Bareilly Teacher Marries Four Times in Two Years, Files for Fourth Divorce Claiming Search for Ideal Wife
बरेली के शिक्षक ने दो साल में की चार शादियां, अब चौथी पत्नी से भी तलाक की मांग
AIN NEWS 1: बरेली के एक कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत 40 वर्षीय शिक्षक इन दिनों अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर चर्चा में है। शिक्षक ने दो वर्षों में चार महिलाओं से निकाह किया और अब चौथी पत्नी से भी तलाक की अर्जी अदालत में दाखिल कर दी है। इससे पहले वह तीन पत्नियों को तलाक दे चुका है। उसका कहना है कि वह अब भी “मनमाफिक” पत्नी की तलाश में है।
लगातार शादियां और तलाक: एक खतरनाक सिलसिला
जानकारी के अनुसार, शिक्षक ने पहली शादी करीब ढाई साल पहले की थी। फिर एक-एक करके दो और निकाह किए, जिन्हें कुछ समय बाद तलाक दे दिया। चौथी शादी करीब दो महीने पहले हुई, लेकिन अब उससे भी पीछा छुड़ाने की कोशिश की जा रही है। शिक्षक ने परिवार न्यायालय तृतीय में तलाक की अर्जी दी है।
इस सिलसिले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षक इस तरह से शादियां और तलाक सिर्फ इसलिए करता है क्योंकि उसे अपनी “पसंद की पत्नी” नहीं मिल रही। उसका कहना है कि वह किसी महिला के साथ तभी रह सकता है जब वह उसकी सोच और जीवनशैली से मेल खाती हो। यदि ऐसा नहीं होता तो वह तलाक दे देता है।
चौथी पत्नी की आपबीती: “मैं भी बस एक संख्या बनकर न रह जाऊं”
32 वर्षीय चौथी पत्नी ने अदालत में बयान देते हुए कहा कि उसके पति को शादी और तलाक की लत लग चुकी है। जैसे पहले की तीनों महिलाओं को छोड़ा गया, अब उसके साथ भी वही कहानी दोहराई जा रही है।
उसने बताया, “शादी के बाद मुझे महसूस हुआ कि वह मेरे साथ गंभीर नहीं हैं। मेरे साथ समय नहीं बिताते, और बात-बात में तलाक की धमकी देते हैं। मैं चाहती हूं कि मुझे इंसाफ मिले। मैं बस एक और संख्या बनकर रहना नहीं चाहती।”
पहली, दूसरी और तीसरी पत्नियां: तलाक और गुजारा भत्ता
शिक्षक की पहली पत्नी की उम्र 35 वर्ष, दूसरी की 30 और तीसरी की 28 वर्ष बताई जा रही है। तीनों महिलाओं को अदालत के आदेश के बाद शिक्षक गुजारा भत्ता दे रहा है। तीनों का आरोप है कि शादी के कुछ ही महीनों बाद उनके साथ व्यवहार बदल गया था। शिक्षक ने जल्द ही उन्हें छोड़ दिया और फिर से शादी कर ली।
शिक्षक की दलील: “मैं खुश नहीं, इसलिए रिश्ता तोड़ देता हूं”
शिक्षक ने अदालत में अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं शादी इसलिए करता हूं ताकि मुझे मेरी पसंद की पत्नी मिल सके। लेकिन कुछ समय बाद मुझे लगता है कि मेरी पत्नी मेरे अनुसार नहीं है या खुश नहीं है। इसलिए मैं तलाक की अर्जी देता हूं और गुजारा भत्ता देता हूं।”
उसने यह भी कहा कि वह किसी को जबरदस्ती अपने साथ नहीं रख सकता और वह किसी ऐसे रिश्ते में नहीं रहना चाहता जिसमें दोनों खुश न हों। इसी तर्क के आधार पर उसने चौथी पत्नी से भी तलाक मांगा है।
चौथी पत्नी की गुहार: “कानून का गलत इस्तेमाल कर रहा है मेरा पति”
चौथी पत्नी का आरोप है कि उसका पति शादी को मज़ाक बना चुका है। उसने कहा कि इस तरह की हरकतें महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों के खिलाफ हैं। “अगर कोई बार-बार शादी और तलाक करता है, तो यह साफ तौर पर भावनात्मक और मानसिक शोषण है। कानून को ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाना चाहिए।”
महिला ने अदालत से अपील की है कि तलाक की अर्जी को खारिज किया जाए और उसे न्याय दिया जाए। उसने यह भी मांग की है कि पति की शादी और तलाक की आदत पर रोक लगाई जाए ताकि किसी और महिला के साथ भी ऐसा अन्याय न हो।
सामाजिक और कानूनी सवाल
यह मामला न केवल एक व्यक्ति की निजी ज़िंदगी की विचित्रता को दिखाता है, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति और विवाह जैसे पवित्र रिश्ते के साथ हो रहे खिलवाड़ पर भी सवाल उठाता है। क्या कोई व्यक्ति बार-बार विवाह करके और तलाक देकर महिलाओं को सिर्फ प्रयोग की वस्तु बना सकता है? क्या इस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
विवाह कानून के अंतर्गत तलाक एक गंभीर प्रक्रिया है, जिसका दुरुपयोग इस तरह करना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानून की भावना के भी खिलाफ है।
बरेली का यह मामला एक गंभीर सामाजिक मुद्दे की ओर इशारा करता है। जहां एक शिक्षक, जो समाज को दिशा देने का कार्य करता है, खुद बार-बार विवाह और तलाक करके समाज में गलत संदेश दे रहा है। यह आवश्यक है कि अदालत ऐसे मामलों में सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी विचार करे ताकि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा हो सके और विवाह जैसे रिश्ते को हल्के में लेने वालों पर रोक लग सके।
A shocking case has emerged from Bareilly where a college teacher married four women within two years and is now seeking divorce from his fourth wife. The teacher, who already divorced three women, claims his actions are driven by the search for an “ideal wife.” The fourth wife has approached the court for justice, highlighting the recurring pattern of marriage and divorce. This unusual case has sparked controversy, shedding light on marital exploitation and misuse of legal rights by the teacher.