AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में 1947 से अब तक हुए दंगों और हिंदुओं की हत्याओं का मुद्दा उठाया। योगी ने कहा कि इन दंगों में 209 हिंदुओं की हत्या हुई, लेकिन किसी ने उनके लिए संवेदना व्यक्त नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हाल की घटनाओं पर आंसू बहा रहे हैं, लेकिन दशकों से हुई हिंसा पर चुप्पी साधे रहे। योगी ने जोर देकर कहा कि भारत राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपराओं पर चलेगा, न कि बाबर और औरंगजेब की।
मुख्यमंत्री योगी की 5 बड़ी बातें
1. धार्मिक जुलूसों पर सवाल:
योगी ने कहा कि मुस्लिम समाज का जुलूस मंदिर के सामने से निकलता है, तो कोई समस्या नहीं होती, लेकिन जब हिंदू समाज की शोभायात्रा मस्जिद के सामने से निकलती है, तो विवाद क्यों होता है?
2. नारे और धार्मिक आजादी का मुद्दा:
उन्होंने कहा, “अगर मैं कहूं कि ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा मुझे पसंद नहीं, तो कैसा लगेगा? लेकिन मैं ‘जय श्रीराम’ और ‘राधे-राधे’ कहकर अपनी जिंदगी जी सकता हूं।”
3. संविधान की बात:
योगी ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ जैसे शब्द नहीं थे। उन्होंने संविधान पढ़ने की अपील करते हुए कहा कि इसमें राम, कृष्ण, बुद्ध और बजरंगबली की झलक मिलती है।
4. पत्थरबाजों पर कार्रवाई का आश्वासन:
योगी ने कहा, “संभल में तनावपूर्ण माहौल किसने बनाया? पत्थरबाज कौन हैं? बिना सबूत के किसी निर्दोष की गिरफ्तारी नहीं होगी, लेकिन जिसने पत्थर फेंका है, वह बचेगा भी नहीं।”
5. संभल विवाद का जिक्र:
योगी ने बताया कि जामा मस्जिद को लेकर सुन्नी और शिया समुदायों के बीच का विवाद भाजपा शासन में ही सुलझा। अब हिंदुओं के साथ विवाद किया जा रहा है।
संभल में दंगों का इतिहास
योगी ने बताया कि आजादी के बाद संभल में 16 बड़े दंगे हुए, जिनमें 209 हिंदुओं की हत्या हुई। उन्होंने 1978 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस साल 184 हिंदुओं को जिंदा जलाकर मार दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि इन निर्दोषों के लिए कभी किसी ने संवेदना क्यों नहीं जताई।
1978 में एक मंदिर को बंद कर दिया गया था, जिसे अब भाजपा शासन में खोला गया। योगी ने कहा कि उस समय हिंदू परिवारों को घेरकर मारा गया, उनकी संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया।
दंगे और कानून-व्यवस्था पर मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में अब कानून का राज है। पहले दंगों के कारण प्रदेश का माहौल खराब रहता था, लेकिन अब प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। उन्होंने 1972 से लेकर हाल के समय तक यूपी में हुए दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि अब जनता को न्यायपालिका और प्रशासन पर भरोसा है।
“हम न बंटेंगे, न कटेंगे”
योगी ने कहा कि भाजपा सरकार में सांप्रदायिक विवादों को खत्म करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने दोहराया कि “हम न बंटेंगे और न कटेंगे।” साथ ही, उन्होंने दंगों में शामिल पत्थरबाजों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
समान नागरिक संहिता और सुप्रीम कोर्ट का समर्थन
योगी ने समान नागरिक संहिता पर भी बात की और कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने इसका समर्थन किया, तो कुछ लोगों ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग कर दी। उन्होंने राज्यसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने को भी गलत ठहराया।
अल्लामा इकबाल पर निशाना
योगी ने सदन में कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराएं राम, कृष्ण और बुद्ध से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा, “बाबरनामा पढ़िए। बाबर ने हर मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया। लेकिन भारत की परंपराएं चिरस्थायी हैं। सूर्य, चांद और सत्य को कोई छुपा नहीं सकता।”
दंगे क्यों होते हैं?
योगी ने कहा कि हिंदुओं की शोभायात्रा पर सवाल उठाने वाले वही लोग हैं, जो जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ भाषण देकर माहौल खराब करते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में जुमे की नमाज के बाद संभल में जो तकरीरें दी गईं, उससे तनाव फैला। सरकार ने इस घटना पर न्यायिक जांच आयोग बनाने का निर्णय लिया है।
भविष्य के लिए सख्त संदेश
योगी ने कहा कि उनकी सरकार किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं करेगी, लेकिन पत्थरबाजों, दंगाइयों और कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें राम और कृष्ण पर विश्वास है। हम न्याय की परंपराओं में यकीन रखते हैं।”
इस दौरान विपक्ष ने योगी के बयानों पर हंगामा किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश की शांति और सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है।