तीन साल से झोंक रहा था अफसरों की आंखों में धूल, एक बार भी नहीं कराई गई पड़ताल, अयोध्या में पकड़ा गया शातिर अनुप चौधरी।

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बता दे कि यूपी के गाजियाबाद में पुलिस प्रशासन के अफसर तीन साल तक फर्जी आदेश पर एक जालसाज को पुलिस सुरक्षा देते रहे । वह खुद को कभी भाजपा का बड़ा पदाधिकारी और कभी किसी आयोग का सदस्य लिखकर डीएम और एसएसपी दफ्तर में ई-मेल कर देता और फिर इसी पर उसे वीआईपी बनकर घूमने के लिए गनर मुहैया करा दिया जाता था और इसी तरह पुलिस और प्रशासन के अफसर तीन साल तक फर्जी काम करते रहे. आपको बता दे अयोध्या के रहने वाले अनूप चौधरी नाम के इस शख्स की जालसाजी और गाजियाबाद के अफसरों की

लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब 2 दिन पहले 23 अक्टूबर को अयोध्या में स्पेशल ट्राक्स फोर्स ने उसे करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद गाजियाबाद पुलिस की वीआईपी सेल प्रभारी मंडप अरोड़ा की ओर से उनके खिलाफ बुधवार को फर्जी आदेश बनाकर पुलिस सुरक्षा लेने की एफआईआर दर्ज कराई गई है साथ ही इसमें धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराएं लगाई गई है बता दिया आपको पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उसमें डीएम और एसएसपी दफ्तर की ईमेल आईडी पर पहली बार फर्जी आदेश या 18 अक्टूबर 2020 में भेजा था इस पर आदेश जारी हुआ कि अनूप चौधरी के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए एक बार अफसर झांसे में आ गए और अफसर ने जांच पड़ताल नहीं किया और उनका सुरक्षा मुहैया कर दिया और फिर उसका दूस्साहस बढ़ता ही चला गया वह हर दूसरे तीसरे महीने इसी तरह के फर्जी आदेश ईमेल से भेजने लगा और उसे सुरक्षा मिलने लगी उसने 9 बार खुद को भाजपा अनुसूची जाति मोर्चा महाराष्ट्र का प्रभारी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य लिखते हुए ईमेल किया था बिना जांचपड़ताल के विना ही सुरक्षा मुहया करा दिया. उसने आठ बार रेलवे बोर्ड और फिल्म विकास परिषद का सदस्य बताते हुए और वही दो बार भारतीय खाद्य निगम और फिल्म विकास परिषद का सदस्य बताते हुए ईमेल से सुरक्षा मुहैया करने का आदेश भेजो सभी आदेश उसे ओएसडी की ओर से बताए जाते थे.बता दे कि इसी तरह तीन साल से अफसरों की आखों ने घूल झोंक रहा था.  फिलहाल  अयोध्या में पकड़ा गया ये शातिर अनुप चौधरी गाजियाबाद के कविनगर थाने मे इसके उपर केस दर्ज किया गया है.

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