Saturday, May 4, 2024

भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर, जहा पर दिन में दो बार शिवलिंग गायब हो जाता है, क्या है इस की परंपरा,क्या है इस मंदिर का चमत्कार ?

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भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर, जहा पर दिन ने दो बार शिवलिंग गायब हो जाती है, क्या है इस की परंपरा,क्या है इस मंदिर का चमत्कार ?
आप सभी ने देश में काफी सारे मंदिर देखा होग और लगभग सारे मंदिरो की कुछ ना कुछ परंपरा जरुर होती है। आज जिस  मंदिर के बारे में आपको मे बताने जा रही हूं उस मंदिर तो आप चमत्कारी मंदिर भी आप बोल सकते है। जी हां आप ठीक सुन रहे है एक ऐसा मंदिर जहां  दिन में दो बार गायब हो जाता है शिवलिंग, आखिर क्या वजह शिवलिगं गायब होने की । चलिऐ बताते है आपको यह मंदिर कहा स्थित है।
कहा स्थित है चमत्कारी मंदिर   
आपको बता दे कि यह चमत्कारी मदिंर गुजरात के वडोदरा शहर में भोलेनाथ का एक ऐसा अनोखा मंदिर मौजूद है जो दिन में दो बार क्षण भर के लिए गायब हो जाता है, एक बार सुबह और दूसरी बार शाम को ये शिवलिंग गायब होते है। हालांकि कुछ समय बाद , उसी स्थान पर फिर से दिखाई देता है।
बता दे कि यह असाधाकण घटना बढ़ते ज्वार के कारण होती है। इस मंदिर को देखने के लिए कई भक्त दूर-दूर से यात्रा करते है, और यह भारत और अंतराष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है और लोग इस चमत्कार को अपनी आँखों से देखने के लिए उमड़ पड़ते है।
इस चमत्कारी मंदिर को किस नाम से जाना जाता है
 आपको बता दे कि इस मंदिर की प्रतिष्ठा समुद्र के द्वारा की गई है। ज्ञात हो कि भगवान शिव का मंदिर, जिसे स्तंभेश्वर के नाम से जाना जाता है, वडोदरा से लगभग 85 किलोमीटर दूर जंबूसर तहसील के कवि-कम्बोई गांव में स्थित है। कैम्बे तट पर अरब सागर के मध्य में स्थित वडोदरा का स्तंभेश्वर महादेव मंदिर अद्वितीय है। मंदिर के भीतर का शिवलिंग 4 फीट लंबा और 2 फीट व्यास का है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन से जीवन की सभी चुनौतियाँ दूर हो जाती हैं।
बता जाता है कि भगवान शिव का मंदिर दिन में दो बार, सुबह और शाम दोनों समय गायब हो जाता है, यही वजह है कि इस असाधारण घटना को देखने के लिए हर साल हजारों भक्त यहां आते हैं। यह मंदिर समुद्र के पास स्थित है और इसकी खोज लगभग 150 साल पहले की गई थी। मंदिर के भीतर स्थित शिवलिंग 4 फीट की ऊंचाई पर है और इसका व्यास 2 फीट है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर का गायब होना समुद्र में उठती लहरों के कारण हुई एक प्राकृतिक घटना है। जब ज्वार कम हो जाता है, तो मंदिर फिर से उभर आता है और फिर से दिखाई देने लगता है। गौरतलब है कि इस मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसके दर्शन करने से जीवन की कठिनाइयां दूर हो जाती हैं।              
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