Fake IAS Claim Exposed: Sarvan Kumari Falsely Claims UPSC Rank 145 in Bareilly
UPSC रिजल्ट में फर्जीवाड़ा: आईएएस बनने का झूठा दावा करने वाली निकली सरवन कुमारी
AIN NEWS 1: यूपीएससी रिजल्ट 2024 में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भमोरा ब्लॉक के रुद्रपुर गांव की रहने वाली सरवन कुमारी ने खुद को आईएएस अधिकारी बताकर पूरे इलाके में झूठी शोहरत बटोरी। उसने दावा किया कि उसे यूपीएससी परीक्षा में 145वीं रैंक मिली है और वह आईएएस बन गई है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली।
कैसे खुला झूठ का पर्दाफाश
मंगलवार को जब यूपीएससी का रिजल्ट आया, तब रुद्रपुर गांव की सरवन कुमारी ने खुद को ‘सृष्टि’ बताते हुए अपने चयन का दावा किया। परिवार वालों ने मिठाइयां बांटीं, बधाइयों की होड़ लग गई और सोशल मीडिया पर लड़की के आईएएस बनने की खबरें वायरल हो गईं। खुद को एक किसान ओमकार सिंह की बेटी और पंचायत सहायक बताते हुए युवती ने मीडिया से बात भी की और कहा कि उसने कोचिंग नहीं ली, बल्कि यूट्यूब और फ्री ऑनलाइन कंटेंट से पढ़ाई कर यूपीएससी क्रैक किया।
लेकिन अगले ही दिन बुधवार को सच्चाई सामने आ गई। सोशल मीडिया पर जानकारी फैली कि जिस सृष्टि को 145वीं रैंक मिली है, वह बिहार की रहने वाली है और उसका बरेली से कोई संबंध नहीं है। यानी सरवन कुमारी ने किसी और के नाम और पहचान का गलत इस्तेमाल किया।
झूठ पकड़े जाने के बाद पुलिस में दी सफाई
बुधवार की शाम जब मामला तूल पकड़ने लगा तो सरवन कुमारी खुद भमोरा थाने पहुंची और पुलिस को लिखित में बयान दिया कि उसका यूपीएससी में चयन नहीं हुआ है। उसने बताया कि 2024 की यूपीएससी परीक्षा में उसने जरूर भाग लिया था, लेकिन उसका नाम सूची में नहीं है। उसने कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने गलत जानकारी वायरल कर दी और उसके नाम से एक एडमिट कार्ड भी फैलाया गया जिसमें असली नाम ‘सृष्टि’ था। उसने यह भी स्पष्ट किया कि वायरल हुए रोल नंबर और नाम से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
परिवार की भूमिका पर भी सवाल
इस पूरे प्रकरण में सवाल यह भी उठता है कि जब परिवार को बेटी के चयन की जानकारी नहीं थी तो उन्होंने मिठाइयां क्यों बांटीं, सोशल मीडिया पर पोस्ट क्यों कीं, और बेटी के साथ फोटो क्यों वायरल की? यहां तक कि एक कोचिंग संस्थान द्वारा सम्मानित किए जाने का भी दावा किया गया। मीडिया के सामने युवती ने खुद को सृष्टि कहकर कई बातें साझा कीं, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो अचानक पुलिस को लिखित जानकारी देकर खुद को अलग कर लिया।
राजनीतिक और सामाजिक बधाइयों की बाढ़
फर्जी दावे के बाद जब तक सच्चाई सामने नहीं आई थी, तब तक गांव में जश्न का माहौल था। कई स्थानीय नेता जैसे भाजपा नेता सतीश यादव और ब्लॉक प्रमुख वेद प्रकाश यादव भी सरवन कुमारी के घर बधाई देने पहुंचे। पुलिस अधिकारी भी बधाई देने की योजना बना रहे थे, लेकिन तब तक खबर आ गई कि मामला फर्जी है। थाने के इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा ने बताया कि युवती ने खुद आकर जानकारी दी कि वह सृष्टि नहीं है और उसका चयन नहीं हुआ।
बड़ा सवाल: बधाइयां लेते समय क्यों नहीं बताई सच्चाई?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सरवन कुमारी को बधाइयां मिल रही थीं, तब उसने यह क्यों नहीं बताया कि वह सृष्टि नहीं है? क्यों उसने आईएएस बनने का नाटक किया? क्यों मीडिया के सामने बैठकर उसने अपनी तैयारी की कहानी सुनाई? क्या यह महज झूठा नाम कमाने का तरीका था या किसी और मकसद से किया गया फर्जीवाड़ा?
पुलिस जांच शुरू, कानूनी कार्रवाई संभव
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस को जो शैक्षिक दस्तावेज मिले हैं, वे सरवन कुमारी के ही नाम पर हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि सरवन ने किसी और की पहचान का उपयोग कर झूठा दावा किया। इस मामले में धारा 419 (धोखाधड़ी से पहचान छिपाना), 420 (धोखाधड़ी), और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
साक्ष्य अमर उजाला के पास मौजूद
इस पूरी घटना का खुलासा अमर उजाला के पास मौजूद दस्तावेजों और सोशल मीडिया पोस्ट से हुआ। युवती की वायरल फोटो, माता-पिता द्वारा मिठाई खिलाते हुए तस्वीर, मीडिया को दिए गए बयान, सब कुछ रिकॉर्ड में है। ऐसे में अब पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं कि सरवन कुमारी ने जानबूझकर खुद को सृष्टि बताकर फर्जी तरीके से आईएएस बनने का दावा किया।
यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने का यह मामला न केवल शर्मनाक है बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है। सरवन कुमारी ने जिस तरह एक दूसरे उम्मीदवार की पहचान चुराकर आईएएस बनने का झूठा दावा किया, वह न सिर्फ कानूनन अपराध है, बल्कि लाखों मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों का भी अपमान है। अब देखना यह है कि पुलिस जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है और क्या इस झूठ के पीछे और भी कोई शामिल है।
In a shocking incident from Bareilly, Sarvan Kumari falsely claimed UPSC Rank 145 and impersonated IAS topper Srishti, sparking widespread celebration. However, investigation revealed she is not among the selected candidates in the UPSC 2024 result. The real Srishti, who holds Rank 145, is from Bihar. This UPSC fraud case has triggered police action and media attention, raising concerns over identity misuse and fake IAS claims.