Turkey Should Respect India and Its Muslim Population: Asaduddin Owaisi’s Strong Message
तुर्किए को भारत की भूमिका और मुस्लिम समुदाय की ताक़त याद रखनी चाहिए: असदुद्दीन ओवैसी
AIN NEWS 1 नई दिल्ली: AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में एक बयान में तुर्किए को भारत और यहां के मुसलमानों के बारे में दो टूक अंदाज़ में याद दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय मंच पर बहुत पुरानी और अहम रही है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ओवैसी ने कहा कि तुर्किए को याद रखना चाहिए कि वहां के इसबैंक (Isbank) में सबसे पहले पैसा जमा करने वाले लोग भारतीय थे। भारत और तुर्किए के बीच ऐतिहासिक रूप से अच्छे संबंध रहे हैं, जिनमें भारत की तरफ से हमेशा भाईचारा और सहयोग का भाव रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में 20 करोड़ से ज्यादा मुसलमान सम्मानपूर्वक रहते हैं। यह संख्या पाकिस्तान से भी अधिक है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ मुस्लिम समुदाय को न केवल धार्मिक आज़ादी है बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से भी वे आगे बढ़ रहे हैं।
तुर्किए की आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया
ओवैसी का यह बयान तब आया जब तुर्किए के कुछ राजनीतिक बयानों में भारत के खिलाफ टिप्पणी की गई थी, खासतौर पर कश्मीर मुद्दे को लेकर। ओवैसी ने स्पष्ट कहा कि तुर्किए को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए, खासकर तब जब वह खुद भारत से जुड़े ऐतिहासिक योगदानों को जानता हो।
उन्होंने कहा, “तुर्किए को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत ने हमेशा मानवता, धर्मनिरपेक्षता और आपसी सम्मान को बढ़ावा दिया है। यहां मुस्लिमों को पूरा सम्मान मिला है और वे भारत की तरक्की में अहम भागीदार हैं।”
पाकिस्तान की नीतियों पर भी निशाना
ओवैसी ने अपने बयान में पाकिस्तान का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि भले ही पाकिस्तान खुद को एक इस्लामी राष्ट्र कहता हो, लेकिन उसके व्यवहार से ऐसा कतई नहीं लगता कि उसे इस्लाम की असली आत्मा से कोई सरोकार है। उन्होंने पाकिस्तान के भीतर अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों की ओर भी इशारा किया।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान को इस्लाम के सिद्धांतों पर चलने वाले देश के रूप में देखा जा सकता है, जबकि वहां अपने ही लोगों के साथ धार्मिक भेदभाव किया जाता है? इसके विपरीत, भारत एक बहु-धार्मिक देश होने के बावजूद सभी धर्मों को बराबरी का दर्जा देता है।
भारत का मुस्लिम समुदाय एक मिसाल
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत में रहने वाला मुस्लिम समुदाय न केवल अपनी धार्मिक पहचान को बचाए हुए है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भागीदारी भी निभा रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि तुर्किए को यह देखना चाहिए कि किस तरह भारत में मुस्लिम डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, कलाकार, और राजनीतिज्ञ अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संतुलन जरूरी
ओवैसी ने तुर्किए जैसे देशों से आग्रह किया कि वे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बनाए रखें और धार्मिक आधार पर भारत की छवि को धूमिल न करें। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र है, न्यायपालिका स्वतंत्र है और नागरिकों को अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है।
ओवैसी का यह बयान उन अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को चुनौती देता है जो भारत की छवि को मुसलमानों के मामले में नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। उन्होंने न केवल तुर्किए को भारत की ऐतिहासिक भूमिका की याद दिलाई बल्कि यह भी बताया कि भारत का मुस्लिम समाज कितना संगठित, जागरूक और देशभक्त है।
इस तरह ओवैसी ने एक बार फिर यह साबित किया कि भारत में मुस्लिमों की स्थिति का मूल्यांकन विदेशी नेताओं और सरकारों को संपूर्ण तथ्यों के आधार पर करना चाहिए न कि प्रोपेगेंडा या राजनीतिक दबाव के आधार पर।
Asaduddin Owaisi, Member of Parliament and AIMIM chief, strongly reminded Turkey of India’s long-standing relations and the presence of over 200 million respected Muslims in India. Highlighting India’s historical contribution to Turkey’s Isbank and contrasting Pakistan’s poor Islamic representation, Owaisi urged Turkey to show respect towards India and its Muslim community. This statement plays a critical role in shaping the narrative around Turkey-India relations, Indian Muslims, and foreign policy debates.