Friday, January 3, 2025

बुलंदशहर: CBI पूछताछ के बाद डाककर्मी ने ट्रेन के आगे कूदकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप?

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AIN NEWS 1: बुलंदशहर के एक डाककर्मी ने शनिवार को सीबीआई द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद रविवार सुबह आत्महत्या कर ली। डाककर्मी ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दी। मृतक की पहचान राहुल कुमार (28) के रूप में हुई है। राहुल उप डाकपाल के पद पर तैनात था और ढाई करोड़ रुपये के गबन के आरोप में एक महीने से सस्पेंड चल रहा था। उसने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसे उसने अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर भी डाला। सुसाइड नोट में उसने खुद को बेकसूर बताते हुए सीनियर अफसरों पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

पूछताछ के बाद परेशान था राहुल

शनिवार को सीबीआई ने राहुल कुमार से गाजियाबाद में 6 घंटे तक पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद राहुल को छोड़ दिया गया था, लेकिन वह घर लौटते समय काफी परेशान दिखाई दे रहे थे। घरवालों के मुताबिक, राहुल रात का खाना खाने के बाद सो गए, और अगले दिन सुबह दूध लेने निकले थे। दूध वाले के घर दूध का डिब्बा रखने के बाद वह सीधे गिरधारी नगर रेलवे क्रॉसिंग पहुंचे, जहां उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। रेलकर्मियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी।

पहले भी हुआ था एक आत्महत्या

यह घटना अकेली नहीं है। इससे पहले, 21 जुलाई को बुलंदशहर के प्रधान डाकघर के अधीक्षक टीपी सिंह ने भी आत्महत्या की थी। उन्होंने अलीगढ़ में अपने घर पर खुद को गोली मारी थी। टीपी सिंह ने मरने से पहले SSP अलीगढ़ को एक सुसाइड नोट भेजा था, जिसमें उन्होंने खुद को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था।

भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई

राहुल कुमार और टीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में जांच की जा रही थी। अगस्त में इस मामले में पहली FIR दर्ज की गई थी, जिसमें डाकपाल टीपी सिंह, उप डाकपाल राहुल कुमार, क्लर्क गोपाल और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नामजद किया गया था। इसके बाद, CBI ने गाजियाबाद स्थित प्रधान डाकघर पर 20 जुलाई को छापेमारी की थी और वहां से कई दस्तावेजों की जांच की थी।

फर्जी टिकटों का मामला

जांच में यह भी सामने आया कि लखावटी डाकखाने में 2 करोड़ 50 लाख रुपये के जाली टिकट लगाए गए थे। इन जाली टिकटों का इस्तेमाल मेल बुकिंग (रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट, और पार्सल) में किया गया था। इसमें डाक अधीक्षक, उप डाकपाल, क्लर्क और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल थे। इसके बाद 26 नवंबर को इन सभी को सस्पेंड कर दिया गया था।

यह मामला गंभीर सवाल उठाता है कि डाक विभाग में भ्रष्टाचार और अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों पर प्रताड़ना का सिलसिला कब थमेगा। CBI और अन्य संबंधित विभागों द्वारा इस मामले की जांच जारी है।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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