UP MLA Nand Kishor Gurjar Accuses Yogi Government of Corruption, Threatens Protest
AIN NEWS 1 गाजियाबाद। लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना पैसे दिए कोई काम नहीं हो रहा है। उन्होंने इसे अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया और कहा कि प्रदेश की जनता त्रस्त है।
कलश यात्रा रोके जाने पर बवाल
लोनी में रामकथा के आयोजन से पहले बृहस्पतिवार को एक कलश यात्रा निकाली गई थी, जिसे पुलिस ने अनुमति न होने का हवाला देकर रोक दिया। इस पर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। विधायक नंद किशोर गुर्जर के अनुसार, इस झड़प में उनका कुर्ता फट गया, जिसे वह प्रदर्शन के रूप में पहनकर कलक्ट्रेट पहुंचे।
उन्होंने घोषणा की कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, वह यही कुर्ता पहनकर जमीन पर सोएंगे।
विधायक का सरकार पर हमला
पत्रकारों से बातचीत में विधायक ने कहा,
“सपा और बसपा सरकार में कलश यात्रा पर पुष्पवर्षा होती थी, लेकिन इस सरकार में यात्रा रोक दी गई, महिलाओं तक से बदसलूकी हुई। यह कैसी सनातन की सरकार है जो रामचरित मानस को खंडित करने का प्रयास कर रही है?”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर 28 मार्च तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वह लखनऊ में मुख्यमंत्री सचिवालय के सामने अन्न-जल त्यागकर धरना देंगे।
पुलिस प्रशासन की सफाई
लोनी के एसीपी अजय कुमार ने बताया कि यात्रा को अनुमति नहीं दी गई थी, इसलिए उसे रोका गया। उनके अनुसार, विधायक के आरोपों की कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है और न ही ऐसी कोई घटना का वीडियो मिला है।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद का अनशन
लोनी की घटना के विरोध में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर के तबादले की मांग की और कहा कि यदि सोमवार तक कार्रवाई नहीं हुई तो वह जल का भी त्याग कर देंगे।
साध्वी प्राची का विरोध प्रदर्शन
राम कथा में पहुंचीं साध्वी प्राची ने कलश यात्रा रोके जाने पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा,
“जो लोग कलश यात्रा में शामिल भक्तों से अभद्रता कर रहे हैं और धर्म का अपमान कर रहे हैं, भगवान उनकी चमड़ी उधेड़ देंगे।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अन्य धर्मों के कार्यक्रमों को बिना अनुमति के भी होने देती है, लेकिन हिंदू आयोजनों पर रोक लगाई जाती है।
अखिलेश यादव का तंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस विवाद पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा,
“भाजपा विधायकों की धमकियों को देखते हुए यूपी में एक ‘धमकी मंत्रालय’ बना देना चाहिए। मुख्यमंत्री खुद इसके मंत्री बन सकते हैं, क्योंकि इसमें उनसे बड़ा कोई विशेषज्ञ नहीं है।”
नंद किशोर गुर्जर के सनसनीखेज आरोप
विधायक ने यह भी दावा किया कि कुछ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ तंत्र-मंत्र कराया है। उन्होंने कहा,
“योगी जी पहले ऐसे नहीं थे, कुछ अफसरों ने कामाख्या देवी जाकर उनके खिलाफ तंत्र-मंत्र करा दिया है। मैं एक बड़ा हवन कराऊंगा ताकि वह अपने पुराने स्वरूप में लौट आएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि एक आईपीएस अधिकारी ने उन्हें साजिश की जानकारी दी, जिसमें उनकी हत्या की योजना थी, लेकिन वह नाकाम रही। हालांकि, उन्होंने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया।
गाजियाबाद में बढ़ते अपराधों का मुद्दा
विधायक ने आरोप लगाया कि गाजियाबाद में बड़े पैमाने पर गोकशी हो रही है। उन्होंने कहा,
“फैक्ट्रियों के बाहर लिखा होता है कि यह भैंस का मांस है, लेकिन अंदर गोकशी हो रही है। अपराध बढ़ गया है, महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं, मुकदमे दर्ज नहीं हो रहे और अधिकारी मुख्यमंत्री से झूठ बोल रहे हैं कि अपराध शून्य हो गया है।”
उन्होंने पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो किसी अन्य धर्म के आयोजन को रोककर दिखाएं।
विधायक नंद किशोर गुर्जर के आरोपों से यूपी की राजनीति गरमा गई है। उन्होंने प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं पुलिस ने आरोपों को खारिज किया है। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है, लेकिन भाजपा विधायक के इस विरोध प्रदर्शन से सरकार पर दबाव जरूर बढ़ सकता है।
BJP MLA Nand Kishor Gurjar has accused the Yogi government of massive corruption in Uttar Pradesh, claiming that no work is done without bribes. He also alleged that the police stopped a Hindu religious event, the Kalash Yatra, in Loni without any valid reason. Protesting against this, he has threatened a hunger strike if action is not taken against the officials involved. Meanwhile, Hindu leader Yati Narsinghanand has also started a protest demanding the transfer of the police commissioner. This incident has ignited a political controversy, with opposition leaders like Akhilesh Yadav mocking the BJP government. The UP police have denied the allegations, stating that no official complaint has been registered. The situation remains tense as the MLA has vowed to continue his protest until justice is served.