महिलाएं घर में भी नही है सुरक्षित ! अपके होश उड़ा देगी ये रिपोर्ट , छह लाख महिलाओ के साथ हुआ अत्याचार।

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महिलाएं घर में भी नही है सुरक्षित ! अपके होश उड़ा देगी ये रिपोर्ट , छह लाख महिलाओ के साथ हुआ अत्याचार।

कहते है कि महिला भगवाम के बाद माता-पिता को उनका दर्जा दिया जाता है क्या कभी अपने सोचा है कि जिस माता पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है और फिर बाद में वो ही माता पिता कालयुगी माता पिता बन जाते है। हर माता पिता के लिए उसके बच्चे बहुत ही ज्यादा प्यारे होते है कभी कोई सोच भी नहीं सकता है कि कोई माता पिता अपने बच्चो के साथ अत्याचार कर सकता है। वही  दिल्ली में बड़ी संख्या में महिलाएं अपनों की ही हिंसा का शिकार हुई हैं। बीते एक साल में महिलाओं के खिलाफ जो मामले दिल्ली महिला आयोग के सामने आए, उसमें सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की है। हर दिन करीब 105 महिलाओं के साथ घरों में मारपीट की शिकायत मिली है। इसका खुलासा दिल्ली महिला आयोग की एक रिपोर्ट से हुआ है। आपको बता दे कि दिल्ली मे और गाजियाबाद में बहुत सी मंहिलाऐ ऐसी है जिनके साथ आपने घर वालों ने ही दुष्कर्म किया है इसका खुलासा दिल्ली महिला आयोग की एक रिपोर्ट से हुआ है। आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने शनिवार इसे जारी किया।

रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा     

बता दे कि रिपोर्ट के मुताबिक  जुलाई 2022 से जून 2023 के बीच आयोग के हेल्पलाइन नंबर में आई शिकायतों के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट में आयु वर्ग, क्षेत्र और समय के आधार पर भी शिकायतों का विश्लेषण करती है। सबसे ज्यादा शिकायतें 21-31 आयु वर्ग की महिलाओं की आई है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि  एक साल में आयोग को 6,30,288 शिकायतें मिलीं। इसमें से 92,004 शिकायत पर मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें से सबसे ज्यादा 38,342 मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हैं। इसके बाद नंबर पड़ोसियों के साथ झगड़े का है। यह आंकड़ा 9,516 है। आयोग को बलात्कार और यौन उत्पीड़न के 5,895 मामले, पॉक्सो के 3,647 मामले, अपहरण के 4,229 मामले और साइबर अपराध के 3,558 मामले हैं। आयोग को अपनी 181 हेल्पलाइन पर 1,552 गुमशुदा शिकायतें भी मिली हैं।

 आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दी जानकारी 

अपको बता दे कि आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि यह रिपोर्ट को केंद्र और राज्य सरकार को भेजी जाएगी। आयोग दोनों सरकारों से राजधानी में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर काम करने में मदद मांगेगा। मालीवाल ने बताया कि बीते 7 सालों में आयोग को टोल फ्री नंबर 181 पर करीब 40 लाख शिकायतें मिली हैं। बीते एक साल में यह आंकड़ा 6.3 लाख से ज्यादा का है। आयोग संकटग्रस्त महिलाओं एवं लड़कियों की हर संभव मदद करता है।

साथ ही स्वाति मालीवाल ने बताया कि सबसे ज्यादा करीब 41.5 फीसदी मामले 21-31 साल की युवतियों के खिलाफ हुए हैं। जबकि 31-40 उम्र की महिलाओं की संख्या 21.8 फीसदी है। 11-20 आयु वर्ग में 18.41 फीसदी और 41-50 वर्ष आयु वर्ग में 7.26 फीसदी मामले मिले हैं। आयोग को 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग चार फीसदी यानि करीब 3,735 शिकायतें मिलीं। इनमें 90 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के 40 मामले शामिल हैं। वही महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित सबसे अधिक मामले नरेला व भलस्वा डेयरी क्षेत्र से सामने आए हैं। जिसमें नरेला इलाके से दो हजार 976 मिले हैं। इसके बाद भलस्वा डेयरी से 1651, बुराड़ी से 1523, कल्याणपुरी से 1371 और जहांगीरपुरी इलाके से 1221 मामले शामिल हैं और अभी भी दिन पर दिन मामले बढ़ते जा रहे है।

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