ट्रंप ने अपनी राष्ट्रपति अवधि का जिक्र करते हुए कहा कि उनके समय में मध्य पूर्व में शांति बनी रही और इजरायल सुरक्षित था।
इजरायल-हमास संघर्ष का ताजा हाल
गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। इजरायल ने कई हवाई हमले किए हैं, जबकि हमास ने रॉकेट दागकर जवाब दिया है। गाजा में मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है, और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। बंधकों की रिहाई को लेकर अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
ट्रंप की धमकी का असर
ट्रंप के बयान ने एक बार फिर इजरायल-हमास संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। हालांकि यह बयान उनके आलोचकों के निशाने पर भी आ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की धमकियां स्थिति को और जटिल बना सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
ट्रंप ने अन्य देशों से भी हमास पर दबाव डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि बंधकों को सुरक्षित रिहा करना मानवाधिकारों का सवाल है और इसमें देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने मध्य पूर्व के हालात को लेकर नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह है कि हमास इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और बंधकों की रिहाई कब तक संभव हो पाती है।