उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पुनर्गठन की जरूरत : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ!

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Yogi Adityanath Calls for Restructuring of UP Pollution Control Board for Better Environmental Governance

 

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बोर्ड के कार्यों, उसके प्रभाव, और बदलते पर्यावरणीय परिदृश्य के अनुरूप सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘Reform, Perform, Transform’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी विज़न के तहत यूपीपीसीबी को नए युग की चुनौतियों के हिसाब से खुद को तैयार करना होगा।

1995 से अब तक की स्थिति में बड़ा बदलाव

मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपीपीसीबी की स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी। तब से अब तक पर्यावरणीय स्थितियों, उद्योगों की संख्या, जनसंख्या, और प्रदूषण के स्तर में बहुत बड़े परिवर्तन आए हैं। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण संरक्षण एक अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। ऐसे में बोर्ड की संरचना, कार्यप्रणाली और तकनीकी क्षमता में समय के अनुसार बदलाव आवश्यक हो गया है।

बोर्ड की मौजूदा भूमिका पर सवाल

योगी आदित्यनाथ ने बोर्ड की मौजूदा भूमिका पर भी सवाल उठाया और कहा कि जिस तरह से प्रदूषण की चुनौती दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है, उस दृष्टिकोण से यूपीपीसीबी को ज़्यादा प्रभावी और उत्तरदायी बनाना होगा। केवल रिपोर्ट तैयार करना या सैंपल लेना पर्याप्त नहीं है, बल्कि ठोस कार्ययोजना और पारदर्शिता के साथ अमल भी ज़रूरी है।

तकनीक और आधुनिक उपकरणों का उपयोग

मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि बोर्ड को आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए। जैसे – रियल टाइम डेटा मॉनिटरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और बिग डेटा एनालिटिक्स की मदद से प्रदूषण की वास्तविक समय में निगरानी की जानी चाहिए। इससे न केवल प्रदूषण के स्रोतों की पहचान संभव होगी, बल्कि त्वरित कार्यवाही भी हो सकेगी।

जनभागीदारी और पारदर्शिता की ज़रूरत

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण केवल सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है, इसमें आम जनता की भागीदारी भी जरूरी है। यूपीपीसीबी को जागरूकता अभियान चलाने चाहिए ताकि नागरिकों को यह समझाया जा सके कि उनका पर्यावरण की सुरक्षा में क्या योगदान हो सकता है। साथ ही, बोर्ड को अपने कार्यों में पारदर्शिता लानी चाहिए जिससे जनता का भरोसा भी बढ़े।

एकीकृत कार्यप्रणाली और बेहतर समन्वय

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीपीसीबी को नगर निगम, जल संस्थान, परिवहन विभाग, और औद्योगिक इकाइयों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करना होगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बोर्ड को अपनी कार्यप्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना चाहिए ताकि शिकायतों का त्वरित समाधान हो सके और आम नागरिकों को अपनी बात रखने का माध्यम मिले।

भविष्य की योजनाएं और दिशा

इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि जल्द ही यूपीपीसीबी के पुनर्गठन की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसमें न केवल बोर्ड की आंतरिक संरचना में बदलाव होगा, बल्कि कार्यक्षेत्र का विस्तार, अधिकारियों की जवाबदेही तय करना, और उच्च तकनीकी संसाधनों का समावेश भी शामिल होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड को केवल एक नियंत्रक संस्था के रूप में न देख कर, उसे एक मार्गदर्शक और समाधान प्रदाता संस्था के रूप में विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरणीय विषयों को लेकर गंभीर है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यूपीपीसीबी का पुनर्गठन इस दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath emphasized the urgent need to restructure the UP Pollution Control Board (UPPCB) in accordance with Prime Minister Narendra Modi’s vision of Reform, Perform, Transform. Highlighting the evolving challenges in pollution control, CM Yogi stressed the importance of environmental governance, real-time monitoring, transparency, and public participation. This step aims to strengthen pollution management in Uttar Pradesh and create a cleaner, safer environment for future generations.

 

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